नई दिल्ली : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव डी राजा ने शुक्रवार को कहा कि अगर नरेंद्र मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा देने की बात कर रही है, तो मोदी सरकार विशेष दर्जा भी बहाल कर सकती है.
राजा ने ईटीवी भारत को दिए एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि अगर सरकार लोकतंत्र में विश्वास करती है तो, सब कुछ संभव है. गन पॉइंट पर सरकार यह नहीं सोच सकती कि वह इस मुद्दे को सुलझा सकते हैं और लोगों के आंदोलन को दबा सकते हैं.
जम्मू-कश्मीर में विभिन्न राजनीतिक दलों के गठन के एक दिन बाद राजा ने कहा कि विशेष स्थिति की बहाली सभी तरह से निर्भर करती है. इसपर पार्टियां काम करने जा रही हैं. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को बहाल करने के लिए जो गठबंधन बनाया गया है. वह जम्मू-कश्मीर में लोगों को एक करने का काम करेगा.
जब संसद में जम्मू और कश्मीर के कानून पर बहस हुई तो हमारी पार्टी ने इसका विरोध किया था. अनुच्छेद 370 को निरस्त करना एनडीए सरकार की ओर से एक असंवैधानिक कृत्य था.
इस मुद्दे पर विधानसभा में बहस नहीं हुई थी और इसे भंग कर दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया. कई नेताओं को जेल में डाल दिया गया और कई को नजरबंद कर दिया गया.
राजा ने आगे कहा कि एक साथ आने वाली मुख्य धारा राजनीतिक दल जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों तक पहुंचेगी. 4 अगस्त 2019 को गुप्कर की घोषणा के सभी हस्ताक्षर एक साथ आए और पीपुल्स एलायंस का गठन किया.
राजा ने कहा कि पार्टियां लोगों तक पहुंचेंगी और मुद्दे को उठाएंगी. हम देखेंगे की मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर के लोगों की चिंता का समाधान कैसे करती है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में एक साथ आने वाली पार्टियां केंद्र सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकती हैं.
जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाएं कम होने के सवाल पर राजा ने कहा कि यह सरकार का दावा है. वह लोगों को गुमराह कर रही है.
यहां के लोग सामान्य जीवन नहीं जी पा रहे है. अभी भी कई इलाकों में आने जाने पर पाबंदिया हैं. संचार नेटवर्क नहीं है. ऐसे में सरकार कैसे दावा कर सकती है कि जम्मू कश्मीर में सामान्य स्थिति वापस आ गई है.