नई दिल्लीः 2019 लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के ऊपर आचार संहिता के उल्लंघन के मामले थे, जिसमें चुनाव आयोग ने क्लीन चिट दे दी थी. EC द्वारा क्लीन चिट दिए जाने का विरोध करने वाले चुनाव आयुक्त अशोक लवासा की पत्नी को आयकर विभाग ने नोटिस जारी किया है.
मामले को लेकर कांग्रेस पार्टी ने सवाल खड़े किए हैं. दरअसल पार्टी का कहना है कि क्या सरकार उनको अपना पद छोड़ने के लिये मजबूर करना चाह रही है? या निष्पक्षता में विश्वास रखने वाले अधिकारियों के लिये किसी प्रकार का उदाहरण रखना चाहती है?
इस संबंध में कांग्रेस के प्रवक्ता प्रणव झा ने मीडिया से बातचीत की है.
इस दौरान उन्होंने कहा, इस मामले से यही सवाल उठता है कि क्या यह उनकी असहमति की कीमत है? विपक्षी पार्टियां कई बार लोकसभा चुनाव के दौरान मुख्य चुनाव आयोग के दरवाजे पर गए.
उन्होंने आगे कहा कि कई आरोपों का निष्पादन हुआ, हमारी गुहार को भी सुना गया लेकिन जब भी कोई शिकायत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या फिर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ गई तो उसमें चुनाव आयोग द्वारा देरी बरती गई और अंत में उन दोनों को क्लीन चिट दे दी गई.
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प्रणव झा ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या यह सरकार कोई संदेश भेजना चाहती है उन अधिकारियों को जो निष्पक्षता से अपना काम करते हैं? क्या यह प्रयास है उस अधिकारी को मजबूर करने के लिए कि वह अपने पद से इस्तीफा दे दे? यह सवाल जनता और विपक्ष के मन में हमेशा रहेगा.
आपको बता दें कि अशोक लवासा की पत्नी नोवल सिंह लवासा फिलहाल तीन कंपनियों में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में शामिल है. इससे पहले वह और भी कई कंपनियों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में रह चुकी हैं.
आयकर विभाग ने नोटिस में उनसे 10 कंपनियों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर को लेकर जानकारी के साथ साथ आय से जुड़ी जानकारी और दस्तावेज की भी मांग की है.