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राम मंदिर का निर्माण सांस्कृतिक आजादी का क्षण : डॉ सुरेंद्र जैन

पांच अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन को वीएचपी नेता डॉ सुरेंद्र जैन ने राष्ट्रीय गौरव का क्षण बताया है. उन्होंने इस पर बयानबाजी करने वालों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि राम के कार्य में कुछ भी अशुभ नहीं हो सकता. मंदिर निर्माण को लेकर सबके अंदर एक उत्साह है. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण देश की सांस्कृतिक आजादी का संकेत है.

Ram temple
Ram temple
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Published : Aug 1, 2020, 8:11 PM IST

नई दिल्लीः 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का भूमिपूजन होने जा रहा है लेकिन तमाम बाधाओं के दूर होने के बाद भी विरोध के स्वर और भूमिपूजन में प्रधानमंत्री मोदी के पहुंचने को लेकर कई बयान भी सामने आते रहे हैं. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कोरोना संक्रमण के खतरे को बताते हुए ऑनलाइन भूमिपूजन की सलाह दी, तो एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि सरकार के लिये कोरोना महामारी से ज्यादा जरूरी मंदिर बनाना है.

वहीं संतों के ही एक गुट ने भूमिपूजन के मुहूर्त पर भी सवाल उठाए. इन सभी विषयों पर ईटीवी भारत के संवाददाता ने विश्व हिन्दू परिषद के संयुक्त महामंत्री डॉक्टर सुरेंद्र जैन से विशेष बातचीत की. मुहूर्त के सवाल पर सुरेंद्र जैन ने कहा कि जब राम मंदिर का शिलान्यास हुआ था तब भी इस तरह के सवाल उठाए गए थे कि मुहूर्त शुभ नहीं है और इसके परिणाम अच्छे नहीं होंगे, लेकिन इन तमाम दिक्कतों के बाद भी आज राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ है.

राम मंदिर के भूमिपूजन को वीएचपी नेता ने बताया ऐतिहासिक पल.

जहां तक कोरोना महामारी का सवाल है कुल 200 लोगों की उपस्थिति रहेगी और शत प्रतिशत सभी सावधानियों का खयाल रखा जाएगा. कोरोना संक्रमण के खतरे को ले कर उन पार्टियों के नेता टिप्पणी कर रहे हैं जिनके 10 कार्यकर्ता भी अगर कहीं एकत्रित होते हैं तो वह सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते देखे जा सकते हैं, लेकिन भूमिपूजन का कार्यक्रम बेहद अनुशाषित होगा और पूरी दुनिया इसे लाइव कार्यक्रम के दौरान देखेगी कि किस तरह से सभी दिशानिर्देशों का पालन किया जाता है.


विहिप महामंत्री ने आगे कहा कि अयोध्या में उपस्थित विद्वान संतों ने भूमिपूजन की तिथि और समय तय किया है और राम के कार्य में कुछ भी अशुभ नहीं हो सकता. यह एक राष्ट्रीय गौरव का क्षण होगा इसलिये इसका विरोध करने वालों से सुरेंद्र जैन ने आग्रह किया है कि इसको धूमिल करने का प्रयास न करें. भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी और लाल कृष्ण आडवाणी राम मंदिर संघर्ष के ध्वजवाहक के तौर पर जाने जाते हैं लेकिन यह खबर सामने आ रही है कि दोनों नेताओं को अभी तक भूमिपूजन का निमंत्रण नहीं मिला है.


इस पर विश्व हिन्दू परिषद के संयुक्त महामंत्री ने कहा कि आमंत्रित लोगों की सूची ट्रस्ट द्वारा तैयार की गई है और प्रधानमंत्री कार्यालय से मंजूरी मिलने के बाद ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय स्वयं कॉल कर एक-एक आमंत्रित अतिथि से बात कर रहे हैं. संभव है कि दोनों नेताओं से भी वह बात करेंगे. हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया की आमंत्रण सूची में किन किन को शामिल किया गया है इसकी जानकारी विहिप के पास नहीं है.

यह भी पढ़ेंः मनाली में कंगना के घर के बाहर चली गोली, शिकायत के बाद पुलिस ने बढ़ाई सुरक्षा

इस तरह से अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को आमंत्रित किया जाएगा या नहीं, लेकिन विहिप की तरफ से सुरेंद्र जैन ने यह जरूर कहा कि ये शीर्ष पुरुष हैं और इन्हें निश्चित रूप से बुलाया जाएगा. ऐसा उन्हें लगता है. विश्व हिन्दू परिषद की तरफ से महामंत्री और उससे ऊपर के पदाधिकारी भूमिपूजन के लिये आमंत्रित हैं.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की टिप्पणी पर सुरेंद्र जैन ने कहा कि उन्हें दुख है कि बालासाहब के पुत्र होकर उद्धव ठाकरे ऐसे बयान दे रहे हैं. इससे बालासाहब की आत्मा को कष्ट पहुंचेगा.

आगे जानकारी देते हुए विहिप महामंत्री ने कहा कि उनकी ग्रामीण स्तर तक की इकाइयां इस समय सक्रिय हैं. घर-घर यह संदेश पहुंचाने का काम कर रही हैं कि 5 अगस्त को सब अपने घर में दिये जलाएं और टीवी पर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के भूमिपूजन का लाइव कार्यक्रम देखें. देश के अलावा विदेशों में भी भूमिपूजन के लाइव प्रसारण की तैयारियां चल रही हैं.

