बेंगलुरु: कर्नाटक के बाढ़ग्रस्त कोडागु जिले में एक परिवार से शनिवार को भूस्खलन में जान गंवाने वाली उसकी दो बेटियों के अंतिम संस्कार के लिये कथित रूप से 8,000 रुपये मांगने का मामला सामने आया है.
इस घटना से जुड़ा एक वीडियो रविवार को सामने आया, जिसमें ममता और निकिता नामक लड़कियों के परिवार के सदस्य शवदाह गृह के प्रबंधकों की कथित असंवेदनहीनता को लेकर रोते हुए देखे गए.
वीडियो में रोती हुई महिला को यह कहते हुए सुना गया कि हमने अपनी बेटियों, घर और संपत्ति समेत सब कुछ खो दिया. अब ये (शवदाह गृह प्रबंधक) 8,000 रुपये मांग रहे हैं. हम पैसा कहां से लाएंगे? हमने किसी तरह वहां से भागकर अपनी जान बचाई. फिलहाल हम राहत शिविर में रह रहे हैं. हम 8,000 रुपये कैसे लाएंगे?
परिवार के एक और सदस्य ने कहा कि बिना पैसे उन्हें शवदाह गृह में प्रवेश नहीं करने दिया गया.
रोती हुई महिला अधिकारियों से पूछती देखी गई, 'हम दरवाजे का ताला तोड़कर शवों को अंदर लाए. क्या ऐसा व्यवहार उचित है?'
इस वीडियो को बनाने वाले व्यक्ति ने कोडागु से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा और विराजपेट से बीजेपी विधायक के के जी बोपइय्या से इस असंवेदनहीनता पर जवाब देने को कहा.
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भाजपा सांसद सिम्हा ने ट्वीट किया कि मामला अधिकारियों के ध्यान में आया है और शवदाह गृह का प्रबंधन देखने वालों खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.
सिम्हा ने ट्विटर पर वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, 'यह वीडियो वायरल हुई है. हालांकि अंतिम संस्कार दोपहर तीन बजे किया गया. आज सुबह ममता और निकिता के परिवार को 10 लाख रुपये का चैक दिया गया. कोई भी पैसे मांगने का मामला सामने नहीं लाया, इस बारे में जानने के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई.'