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अदालत ने जासूसी मामले में चीनी महिला की जमानत याचिका खारिज की - मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पवन सिंह राजावत

दिल्ली की एक अदालत ने जासूसी मामले में चीनी महिला को जमानत देने से इनकार कर दिया. अदालत ने कहा कि उनके देश से फरार होने का खतरा है. यह महिला स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा की कथित संलिप्तता वाले जासूसी मामले में गिरफ्तार थी.

Chinese womans bail plea
प्रतीकात्मक फोटो
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Published : Nov 17, 2020, 12:31 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा की कथित संलिप्तता वाले जासूसी मामले में गिरफ्तार एक चीनी महिला को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि उनके देश से फरार होने का खतरा है.

पुलिस ने दावा किया था कि शर्मा ने भारत की सीमा रणनीति, सेना की तैनाती और खरीद तथा विदेश नीति के बारे में संवेदनशील जानकारी चीनी खुफिया एजेंसियों के साथ कथित तौर पर साझा की थी. शर्मा अभी न्यायिक हिरासत में हैं.

मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पवन सिंह राजावत ने 12 नवंबर को क्विंग शी की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि उनके देश से भागने का खतरा है और वह दोबारा इस तरह के अपराध में संलिप्त हो सकती हैं.

न्यायाधीश ने कहा, 'अगर आरोपी को जमानत पर रिहा किया गया तो क्या वह जमीनी मार्ग से देश से भागने की कोशिश नहीं करेगी. आरोपी के इसी तरह के अन्य अपराध में संलिप्त होने का भी खतरा है.'

पढ़ें-जासूसी मामले में स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा की पुलिस हिरासत बढ़ी

न्यायाधीश ने कहा, 'अपराध में आरोपी की संलिप्तता दिखाने के लिए जांच करने वाली एजेंसी ने प्रारंभिक इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जुटाए हैं और अन्य सामग्री बरामद की है.' न्यायाधीश ने कहा कि आरोपी को जमानत प्रदान करने का कोई ठोस कारण नहीं है.

भारतीय खुफिया एजेंसियों की सूचना के आधार पर स्पेशल सेल ने 14 सितंबर को शर्मा को गिरफ्तार किया था और पुलिस अधिकारियों ने उनके आवास से कुछ गोपनीय रक्षा दस्तावेज बरामद किए थे. नेपाली सहयोगी के साथ गिरफ्तार शी ने 2013 में नर्सिंग पाठ्यक्रम में दाखिला लिया था और वह तब से भारत में रह रही थी.

नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा की कथित संलिप्तता वाले जासूसी मामले में गिरफ्तार एक चीनी महिला को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि उनके देश से फरार होने का खतरा है.

पुलिस ने दावा किया था कि शर्मा ने भारत की सीमा रणनीति, सेना की तैनाती और खरीद तथा विदेश नीति के बारे में संवेदनशील जानकारी चीनी खुफिया एजेंसियों के साथ कथित तौर पर साझा की थी. शर्मा अभी न्यायिक हिरासत में हैं.

मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पवन सिंह राजावत ने 12 नवंबर को क्विंग शी की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि उनके देश से भागने का खतरा है और वह दोबारा इस तरह के अपराध में संलिप्त हो सकती हैं.

न्यायाधीश ने कहा, 'अगर आरोपी को जमानत पर रिहा किया गया तो क्या वह जमीनी मार्ग से देश से भागने की कोशिश नहीं करेगी. आरोपी के इसी तरह के अन्य अपराध में संलिप्त होने का भी खतरा है.'

पढ़ें-जासूसी मामले में स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा की पुलिस हिरासत बढ़ी

न्यायाधीश ने कहा, 'अपराध में आरोपी की संलिप्तता दिखाने के लिए जांच करने वाली एजेंसी ने प्रारंभिक इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जुटाए हैं और अन्य सामग्री बरामद की है.' न्यायाधीश ने कहा कि आरोपी को जमानत प्रदान करने का कोई ठोस कारण नहीं है.

भारतीय खुफिया एजेंसियों की सूचना के आधार पर स्पेशल सेल ने 14 सितंबर को शर्मा को गिरफ्तार किया था और पुलिस अधिकारियों ने उनके आवास से कुछ गोपनीय रक्षा दस्तावेज बरामद किए थे. नेपाली सहयोगी के साथ गिरफ्तार शी ने 2013 में नर्सिंग पाठ्यक्रम में दाखिला लिया था और वह तब से भारत में रह रही थी.

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