दौसा (राजस्थान) : राजस्थान में दौसा के विधायक मुरारी लाल मीणा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सीधे शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा है कि वह अपने दिमाग से यह गलतफहमी निकाल दें कि उनके नोटिस से विधायक डर जाएंगे. मुरारी लाल ने साथ ही यह भी मांग की है कि मुख्यमंत्री को पद त्याग कर सियासी लड़ाई खत्म कर देनी चाहिए.
दरअसल राजस्थान में सियासी घमासान के बीच अशोक गहलोत और पायलट खेमे में तनातनी जारी है. इस क्रम में दौसा विधायक मुरारी लाल ने गहलोत को सीधे शब्दों में जवाब दिया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर मुख्यमंत्री गहलोत से साफ शब्दों में कहा, 'गहलोत यह गलतफहमी निकाल दें कि हम डर जाएंगे. हम जनता के भरोसे विधायक बने हैं. इसलिए हम अशोक गहलोत के नोटिस से नहीं डरने वाले हैं.'
वास्तव में गहलोत असली जादूगर
मुरारी लाल ने साथ ही मांग की कि जिस तरह सोनिया गांधी ने कुर्सी का त्याग किया था, उसी तरह मुख्यमंत्री गहलोत को भी अपने पद का त्याग करके सियासी लड़ाई को खत्म कर देना चाहिए. विधायक ने कटाक्ष करते हुए कहा कि अशोक गहलोत वास्तव में असली जादूगर हैं. जादूगर वह होता है, जो सत्य कुछ और होता है और जनता को दिखाता कुछ और है. गहलोत कुछ इसी तरह का कारनामा कर रहे हैं. वह जनता को भ्रमित कर रहे हैं.
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हम बिकाऊ नहीं हैं
वहीं विधायक मुरारी लाल ने मुख्यमंत्री के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा, 'वह हम पर भ्रष्ट विधायक होने का आरोप लगा रहे हैं, लेकिन हम जब अपने साथियों के साथ बहुजन समाज पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपना समर्थन दिया था. उस दौरान उन्हें मुख्यमंत्री ने कितने पैसे में खरीदा था. कितने पैसे दिए थे.'
दौसा विधायक का कहना है कि वह 100 करोड़ में भी नहीं बिकने वाले हैं. उन्होंने कहा, 'हम अपने स्वाभिमान के लिए चुनाव लड़ कर आए हैं. हमें कोई खरीद नहीं सकता, हम बिकाऊ नहीं हैं. चुनाव जीतने के बाद गहलोत सरकार ने जो काम नहीं किया, उससे परेशान थे.'
मीणा ने कहा, 'दौसा की जनता से हमने पानी का वादा किया था, एससी-एसटी बैकलॉग, राज्यसभा चुनाव जैसी बातों से परेशान होकर पीसीसी चीफ सचिन पायलट के नेतृत्व में हम आलाकमान से मिलने आए थे. ऐसे में पीछे से मुख्यमंत्री गहलोत हमें भ्रष्ट कहकर नोटिस भिजवा रहे हैं तो गहलोत यह जान ले कि हम उनसे डरने वाले नहीं हैं.'