नई दिल्ली : केंद्र सरकार नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 सोमवार को लोकसभा में पेश करेगी, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने इस विधेयक के खिलाफ रणनीतिक कमर कस ली है. इस संबंध में रविवार की रात कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई. इसमें कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, अहमद पटेल, अधीर रंजन चौधरी, आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल और मनीष तिवारी सहित कांग्रेस संसदीय समूह के नेता उपस्थित थे.
बैठक में कांग्रेस ने फैसला किया कि संसद में नागरिकता (संशोधन) विधेयक का पुरजोर विरोध करेगी क्योंकि यह विधेयक देश के संविधान और पार्टी के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के खिलाफ है.
लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के 10 जनपथ स्थित आवास पर कांग्रेस संसदीय रणनीतिक समूह की बैठक के बाद यह बयान दिया.
चौधरी के अलावा राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, लोकसभा में मुख्य सचेतक कोडिकुन्नील सुरेश और सचेतक गौरव गोगोई सहित अन्य ने बैठक में हिस्सा लिया.
दरअसल विधेयक में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक अत्याचार का सामना करने वाले गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है.
चौधरी ने संवाददाताओं से कहा, 'हम संसद में नागरिकता (संशोधन) विधेयक का विरोध करेंगे क्योंकि यह हमारे संविधान, धर्मनिरपेक्ष मूल्यों और संस्कृति के विरुद्ध है.'
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सुरेश ने कहा, 'हम इस विधेयक का पूरी ताकत से विरोध करेंगे क्योंकि यह संविधान विरोधी और धर्मनिरपेक्षता विरोधी है.'
उन्होंने कहा कि बैठक में निर्णय किया गया कि पार्टी बलात्कार के मामले और उन्नाव में महिला को जलाने की घटना को भी संसद में उठाएगी.
पार्टी देश के विभिन्न हिस्से में महिलाओं पर हमले के मुद्दे को भी उठाएगी.
बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार को लोकसभा में विधेयक पेश करेंगे.