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मोदी के खिलाफ सैन्य अधिकारियों के नाम से 'फर्जी' चिट्ठी, मचा बवाल

पूर्व सैन्य अधिकारियों के नाम से एक चिट्ठी वायरल हो रही है. इसमें भाजपा के खिलाफ टिप्पणी की गई है. लेकिन कई अधिकारियों ने अपने हस्ताक्षर को फर्जी बता डाला है.

हर्षा कक्कड़ और एसएफ रोड्रिग्स
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Published : Apr 12, 2019, 2:09 PM IST

Updated : Apr 12, 2019, 3:27 PM IST

नई दिल्ली: चुनाव प्रचार के दौरान सेना के शौर्य का राजनीतिक फायदे के लिए प्रचार करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. सेना के कुछ पूर्व अधिकारियों के नाम से एक चिट्ठी वायरल हो रही है. कई अधिकारियों ने इसमें शामिल नामों को फर्जी बताया है.

दावा ये किया गया है कि ऐसी चिट्ठी राष्ट्रपति को भेजी गई है. इसमें 150 से ज्यादा पूर्व सैन्य अधिकारियों के हस्ताक्षर शामिल हैं. हालांकि, राष्ट्रपति भवन ने ऐसी किसी भी चिट्ठी प्राप्त नहीं होने की खबर दी है. इसके बाद मीडिया में भूचाल मच गया है.

etv
पत्र की तस्वीर.

क्या कहा एसएफ रोड्रिग्स ने
पूर्व जनरल एसएफ रोड्रिग्स ने साफ किया कि उन्हें इस बारे में कुछ भी नहीं पता और यह नहीं जानते कि इसके पीछे कौन लोग हैं.

उन्होंने कहा कि 'पता नहीं ये कहां से आया है, मैं अपनी पूरी ज़िंदगी राजनीति से दूर रहा हूं. 42 साल के करियर में मैंने राजनीति की बात नहीं की है. मैं नहीं जानता कि किन लोगों ने इस प्रकार की गलत खबर फैलाई है.'

एसएफ रोड्रिग्स का बयान, देखें
एसएफ रोड्रिग्स ने कहा कि 'मैं नहीं जानता यह किसने किया है. हम इतने सालों से देश की सेवा में हैं और हमने हमेशा वही किया है जो सरकार का आदेश रहा है.'

उन्होंने कहा कि कोई कुछ भी कह देता है और उसे फेक न्यूज बनाकर बेच देता है.

पूर्व वाइस चीफ ले. जन एमएल नायडू
मेरी सहमति नहीं ली गई है. न ही मैं ऐसी चिट्ठी का भागीदार हूं.

etv
पूर्व वाइस चीफ ले. जन एमएल नायडू के बयान की तस्वीर, सौ. ani

मेजर जनरल हर्षा कक्कड़
हां, इस चिट्ठी में मेरी सहमति ली गई है. मैं इससे सहमत हूं.

etv
मेजर जनरल हर्षा कक्कड़ के बयान की तस्वीर, सौ. ani

किनके हस्ताक्षर का दावा किया गया है
पूर्व सेना प्रमुख जनरल (सेवानिवृत्त) एसएफ रोड्रिग्ज, जनरल (सेवानिवृत्त) शंकर रॉयचौधरी और जनरल (सेवानिवृत्त) दीपक कपूर, भारतीय वायु सेना के पूर्व प्रमुख एयर चीफ मार्शल (सेवानिवृत्त) एनसी सूरी शामिल हैं.

तीन पूर्व नौसेना प्रमुखों एडमिरल (सेवानिवृत्त) एल रामदास, एडमिरल (सेवानिवृत्त) अरुण प्रकाश, एडमिरल (सेवानिवृत्त) मेहता और एडमिरल (सेवानिवृत्त) विष्णु भागवत ने भी पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं.

क्या है मुख्य बिन्दु
पूर्व सैनिकों ने लिखा, 'महोदय हम नेताओं की असामान्य और पूरी तरह से अस्वीकृत प्रक्रिया का जिक्र कर रहे हैं, जिसमें वह सीमा पार हमलों जैसे सैन्य अभियानों का श्रेय ले रहे हैं और यहां तक कि सशस्त्र सेनाओं को ‘मोदी जी की सेना’ बताने का दावा तक कर रहे हैं.'

भाजपा की प्रतिक्रिया
भाजपा के प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने पूरी घटना पर अफसोस जताया है.

शाहनवाज हुसैन का बयान

कांग्रेस की प्रतिक्रिया
कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने दावा किया कि भाजपा ने जिस तरह से बालाकोट हवाई हमले का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए किया है, उससे पूर्व सैनिकों को राष्ट्रपति को पत्र लिखना पड़ा.

