नई दिल्ली: ऑनलाइन फूड सर्व करने वाली कंपनी जमैटो से जुड़ा एक मामला सामने आया है. एक ग्राहक ने सिर्फ इसलिए फूड लेने से मना कर दिया, क्योंकि डिलिवरी मुस्लिम लड़का करने आया था. इस पर जमैटो ने कहा कि उन्हें ऐसे ग्राहक को खोने का कोई मलाल नहीं है.
दरअसल, अमित शुक्ला नाम के एक ग्राहक ने जमैटो ने फूड का ऑर्डर किया था. लेकिन उसे जैसे ही यह पता चला कि एक मुस्लिम लड़का फूड लेकर आ रहा है, उसने ऑर्डर कैंसिल करने को कहा.
इस पर जमैटो ने कहा कि ऐसा नहीं कर सकते हैं. जोमैटो के फाउंडर दीपेंद्र गोयल ने लिखा कि खाने का कोई धर्म नहीं होता, खाना खुद एक धर्म है. इसलिए अगर ऐसे ग्राहक हमें छोड़कर जाते हैं तो जाएं.
गोयल ने ट्विटर पर लिखा कि हमें अपने देश की विविधता पर गर्व है. हम यहां के विचारों का सम्मान करते हैं.
अमित शुक्ला ने लिखा था कि हमें जमैटो से पैसा वापस नहीं चाहिए, लेकिन आप ऑर्डर कैंसिल कर दें, क्योंकि मेरा सावन महीना चल रहा है और हम मुस्लिम लड़के से खाना नहीं ले सकते हैं.
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उन्होंने लिखा, 'अभी-अभी जमैटो पर एक ऑर्डर कैंसल कर दिया क्योंकि वे एक गैर-हिंदू राइडर को खाना पहुंचाने मेरे पास भेज रहे थे.
शुक्ल ने अपने दूसरे ट्वीट में अपने फोन से जमैटो ऐप हटाने की जानकारी दी और उन्होंने लिखा, 'जमैटो मुझ पर उन लोगों से डिलीवरी लेने का दबाव बनाती है जिनसे नहीं लेना चाहते. फिर वह न रिफंड भी नहीं करती है और न सहयोग. इसलिए मैं यह ऐप हटा रहा हूं. इस मुद्दे पर वकीलों से बात करूंगा.'
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इस पर पहले जमैटो ने ट्वीट किया, 'भोजन का कोई धर्म नहीं होता है. यह खुद में एक धर्म है.' बाद में जमैटो के संस्थापक दीपिंदर गोयल ने लिखा, 'हमें आइडिया ऑफ इंडिया और हमारे सम्मानित ग्राहकों एवं पार्टनरों की विविधता पर गर्व है. हमें हमारे मूल्यों के रास्ते में आड़े आने वाला बिजनस खोने पर कोई दुख नहीं है.'