नई दिल्ली : गणतंत्र दिवस पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की झांकी दर्शकों के लिए उत्साह से भरी होगी , क्योंकि सीआरपीएफ के पास अब वह नाइट विजन गॉगल्स (एनवीडी) पहने नजर आएंगे, जिसका इस्तेमाल अमेरिकी नौसेना ने ओसामा बिन लादेन को खत्म करने के लिए अपने ऑपरेशन में किया था.
सीआरपीएफ के सूत्रों ने दावा किया कि यह पहली बार होगा जब भारत का सबसे बड़ा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल युद्धक गैजेट का प्रदर्शन करेगा.
इस गॉगल्स को 'नाइट विजन के राजा' के रूप में भी जाना जाता है. राजपथ पर प्रदर्शित होने वाली सीआरपीएफ कमांडो की पहली झांकी में यह आकर्षण का केंद्र होगा. विशेष रूप से सुसज्जित चश्मे रात में कमांडो को 120 डिग्री की दृष्टि प्रदान करते हैं, जैसे कि खुली आंखों से देख रहे हों. ये हल्के होते हैं और रात के ऑपरेशन के दौरान हेलमेट पर पहने जा सकते हैं.
अंधरे में लक्ष्य साधने की क्षमता
सीआरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चार दृष्टि वाली नाइट गॉगल्स का इस्तेमाल अमेरिकी नौसेना के जवानों सहित विभिन्न सैन्य बलों द्वारा किया जाता है. ये कमांडो अंधेरे में भी बहुत आसानी से लक्ष्य को पहचानने में मदद करते हैं. हालांकि उन्होंने आगे कहा कि यह ठीक उसी प्रकार का गॉगल नहीं है, जिसका उपयोग अमेरिकी नौसेना एसईएल द्वारा किया गया था. गॉगल्स के अलावा CRPF गणतंत्र दिवस परेड में अपनी पहली झांकी में गनशॉट डिटेक्शन सिस्टम और हथियार माउंटर थर्मल दृष्टि जैसे कई अन्य उपकरणों का भी प्रदर्शन करेगा.
यह भी पढ़ें-कृषि कानून पर गतिरोध बरकरार, किसान नेताओं और केंद्र के बीच 11वें दौर की वार्ता खत्म
अमेरिकी सील्स का क्या कहना
पूर्व अमेरिकी सील्स के मुख्य विशेष युद्ध संचालक मैट बिस्सोनेट ने अपनी पुस्तक "नो ईजी डे" में काले चश्मे से दृश्य को "टॉयलेट पेपर ट्यूबों के माध्यम से देखने" के रूप में वर्णित किया है. छापे के लिए प्रत्येक सैनिक को $ 65,000 की चार-ट्यूब नाइट-विजन गॉगल्स (एनवीजी) की एक जोड़ी जारी की गई थी.