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बेहतर होता कि संघ प्रमुख सरकार से अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र लाने को कहते : कांग्रेस

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Published : Oct 8, 2019, 9:08 PM IST

कांग्रेस ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर निशाना साधते हुए कहा है कि देश की अर्थव्यस्था गिर गई है, लोगों के रोजगार जा रहे हैं और संघचालक कहते हैं मंदी पर बात न करो. गौरतलब है कि भागवत ने कहा था कि आर्थिक मंदी के बारे में बहुत अधिक चर्चा करने के की जरूरत नहीं है.पढ़ें पूरी खबर...

मोहन भागवत और आंनद शर्मा

नई दिल्ली : आर्थिक मंदी पर चर्चा नहीं करने संबंधी राष्ट्रीय सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के बयान को लेकर कांग्रेस ने उन पर निशाना साधा है. कांग्रेस नेता गौरव वल्लभ ने मंगलवार को कहा कि आंख मूंद लेने से इस समस्या का समाधान नहीं होगा और बेहतर होता कि संघ प्रमुख सरकार से श्वेत पत्र लाने के लिए कहते.

दूसरी तरफ एक अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा, 'मेरा सरसंघचालक श्री मोहन भागवत जी से सीधा सवाल है - क्या वह और उनका संगठन घृणा और हिंसा का प्रयोग कर निर्दोष और असहाय लोगों की गैर कानूनी हत्या का अनुमोदन करते हैं या ऐसी घटनाओं की भर्त्सना करते हैं. देश जानना चाहता है कि आपको समस्या इन घटनाओं से है या सिर्फ शब्दावली से?'

आनंद शर्मा ने आगे कहा, 'यह भारतीय और यूरोपीय भाषा का विषय नहीं है, यह मानवता और देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों का विषय है. क्या अफवाहों से उत्तेजित भीड़ द्वारा निर्दोष व असहाय लोगों की गैर कानूनी हत्या का आप अनुमोदन करते हैं या निंदा ? राष्ट्रहित में आपका स्पष्टीकरण अनिवार्य और वांछित है.'

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यह भी कहा कि सरकार और संघ प्रमुख भले ही आर्थिक मंदी की बात नहीं करें, लेकिन पूरा देश जानता है कि इस समय अर्थव्यवस्था की क्या स्थिति है.

उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास दर गिरकर पांच फीसदी हो गई है. विनिर्माण विकास दर 0.6 फीसदी रह गई है. बेरोजगारी पिछले 45 वर्षों में सबसे अधिक है. वाहनों की बिक्री में 33 फीसदी की गिरावट आ गई. ऑटो क्षेत्र में 10 लाख लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं. फिर भी संघ प्रमुख कहते हैं कि मंदी पर बात नहीं करो.

वल्लभ ने कहा कि भागवत जी को समझना चाहिए कि किसी समस्या पर आंख मूंद लेने से उसका समाधान नहीं होता है, बल्कि पहले समस्या को स्वीकारना होता है और फिर उसका समाधान किया जाता है. उन्होंने कहा कि बेहतर होता कि अगर संघ प्रमुख इस सरकार से अर्थव्यवस्था की स्थिति पर श्वेतपत्र लाने के लिए कहते.

पढ़ेंः नई शिक्षा प्रणाली में भारतीय मूल्य भी शामिल होंगे, भागवत ने जताया भरोसा

बता दें कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को नागपुर में कहा कि तथाकथित अर्थिक मंदी के बारे में बहुत अधिक चर्चा करने की जरूरत नहीं है क्योंकि इससे कारोबार जगत तथा लोग चिंतित होते हैं और आर्थिक गतिविधियों में कमी आती है.

भागवत ने कहा, 'सरकार स्थितियों में सुधार के उपाय कर रही है और हमें विश्वास रखना चाहिए.' वह विजयादशमी के अवसर पर नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की एक सभा को संबोधित कर रहे थे.

नई दिल्ली : आर्थिक मंदी पर चर्चा नहीं करने संबंधी राष्ट्रीय सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के बयान को लेकर कांग्रेस ने उन पर निशाना साधा है. कांग्रेस नेता गौरव वल्लभ ने मंगलवार को कहा कि आंख मूंद लेने से इस समस्या का समाधान नहीं होगा और बेहतर होता कि संघ प्रमुख सरकार से श्वेत पत्र लाने के लिए कहते.

