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गुजरात में 196 मासूमों की मौत, सीएम रूपाणी ने सवाल पर साधी चुप्पी - एशिया का सबसे बड़े सिविल अस्पताल

गुजरात में एशिया के सबसे बड़े सिविल हॉस्पिटल राजकोट में पिछले दिसंबर माह में 111 नवजात शिशुओं की मौत का मामला सामने आया है. इनमें से 96 नवजात पूर्व परिपक्व और कम वजन के थे. केटी चिल्ड्रेन हॉस्पिटल की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि बच्चों की देखरेख में लापरवाही बरती गई थी. जानें क्या है पूरा मामला...

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सिविल अस्पताल
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Published : Jan 5, 2020, 11:07 AM IST

Updated : Jan 5, 2020, 4:58 PM IST

गांधीनगर : गुजरात में बीते एक महीने में 196 नवजात शिशुओं की मौत का मामला सामने आया है. इस दौरान एशिया के सबसे बड़े सिविल अस्पताल (अहमदाबाद सिविल हॉस्पिटल) में 85 बच्चों की मौत हुई है, तो वहीं राजकोट के केटी चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में 111 नवजात शिशुओं की मौत हो चुकी है. आशंका जताई जा रही है कि इन आकड़ों में वृद्धि हो सकती है. गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी से राजकोट और अहमदाबाद के अस्पतालों में शिशुओं की मौत की रिपोर्ट के बारे में सवाल किया गया पर उन्होंने जवाब देना मुनासिब नहीं समझा. सीएम ने इस सवाल का कोई जवाब नहीं दिया और मामले से पल्ला झाड़ते हुए वहां से रवाना हो गए.

बता दें कि गुजरात के अहमदाबाद और राजकोट के अस्पताल में कई मासूमों की जान चली गई है. इसके अलावा राजस्थान के कोटा और बीकानेर में भी इसी तरह की घटनाएं सामने आईं हैं, जहां कई मासूम बच्चों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ गया है.

बच्चों की मौत के सवाल पर बिना जवाब दिए निकल गए सीएम विजय रूपाणी

राजकोट सिविल अस्पताल के डीन मनीष मेहता ने बताया राजकोट में मृत 111 शिशुओं में से 96 नवजात पूर्व-परिपक्व और कम वजन के थे. राजकोट सिविल अस्पताल के डीन मनीष मेहता ने बताया.

मनीष मेहता ने की मीडिया से बात

प्रारंभिक जांच में अस्पताल की लापरवाही का मामला सामने आ रहा है. इससे पता चला है कि अस्पताल में एनआईसीयू के कार्यरत न होने के कारण ऐसी घटनाएं बढ़ी हैं.

किशोर कनानी से बात

पढ़ें- राजस्थान : नहीं थम रहा जेके लोन अस्पताल में मौत का सिलसिला, अब तक 110 बच्चों ने तोड़ा दम

आपको बता दें कि दिसंबर में अनुमानित 386 बच्चों को भर्ती किया गया था, जिनमें से 111 की मृत्यु हो गई. वहीं पूरे एशिया के सबसे बड़े सिविल हॉस्पिटल (अहमदाबाद सिविल हॉस्पिटल) 85 नवजात शिशुओं की मौत हुई है.

अहमदाबाद सिविल अस्पताल के अधीक्षक जीएस राठौड़ ने बताया कि दिसंबर में 455 नवजात शिशुओं को नवजात गहन देखभाल इकाई (एनआईसीयू) में भर्ती कराया गया था, जिनमें से 85 की मृत्यु हो गई है.

अहमदाबाद सिविल अस्पताल के अधीक्षक जीएस राठौड़ से बात

पिछले 3 महीनों में अहमदाबाद में अक्टूबर में 489 भर्ती हुए थे और 93 मौतें हुईं, जो कि 19 प्रतिशत है.

अगर हम पिछले महीने यानी दिसंबर की बात करें तो 454 बच्चे जो कि हमारे अस्पताल में भर्ती हुए, उनमें से 265 बच्चे बाहर के अस्पतालों में पैदा हुए. और उन्हें यहां रेफर किया गया. यही कारण है कि उनकी हालत खराब होने के कारण तमाम कोशिशों के बावजूद हम उन्हें नहीं बचा सके.

गांधीनगर : गुजरात में बीते एक महीने में 196 नवजात शिशुओं की मौत का मामला सामने आया है. इस दौरान एशिया के सबसे बड़े सिविल अस्पताल (अहमदाबाद सिविल हॉस्पिटल) में 85 बच्चों की मौत हुई है, तो वहीं राजकोट के केटी चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में 111 नवजात शिशुओं की मौत हो चुकी है. आशंका जताई जा रही है कि इन आकड़ों में वृद्धि हो सकती है. गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी से राजकोट और अहमदाबाद के अस्पतालों में शिशुओं की मौत की रिपोर्ट के बारे में सवाल किया गया पर उन्होंने जवाब देना मुनासिब नहीं समझा. सीएम ने इस सवाल का कोई जवाब नहीं दिया और मामले से पल्ला झाड़ते हुए वहां से रवाना हो गए.