इस पर सुरेंद्र जैन ने कहा कि यह कार्य विहिप द्वारा नहीं किया जा रहा बल्कि वहां का समाज अपनी स्वेच्छा से यह कर रहा है क्योंकि मंदिर निर्माण को लेकर सबके अंदर एक उत्साह है. विश्व हिन्दू परिषद का कहना है कि 15 अगस्त को देश को राजनीतिक आजादी मिली थी और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण देश की सांस्कृतिक आजादी का संकेत है.


नई दिल्लीः 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का भूमिपूजन होने जा रहा है लेकिन तमाम बाधाओं के दूर होने के बाद भी विरोध के स्वर और भूमिपूजन में प्रधानमंत्री मोदी के पहुंचने को लेकर कई बयान भी सामने आते रहे हैं. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कोरोना संक्रमण के खतरे को बताते हुए ऑनलाइन भूमिपूजन की सलाह दी, तो एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि सरकार के लिये कोरोना महामारी से ज्यादा जरूरी मंदिर बनाना है.

वहीं संतों के ही एक गुट ने भूमिपूजन के मुहूर्त पर भी सवाल उठाए. इन सभी विषयों पर ईटीवी भारत के संवाददाता ने विश्व हिन्दू परिषद के संयुक्त महामंत्री डॉक्टर सुरेंद्र जैन से विशेष बातचीत की. मुहूर्त के सवाल पर सुरेंद्र जैन ने कहा कि जब राम मंदिर का शिलान्यास हुआ था तब भी इस तरह के सवाल उठाए गए थे कि मुहूर्त शुभ नहीं है और इसके परिणाम अच्छे नहीं होंगे, लेकिन इन तमाम दिक्कतों के बाद भी आज राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ है.

राम मंदिर के भूमिपूजन को वीएचपी नेता ने बताया ऐतिहासिक पल.

जहां तक कोरोना महामारी का सवाल है कुल 200 लोगों की उपस्थिति रहेगी और शत प्रतिशत सभी सावधानियों का खयाल रखा जाएगा. कोरोना संक्रमण के खतरे को ले कर उन पार्टियों के नेता टिप्पणी कर रहे हैं जिनके 10 कार्यकर्ता भी अगर कहीं एकत्रित होते हैं तो वह सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते देखे जा सकते हैं, लेकिन भूमिपूजन का कार्यक्रम बेहद अनुशाषित होगा और पूरी दुनिया इसे लाइव कार्यक्रम के दौरान देखेगी कि किस तरह से सभी दिशानिर्देशों का पालन किया जाता है.


विहिप महामंत्री ने आगे कहा कि अयोध्या में उपस्थित विद्वान संतों ने भूमिपूजन की तिथि और समय तय किया है और राम के कार्य में कुछ भी अशुभ नहीं हो सकता. यह एक राष्ट्रीय गौरव का क्षण होगा इसलिये इसका विरोध करने वालों से सुरेंद्र जैन ने आग्रह किया है कि इसको धूमिल करने का प्रयास न करें. भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी और लाल कृष्ण आडवाणी राम मंदिर संघर्ष के ध्वजवाहक के तौर पर जाने जाते हैं लेकिन यह खबर सामने आ रही है कि दोनों नेताओं को अभी तक भूमिपूजन का निमंत्रण नहीं मिला है.


इस पर विश्व हिन्दू परिषद के संयुक्त महामंत्री ने कहा कि आमंत्रित लोगों की सूची ट्रस्ट द्वारा तैयार की गई है और प्रधानमंत्री कार्यालय से मंजूरी मिलने के बाद ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय स्वयं कॉल कर एक-एक आमंत्रित अतिथि से बात कर रहे हैं. संभव है कि दोनों नेताओं से भी वह बात करेंगे. हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया की आमंत्रण सूची में किन किन को शामिल किया गया है इसकी जानकारी विहिप के पास नहीं है.

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इस तरह से अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को आमंत्रित किया जाएगा या नहीं, लेकिन विहिप की तरफ से सुरेंद्र जैन ने यह जरूर कहा कि ये शीर्ष पुरुष हैं और इन्हें निश्चित रूप से बुलाया जाएगा. ऐसा उन्हें लगता है. विश्व हिन्दू परिषद की तरफ से महामंत्री और उससे ऊपर के पदाधिकारी भूमिपूजन के लिये आमंत्रित हैं.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की टिप्पणी पर सुरेंद्र जैन ने कहा कि उन्हें दुख है कि बालासाहब के पुत्र होकर उद्धव ठाकरे ऐसे बयान दे रहे हैं. इससे बालासाहब की आत्मा को कष्ट पहुंचेगा.

आगे जानकारी देते हुए विहिप महामंत्री ने कहा कि उनकी ग्रामीण स्तर तक की इकाइयां इस समय सक्रिय हैं. घर-घर यह संदेश पहुंचाने का काम कर रही हैं कि 5 अगस्त को सब अपने घर में दिये जलाएं और टीवी पर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के भूमिपूजन का लाइव कार्यक्रम देखें. देश के अलावा विदेशों में भी भूमिपूजन के लाइव प्रसारण की तैयारियां चल रही हैं.

इस पर सुरेंद्र जैन ने कहा कि यह कार्य विहिप द्वारा नहीं किया जा रहा बल्कि वहां का समाज अपनी स्वेच्छा से यह कर रहा है क्योंकि मंदिर निर्माण को लेकर सबके अंदर एक उत्साह है. विश्व हिन्दू परिषद का कहना है कि 15 अगस्त को देश को राजनीतिक आजादी मिली थी और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण देश की सांस्कृतिक आजादी का संकेत है.


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