उन्होंने कहा, 'यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा अपने राजनीतिक फायदे के लिए सशस्त्र बलों का राजनीतिकरण कर रही है. पूर्व सैनिकों ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा है. उन्होंने जो कहा है उस पर गौर करने की जरूरत है.'

नई दिल्ली: चुनाव प्रचार के दौरान सेना के शौर्य का राजनीतिक फायदे के लिए प्रचार करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. सेना के कुछ पूर्व अधिकारियों के नाम से एक चिट्ठी वायरल हो रही है. कई अधिकारियों ने इसमें शामिल नामों को फर्जी बताया है.

दावा ये किया गया है कि ऐसी चिट्ठी राष्ट्रपति को भेजी गई है. इसमें 150 से ज्यादा पूर्व सैन्य अधिकारियों के हस्ताक्षर शामिल हैं. हालांकि, राष्ट्रपति भवन ने ऐसी किसी भी चिट्ठी प्राप्त नहीं होने की खबर दी है. इसके बाद मीडिया में भूचाल मच गया है.

etv
पत्र की तस्वीर.

क्या कहा एसएफ रोड्रिग्स ने
पूर्व जनरल एसएफ रोड्रिग्स ने साफ किया कि उन्हें इस बारे में कुछ भी नहीं पता और यह नहीं जानते कि इसके पीछे कौन लोग हैं.

उन्होंने कहा कि 'पता नहीं ये कहां से आया है, मैं अपनी पूरी ज़िंदगी राजनीति से दूर रहा हूं. 42 साल के करियर में मैंने राजनीति की बात नहीं की है. मैं नहीं जानता कि किन लोगों ने इस प्रकार की गलत खबर फैलाई है.'

एसएफ रोड्रिग्स का बयान, देखें
एसएफ रोड्रिग्स ने कहा कि 'मैं नहीं जानता यह किसने किया है. हम इतने सालों से देश की सेवा में हैं और हमने हमेशा वही किया है जो सरकार का आदेश रहा है.'

उन्होंने कहा कि कोई कुछ भी कह देता है और उसे फेक न्यूज बनाकर बेच देता है.

पूर्व वाइस चीफ ले. जन एमएल नायडू
मेरी सहमति नहीं ली गई है. न ही मैं ऐसी चिट्ठी का भागीदार हूं.

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पूर्व वाइस चीफ ले. जन एमएल नायडू के बयान की तस्वीर, सौ. ani

मेजर जनरल हर्षा कक्कड़
हां, इस चिट्ठी में मेरी सहमति ली गई है. मैं इससे सहमत हूं.

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मेजर जनरल हर्षा कक्कड़ के बयान की तस्वीर, सौ. ani

किनके हस्ताक्षर का दावा किया गया है
पूर्व सेना प्रमुख जनरल (सेवानिवृत्त) एसएफ रोड्रिग्ज, जनरल (सेवानिवृत्त) शंकर रॉयचौधरी और जनरल (सेवानिवृत्त) दीपक कपूर, भारतीय वायु सेना के पूर्व प्रमुख एयर चीफ मार्शल (सेवानिवृत्त) एनसी सूरी शामिल हैं.

तीन पूर्व नौसेना प्रमुखों एडमिरल (सेवानिवृत्त) एल रामदास, एडमिरल (सेवानिवृत्त) अरुण प्रकाश, एडमिरल (सेवानिवृत्त) मेहता और एडमिरल (सेवानिवृत्त) विष्णु भागवत ने भी पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं.

क्या है मुख्य बिन्दु
पूर्व सैनिकों ने लिखा, 'महोदय हम नेताओं की असामान्य और पूरी तरह से अस्वीकृत प्रक्रिया का जिक्र कर रहे हैं, जिसमें वह सीमा पार हमलों जैसे सैन्य अभियानों का श्रेय ले रहे हैं और यहां तक कि सशस्त्र सेनाओं को ‘मोदी जी की सेना’ बताने का दावा तक कर रहे हैं.'

भाजपा की प्रतिक्रिया
भाजपा के प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने पूरी घटना पर अफसोस जताया है.

शाहनवाज हुसैन का बयान

कांग्रेस की प्रतिक्रिया
कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने दावा किया कि भाजपा ने जिस तरह से बालाकोट हवाई हमले का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए किया है, उससे पूर्व सैनिकों को राष्ट्रपति को पत्र लिखना पड़ा.

उन्होंने कहा, 'यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा अपने राजनीतिक फायदे के लिए सशस्त्र बलों का राजनीतिकरण कर रही है. पूर्व सैनिकों ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा है. उन्होंने जो कहा है उस पर गौर करने की जरूरत है.'

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Last Updated : Apr 12, 2019, 3:27 PM IST
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