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शर्मनाक : बीएचयू में छात्रा को शौचालय के इस्तेमाल से रोका गया, जांच के आदेश

उत्तर प्रदेश के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) की एक महिला छात्रा ने आरोप लगाया है कि दो प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सुरक्षा गार्डों ने उसे परिसर के शौचालय में प्रवेश करने से रोका है. जानें क्या है पूरा मामला....

बीएचयू की छात्रा
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Published : Jul 13, 2019, 4:28 PM IST

वाराणसी: उत्तर प्रदेश के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) की एक महिला छात्रा ने आरोप लगाया है कि दो प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सुरक्षा गार्डों ने उसे परिसर के शौचालय में प्रवेश करने से रोका. हालांकि दोनों गार्डों ने भेदभाव करने के आरोपों से इनकार किया और कहा कि उन्होंने विद्यार्थी को इसलिए रोका क्योंकि वह महिला होकर पुरुष शौचालय में जाने का प्रयत्न कर रहीं थी.

छात्रा को बीएचयू के गार्डों ने शौचालय के इस्तेमाल से रोका

चीफ प्रॉक्टर ओ.पी. राय ने आरोप की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है. खबरों के अनुसार, कला का अध्ययन कर रही शिकायतकर्ता बीएचयू की एससी / एसटी विद्यार्थी कार्यक्रम आयोजन समिति की एक सक्रिय सदस्य है.

छात्रा ने कहा कि वह कॉलेज के विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करने के लिए पिछले पांच दिनों से महिला महाविद्यालय परिसर के पास बहुजन हेल्पडेस्क में काम कर रही थी. महिला महाविद्यालय परिसर में गुरुवार को जब छात्रा ने एक शौचालय का उपयोग करने के लिए प्रवेश करने का प्रयास किया, तो गार्डों ने उसे रोक दिया.

उन्होंने कथित तौर पर उसे शौचालय का उपयोग करने के लिए अस्पताल या कॉलेज परिसर में जाने को कहा.

छात्रा ने चीफ प्रॉक्टर से अपनी लिखित शिकायत में कहा, 'उनका रवैया भेदभावपूर्ण, अमानवीय और गैरकानूनी था.'छात्रा ने गार्डों के खिलाफ 'तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई' की मांग की है.

पढे़ं: हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी! तंवर की बैठक में नहीं पहुंचा कोई बड़ा नेता

राय ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने छात्रा की शिकायत प्राप्त की और व्यक्तिगत रूप से उसकी शिकायतों को सुनने के लिए उससे मुलाकात की है. साथ ही उन्होंने कहा, 'आरोपी गार्डों को तलब किया गया. उन्होंने दावा किया है कि छात्रा महिला होकर पुरुष शौचालय में जाने का प्रयत्न कर रहीं थी.'

उन्होंने आगे कहा, 'हालांकि हमने इस बाबत एक पैनल का गठन किया है, जिसमें मामले की जांच के लिए दो महिला अधिकारी शामिल हैं.'

राय ने कहा कि समिति की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

वाराणसी: उत्तर प्रदेश के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) की एक महिला छात्रा ने आरोप लगाया है कि दो प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सुरक्षा गार्डों ने उसे परिसर के शौचालय में प्रवेश करने से रोका. हालांकि दोनों गार्डों ने भेदभाव करने के आरोपों से इनकार किया और कहा कि उन्होंने विद्यार्थी को इसलिए रोका क्योंकि वह महिला होकर पुरुष शौचालय में जाने का प्रयत्न कर रहीं थी.

छात्रा को बीएचयू के गार्डों ने शौचालय के इस्तेमाल से रोका

चीफ प्रॉक्टर ओ.पी. राय ने आरोप की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है. खबरों के अनुसार, कला का अध्ययन कर रही शिकायतकर्ता बीएचयू की एससी / एसटी विद्यार्थी कार्यक्रम आयोजन समिति की एक सक्रिय सदस्य है.

छात्रा ने कहा कि वह कॉलेज के विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करने के लिए पिछले पांच दिनों से महिला महाविद्यालय परिसर के पास बहुजन हेल्पडेस्क में काम कर रही थी. महिला महाविद्यालय परिसर में गुरुवार को जब छात्रा ने एक शौचालय का उपयोग करने के लिए प्रवेश करने का प्रयास किया, तो गार्डों ने उसे रोक दिया.

उन्होंने कथित तौर पर उसे शौचालय का उपयोग करने के लिए अस्पताल या कॉलेज परिसर में जाने को कहा.

छात्रा ने चीफ प्रॉक्टर से अपनी लिखित शिकायत में कहा, 'उनका रवैया भेदभावपूर्ण, अमानवीय और गैरकानूनी था.'छात्रा ने गार्डों के खिलाफ 'तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई' की मांग की है.

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राय ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने छात्रा की शिकायत प्राप्त की और व्यक्तिगत रूप से उसकी शिकायतों को सुनने के लिए उससे मुलाकात की है. साथ ही उन्होंने कहा, 'आरोपी गार्डों को तलब किया गया. उन्होंने दावा किया है कि छात्रा महिला होकर पुरुष शौचालय में जाने का प्रयत्न कर रहीं थी.'

उन्होंने आगे कहा, 'हालांकि हमने इस बाबत एक पैनल का गठन किया है, जिसमें मामले की जांच के लिए दो महिला अधिकारी शामिल हैं.'

राय ने कहा कि समिति की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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Dalit woman in UP stopped from using toilet by BHU guards



Varanasi:  A female student of Banaras Hindu University (BHU) in Uttar Pradesh has accused two Proctorial Board security guards of stopping her from entering a campus toilet because she was a Dalit.



The guards have, however, denied the charges of discrimination and said they only stopped her from entering a men's toilet.



Chief Proctor O.P. Rai has instituted a three-member committee to probe into the allegation.



According to reports, the complainant, who is studying arts and is an active member of BHU's SC/ST Students' Programme Organising Committee, said she was working at the Bahujan Helpdesk near Mahila Mahavidyalaya premises for the past five days to guide college freshmen.



On Thursday, she tried to enter the Mahila Mahavidyalaya premises to use a toilet when the guards stopped her. They allegedly asked her to go to the hospital or college campus for using a toilet.



"Their attitude was discriminatory, inhuman and illegal," the student said in her written complaint to the Chief Proctor. She has demanded 'immediate disciplinary action' against the guards.



On Friday, Rai said he had received the student's complaint and met her personally to hear out her grievances.



"The accused guards were summoned. They have claimed that they stopped her because she was entering a men's toilet. We have, however, formed a panel, which includes two women officials, to probe into the matter," Rai said. He said action would be taken based on the committee's report.


Conclusion:
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