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टीआरपी घोटाला : अदालत ने बार्क के पूर्व सीईओ की जमानत अर्जी खारिज की

टीआरपी मामले में फंसे ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) के पूर्व सीईओ पार्थ दासगुप्ता की जमानत अर्जी सोमवार को खारिज हो गई. दासगुप्ता ने 30 दिसंबर को जमानत अर्जी दाखिल की थी.

पार्थ दासगुप्ता
पार्थ दासगुप्ता
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Published : Jan 4, 2021, 10:27 PM IST

मुंबई : टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट (टीआरपी) की कथित हेरफेर के मामले में गिरफ्तार किए गए ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) के पूर्व सीईओ पार्थ दासगुप्ता की जमानत अर्जी सोमवार को एक स्थानीय अदालत ने खारिज कर दी.

दासगुप्ता ने 30 दिसंबर को जमानत के लिए आवेदन दाखिल किया था. अदालत ने इससे पहले उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा था. मुंबई में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की एक अदालत ने सोमवार को दासगुप्ता की अर्जी खारिज कर दी.

दासगुप्ता के वकील कमलेश घुमरे ने कहा कि इस सप्ताह सत्र अदालत में अपील दाखिल की जाएगी. दासगुप्ता ने अपने आवेदन में दावा किया था कि वह केवल बार्क के एक कर्मचारी हैं और कर्ताधर्ता नहीं हैं.उनके ऊपर एक निदेशक मंडल तथा अनुशासन समिति है.

अर्नब के साथ मिल हेरफेर का आरोप
हालांकि मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने दलील दी थी कि दासगुप्ता ने बार्क के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा एआरजी आउटलायर मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के स्वामी अर्नब गोस्वामी के साथ मिलकर रिपब्लिक टीवी और रिपब्लिक भारत (हिंदी) के लिए टीआरपी में हेरफेर की थी.

पुलिस ने दावा किया था कि गोस्वामी ने इसके ऐवज में दासगुप्ता को लाखों रुपये दिए थे.

पढ़ें- फर्जी टीआरपी मामले में बीएआरसी के पूर्व सीईओ की अहम भूमिका : पुलिस

मुंबई : टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट (टीआरपी) की कथित हेरफेर के मामले में गिरफ्तार किए गए ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) के पूर्व सीईओ पार्थ दासगुप्ता की जमानत अर्जी सोमवार को एक स्थानीय अदालत ने खारिज कर दी.

दासगुप्ता ने 30 दिसंबर को जमानत के लिए आवेदन दाखिल किया था. अदालत ने इससे पहले उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा था. मुंबई में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की एक अदालत ने सोमवार को दासगुप्ता की अर्जी खारिज कर दी.

दासगुप्ता के वकील कमलेश घुमरे ने कहा कि इस सप्ताह सत्र अदालत में अपील दाखिल की जाएगी. दासगुप्ता ने अपने आवेदन में दावा किया था कि वह केवल बार्क के एक कर्मचारी हैं और कर्ताधर्ता नहीं हैं.उनके ऊपर एक निदेशक मंडल तथा अनुशासन समिति है.

अर्नब के साथ मिल हेरफेर का आरोप
हालांकि मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने दलील दी थी कि दासगुप्ता ने बार्क के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा एआरजी आउटलायर मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के स्वामी अर्नब गोस्वामी के साथ मिलकर रिपब्लिक टीवी और रिपब्लिक भारत (हिंदी) के लिए टीआरपी में हेरफेर की थी.

पुलिस ने दावा किया था कि गोस्वामी ने इसके ऐवज में दासगुप्ता को लाखों रुपये दिए थे.

पढ़ें- फर्जी टीआरपी मामले में बीएआरसी के पूर्व सीईओ की अहम भूमिका : पुलिस

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