नई दिल्ली: बिहार की औद्योगिक और सांस्कृतिक राजधानी के रूप में मशहूर बेगूसराय इस बार देश की हॉट सीट बनी हुई है. लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में इस सीट की रोमांचक लड़ाई पर मीडिया से लेकर देश-दुनिया की नजरें टिकी हैं. बेगूसराय में तीन प्रतिद्वंद्वियों के बीच कड़ा मुकाबला दिख रहा है.
भाजपा ने इस सीट से अपने दिग्गत नेता गिरिराज सिंह को मैदान में उतारा है. तो सीपीआई ने कन्हैया कुमार को यहां से बतौर उम्मीदवार खड़ा किया है. जबकि राजद की ओर से तनवीर हसन प्रत्याशी हैं.
बीजेपी का मानना है कि जनता गिरिराज सिंह के हक में वोटिंग करेगी, तो वहीं CPI ने दावा किया है कि इस बार जीत सिर्फ कन्हैया कुमार की ही होगी.
इसी को लेकर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के महासचिव सुधाकर रेड्डी ने ईटीवी भारत से बातचीत की और कहा कि जीत की संभावनाएं कन्हैया कुमार की लग रही हैं क्योंकि वह समाज में बदलाव ला रहे हैं.
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बता दें, सुधाकर रेड्डी जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और सीपीएम प्रत्याशी कन्हैया कुमार के लिये प्रचार कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, 'कन्हैया कुमार जाति और धर्म की सीमाओं में कटौती कर रहे हैं और समाज के सभी वर्गों से समर्थन प्राप्त कर रहे हैं. हम बेगूसराय सीट जीतने के लिए आश्वस्त हैं.'
रेड्डी को हालांकि लगता है कि महागठबंधन और राजद ने कन्हैया की उम्मीदवारी का समर्थन किया है, इसलिये बेगुसराय से गिरिराज सिंह को हराना बहुत आसान हो जाएगा. उन्होंने कहा, 'राजद को इस तथ्य पर विचार करना चाहिए कि मुख्य लक्ष्य भाजपा को हराना है और इसलिए मैंने राजद सुप्रीमो तेजस्वी यादव से भी अनुरोध किया कि वे बेगुसराय सीट से अपने उम्मीदवार तनवीर हसन को रिटायर करें.'
यह बताते हुए कि राजद के लिए भी यह कितना फायदेमंद होगा, सुधाकर रेड्डी ने कहा, 'देखिए, सीपीआई के पास लगभग 100000 वोट और सभी सीटें हैं जिसका फायदा राजद को मिल सकता है. उन्होंने बेगूसराय में कन्हैया का समर्थन किया था और हमें महागठबंधन में रखा था. लेकिन मुझे नहीं पता कि क्या हुआ और उन्होंने हमें बाहर रखने का फैसला क्यों किया.'
सीपीआई नेता ने अपने हालिया बयान के लिए भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पर भी निशाना साधा, जहां उन्होंने कहा कि अभियानों के लिए हरे झंडे पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए क्योंकि इससे उन्हें लगता है कि वह 'पाकिस्तान में हैं.'
रेड्डी ने कहा, 'हम सभी जानते हैं कि यह कचरा बोलने की पुरानी आदत है और मैं इस तथ्य से हैरान था कि वह पिछले 15-20 दिनों से शांत थे. लेकिन मुझे पता था कि जिस पल वह कुछ बोलेंगे, तो सिर्फ बकवास ही करेंगे. इन लोगों को लगता है कि राष्ट्रवाद पर उनका एकाधिकार है.'