बता दें कि गुजरात के अहमदाबाद और राजकोट के अस्पताल में कई मासूमों की जान चली गई है. इसके अलावा राजस्थान के कोटा और बीकानेर में भी इसी तरह की घटनाएं सामने आईं हैं, जहां कई मासूम बच्चों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ गया है.

बच्चों की मौत के सवाल पर बिना जवाब दिए निकल गए सीएम विजय रूपाणी

राजकोट सिविल अस्पताल के डीन मनीष मेहता ने बताया राजकोट में मृत 111 शिशुओं में से 96 नवजात पूर्व-परिपक्व और कम वजन के थे. राजकोट सिविल अस्पताल के डीन मनीष मेहता ने बताया.

मनीष मेहता ने की मीडिया से बात

प्रारंभिक जांच में अस्पताल की लापरवाही का मामला सामने आ रहा है. इससे पता चला है कि अस्पताल में एनआईसीयू के कार्यरत न होने के कारण ऐसी घटनाएं बढ़ी हैं.

किशोर कनानी से बात

पढ़ें- राजस्थान : नहीं थम रहा जेके लोन अस्पताल में मौत का सिलसिला, अब तक 110 बच्चों ने तोड़ा दम

आपको बता दें कि दिसंबर में अनुमानित 386 बच्चों को भर्ती किया गया था, जिनमें से 111 की मृत्यु हो गई. वहीं पूरे एशिया के सबसे बड़े सिविल हॉस्पिटल (अहमदाबाद सिविल हॉस्पिटल) 85 नवजात शिशुओं की मौत हुई है.

अहमदाबाद सिविल अस्पताल के अधीक्षक जीएस राठौड़ ने बताया कि दिसंबर में 455 नवजात शिशुओं को नवजात गहन देखभाल इकाई (एनआईसीयू) में भर्ती कराया गया था, जिनमें से 85 की मृत्यु हो गई है.

अहमदाबाद सिविल अस्पताल के अधीक्षक जीएस राठौड़ से बात

पिछले 3 महीनों में अहमदाबाद में अक्टूबर में 489 भर्ती हुए थे और 93 मौतें हुईं, जो कि 19 प्रतिशत है.

अगर हम पिछले महीने यानी दिसंबर की बात करें तो 454 बच्चे जो कि हमारे अस्पताल में भर्ती हुए, उनमें से 265 बच्चे बाहर के अस्पतालों में पैदा हुए. और उन्हें यहां रेफर किया गया. यही कारण है कि उनकी हालत खराब होने के कारण तमाम कोशिशों के बावजूद हम उन्हें नहीं बचा सके.

Intro:

રાજકોટમાં એક માસમાં 111 શિશુના મોત, હાહાકાર

રાજકોટ: રાજસ્થાનના કોટામાં એક માસમાં 100 જેટલા બાળકોના મોત થયા છે. ત્યારે ગુજરાતના રાજકોટમાં કોટા કરતા પણ વધારે નવજાત શિશુઓના મોતનો મામલો સામે આવ્યો છે. રાજકોટ સિવિલ હોસ્પિટલ કમ્પાઉન્ડમાં આવેલ કે.ડી ચિલ્ડ્રન હોસ્પિટલની આ ઘટના છે. મૃત પામેલ 111માંથી 96 બાળકો નવજાત પ્રિ- મેચ્યોર અને ઓછા વજન વાળા હતા. પ્રાથમિક તપાસમાં સામે આવ્યું છે કે હોસ્પિટલમાં એનઆઇસીયુના કાર્ય અભાવના કારણે આ પ્રકારની ઘટનાઓ વધી છે. ઉલ્લેખનીય છે કે હોસ્પિટલમાં એનઆઈસીયુ તો છે પરંતુ તે કાર્યક્ષમ નથી. ઉલ્લેખનીય છે કે ગત ડિસેમ્બર માસમાં અંદાજીત 386 બાળકો દાખલ થયા હતા જેમાંથી 111ના મોત થયા છે. જે છેલ્લા એકમાસમાંસૌથી વધારે છે.

Body:રાજકોટમાં એક માસમાં 111 શિશુના મોત, હાહાકારConclusion:રાજકોટમાં એક માસમાં 111 શિશુના મોત, હાહાકાર
Last Updated : Jan 5, 2020, 4:58 PM IST
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