दूसरी तरफ एक अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा, 'मेरा सरसंघचालक श्री मोहन भागवत जी से सीधा सवाल है - क्या वह और उनका संगठन घृणा और हिंसा का प्रयोग कर निर्दोष और असहाय लोगों की गैर कानूनी हत्या का अनुमोदन करते हैं या ऐसी घटनाओं की भर्त्सना करते हैं. देश जानना चाहता है कि आपको समस्या इन घटनाओं से है या सिर्फ शब्दावली से?'

आनंद शर्मा ने आगे कहा, 'यह भारतीय और यूरोपीय भाषा का विषय नहीं है, यह मानवता और देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों का विषय है. क्या अफवाहों से उत्तेजित भीड़ द्वारा निर्दोष व असहाय लोगों की गैर कानूनी हत्या का आप अनुमोदन करते हैं या निंदा ? राष्ट्रहित में आपका स्पष्टीकरण अनिवार्य और वांछित है.'

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यह भी कहा कि सरकार और संघ प्रमुख भले ही आर्थिक मंदी की बात नहीं करें, लेकिन पूरा देश जानता है कि इस समय अर्थव्यवस्था की क्या स्थिति है.

उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास दर गिरकर पांच फीसदी हो गई है. विनिर्माण विकास दर 0.6 फीसदी रह गई है. बेरोजगारी पिछले 45 वर्षों में सबसे अधिक है. वाहनों की बिक्री में 33 फीसदी की गिरावट आ गई. ऑटो क्षेत्र में 10 लाख लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं. फिर भी संघ प्रमुख कहते हैं कि मंदी पर बात नहीं करो.

वल्लभ ने कहा कि भागवत जी को समझना चाहिए कि किसी समस्या पर आंख मूंद लेने से उसका समाधान नहीं होता है, बल्कि पहले समस्या को स्वीकारना होता है और फिर उसका समाधान किया जाता है. उन्होंने कहा कि बेहतर होता कि अगर संघ प्रमुख इस सरकार से अर्थव्यवस्था की स्थिति पर श्वेतपत्र लाने के लिए कहते.

पढ़ेंः नई शिक्षा प्रणाली में भारतीय मूल्य भी शामिल होंगे, भागवत ने जताया भरोसा

बता दें कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को नागपुर में कहा कि तथाकथित अर्थिक मंदी के बारे में बहुत अधिक चर्चा करने की जरूरत नहीं है क्योंकि इससे कारोबार जगत तथा लोग चिंतित होते हैं और आर्थिक गतिविधियों में कमी आती है.

भागवत ने कहा, 'सरकार स्थितियों में सुधार के उपाय कर रही है और हमें विश्वास रखना चाहिए.' वह विजयादशमी के अवसर पर नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की एक सभा को संबोधित कर रहे थे.

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.MUMBAI BOM25
MH-BHAGWAT-CONG
Cong attacks Bhagwat over statements on lynchings, economy
         Mumbai, Oct 8 (PTI) The Maharashtra unit of Congress
on Tuesday slammed RSS chief Mohan Bhagwat over his claims
that the Rashtriya Swayamsevak Sangh had nothing do with
lynchings and there was no economic slowdown in the country.
         Those involved in incidents of lynching came from the
RSS ideology, state Congress spokesperson Sachin Sawant said
in a statement here.
         "It is as much a lie to say that RSS has nothing to do
with lynchings as it is a lie to say that RSS is a cultural
organisation, is anti-casteist, pro-reservation and respects
the Constitution and tricolour," Sawant said.
         "Spreading falsehood is the ideology of the Sangh
Parivar," the Congress leader alleged.
         Addressing the RSS's Vijayadashmi rally in Nagpur on
Tuesday morning, Bhagwat said it was wrong to use the term
lynching in the Indian context. The term was being used to
defame the country, he claimed.
         Bhagwat also said that there was no recession as the
country's economy was growing at the rate of five per cent.
PTI MR
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