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प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानि मामले में 10 नवंबर से सुनवाई - प्रिया रमानी

पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर की ओर से पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि के मामले में सुनवाई 10 नवंबर से शुरू करेगी. बता दें कि मार्च 2018 में प्रिया रमानी ने तत्कालीन विदेश राज्य मंत्री अकबर के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे.

MJ Akbar
एमजे अकबर
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Published : Nov 2, 2020, 9:41 PM IST

Updated : Nov 2, 2020, 9:51 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली की एक स्थानीय अदालत पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर की ओर से दायर आपराधिक मानहानि के मामले में अंतिम बहस पर सुनवाई 10 नवंबर से शुरू करेगी.

वरिष्ठ पत्रकार एमजे अकबर के वकील संदीप कपूर ने कहा कि अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) विशाल पाहुजा ने उनके समक्ष दोनों पक्षों के पेश होने के बाद सुनवाई के लिए यह तारीख तय की.

इससे पहले एसीएमएम ने इस मामले को किसी अन्य अदालत के समक्ष स्थानांतरित किए जाने को लेकर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पास भेजा था.

जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुजाता कोहली ने 22 अक्टूबर को इस मामले को सुनवाई के लिए एसीएमएम की अदालत को वापस भेज दिया था.

इस वर्ष सात फरवरी को मामले में अंतिम बहस की सुनवाई करने वाले एसीएमएम विशाल पाहुजा ने मामले को जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पास भेजते हुए कहा था कि यह मामला किसी सांसद अथवा विधायक के खिलाफ दायर नहीं किया गया था और ऐसे में इसे 'सक्षम न्यायालय' के समक्ष स्थानांतरित किए जाने की आवश्यकता है.

गौरतलब है कि मार्च 2018 में प्रिया रमानी ने तत्कालीन विदेश राज्य मंत्री अकबर के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. जिसके कारण अकबर को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा था.

नई दिल्ली : दिल्ली की एक स्थानीय अदालत पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर की ओर से दायर आपराधिक मानहानि के मामले में अंतिम बहस पर सुनवाई 10 नवंबर से शुरू करेगी.

वरिष्ठ पत्रकार एमजे अकबर के वकील संदीप कपूर ने कहा कि अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) विशाल पाहुजा ने उनके समक्ष दोनों पक्षों के पेश होने के बाद सुनवाई के लिए यह तारीख तय की.

इससे पहले एसीएमएम ने इस मामले को किसी अन्य अदालत के समक्ष स्थानांतरित किए जाने को लेकर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पास भेजा था.

जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुजाता कोहली ने 22 अक्टूबर को इस मामले को सुनवाई के लिए एसीएमएम की अदालत को वापस भेज दिया था.

इस वर्ष सात फरवरी को मामले में अंतिम बहस की सुनवाई करने वाले एसीएमएम विशाल पाहुजा ने मामले को जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पास भेजते हुए कहा था कि यह मामला किसी सांसद अथवा विधायक के खिलाफ दायर नहीं किया गया था और ऐसे में इसे 'सक्षम न्यायालय' के समक्ष स्थानांतरित किए जाने की आवश्यकता है.

गौरतलब है कि मार्च 2018 में प्रिया रमानी ने तत्कालीन विदेश राज्य मंत्री अकबर के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. जिसके कारण अकबर को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा था.

Last Updated : Nov 2, 2020, 9:51 PM IST
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