चेन्नई : तमिलनाडु के तंजावुर में स्थित बृहदेश्वर मंदिर में आज महाभिषेक का आयोजन किया गया. यह शिव मंदिर भारत के प्राचीनतम मंदिरों में से एक है. जानकारी के मुताबिक 23 वर्षों बाद ये आयोजन किया गया.
कोर्ट के आदेश के अनुसार, धार्मिक समारोह तमिल और संस्कृत में किया जाएगा. अदालत ने एक आदेश में कहा कि ओधुवर्स की एक टीम तमिल में थेवरम, थिरुवासगम (तमिल बक्थी-युग साहित्य) का अभिषेक दौरान पाठ करेगी.
कई दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम का आयोजन में कई सरकारी विभागों के समन्वय में किया जा रहा है, जिसमें हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्त (एचआर एंड सीई), पीडब्ल्यूडी, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस, पर्यटन विभाग, तंजावुर नगर निगम शामिल हैं.
अभिषेक के दौरान मंदिर परिसर के आस-पास कड़ी सुरक्षा को रखा गया है. सुरक्षा के मद्देनजर मंदिर के पास 5,500 पुलिस और ड्रोन कैमरे तैनात किए गए हैं.
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बता दें कि बृहदेश्वर मंदिर भगवान शिव का मंदिर है. इसका निर्माण 11 वीं सदी में हुआ था. यह मंदिर ग्रेनाइट का बना हुआ है. इस मंदिर का निर्माण चोल शासक प्रथम राजराज चोल ने कराया था. इस वजह से इस मंदिर को राजराजेश्वर नाम से भी जाना जाता है.
इस मंदिर की सबसे खास बात है यह है कि इसकी परछाईं जमीन पर नहीं पड़ती है. इस मंदिर को 1987 में यूनेस्को में शामिल कर लिया गया था.