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सैनिकों को निहत्थे होने के लिए 'मजबूर' क्यों किया गया : कांग्रेस - congress slams bjp

गलवान घाटी में चीनी सैनिकों द्वारा भारत के 20 सैनिकों की हत्या पर कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार से सवाल पूछ रही है. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से देश को विश्वास में लेने का आग्रह कर रही है. पार्टी ने गुरुवार को कहा कि हमारे सैनिकों को निहत्थे होने के लिए 'मजबूर' क्यों किया. जानें विस्तार से...

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कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल
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Published : Jun 18, 2020, 10:08 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार को लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों द्वारा भारत के 20 सैनिकों की हत्याओं पर भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधा.

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने अपने बयान में कहा कि हमारे सैनिकों को निहत्थे होने के लिए 'मजबूर' क्यों किया.

वेणुगोपाल ने कहा, 'यह स्पष्ट है कि चीन ने अक्षम्य अपराध किया है. चीनी सैनिकों ने जानबूझकर हमारे बहादुर सैनिकों पर राइफल, लोहे की छड़ों, कांटेदार छड़ें और अन्य हथियारों से हमला किया. भारत के 130 करोड़ लोगों का दिमाग इस क्रूर और बेशर्म तरीके को सोचते हुए हिल जाता है, जिसमें हमारे वीर जवान शहीद हो गए. यह सबसे चौंकाने वाली, अपमानजनक और दर्दनाक बात है.'

उन्होंने आगे कहा, 'आज लोगों में बहुत पीड़ा है. पूरे भारत को न केवल भारत माता की क्रूर शहादत की असंतोषजनक पीड़ा से, बल्कि यह भी नाराजगी है कि क्यों और किसने उन्हें हमारे दुश्मनों से निपटने के लिए निहत्थे जाने के लिए मजबूर किया.'

इस मुद्दे पर कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार से सवाल पूछ रही है. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से देश को विश्वास में लेने का आग्रह कर रही है.

कांग्रेस नेता ने पीएम मोदी या रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से इस बात पर जवाब मांगा कि भारतीय सेना के जवानों को शत्रुओं के पास बिना शस्त्र के क्यों भेजा गया और कौन उन्हें इस तरह के आदेश दिए थे. सशस्त्र 'बैकअप फोर्स' उन्हें सेना प्रोटोकॉल के अनुसार उपलब्ध क्यों नहीं थी और सरकार को हमारे सैनिकों पर एक षड्यंत्रकारी हमले की चीन के बारे में पूर्व सूचना क्यों नहीं थी.

'चीन की मंशा को समझने में गलती केंद्र सरकार और उसके नेतृत्व की घोर विफलता का प्रतीक है? 'वेणुगोपाल ने पूछा. उन्होंने सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा, 'देश को दिल्ली के शासकों की कूटनीतिक चूक की कीमत चुकानी पड़ी है, जिन्होंने सैन्य अधिकारियों और सैनिकों की शहादत से दिन-रात अपने 'मजबूत नेतृत्व' को हराया है.'

यह भी पढ़ें- चीन को चौतरफा घेरने की तैयारी, बीएसएनएल के बाद रेलवे ने भी रद्द किए अनुबंध

बता दें कि भारत और चीन के बीच सीमा तनाव के मामले पर चर्चा करने के लिए पीएम मोदी ने शुक्रवार को एक सर्वदलीय बैठक भी बुलाई है.

नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार को लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों द्वारा भारत के 20 सैनिकों की हत्याओं पर भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधा.

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने अपने बयान में कहा कि हमारे सैनिकों को निहत्थे होने के लिए 'मजबूर' क्यों किया.

वेणुगोपाल ने कहा, 'यह स्पष्ट है कि चीन ने अक्षम्य अपराध किया है. चीनी सैनिकों ने जानबूझकर हमारे बहादुर सैनिकों पर राइफल, लोहे की छड़ों, कांटेदार छड़ें और अन्य हथियारों से हमला किया. भारत के 130 करोड़ लोगों का दिमाग इस क्रूर और बेशर्म तरीके को सोचते हुए हिल जाता है, जिसमें हमारे वीर जवान शहीद हो गए. यह सबसे चौंकाने वाली, अपमानजनक और दर्दनाक बात है.'

उन्होंने आगे कहा, 'आज लोगों में बहुत पीड़ा है. पूरे भारत को न केवल भारत माता की क्रूर शहादत की असंतोषजनक पीड़ा से, बल्कि यह भी नाराजगी है कि क्यों और किसने उन्हें हमारे दुश्मनों से निपटने के लिए निहत्थे जाने के लिए मजबूर किया.'

इस मुद्दे पर कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार से सवाल पूछ रही है. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से देश को विश्वास में लेने का आग्रह कर रही है.

कांग्रेस नेता ने पीएम मोदी या रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से इस बात पर जवाब मांगा कि भारतीय सेना के जवानों को शत्रुओं के पास बिना शस्त्र के क्यों भेजा गया और कौन उन्हें इस तरह के आदेश दिए थे. सशस्त्र 'बैकअप फोर्स' उन्हें सेना प्रोटोकॉल के अनुसार उपलब्ध क्यों नहीं थी और सरकार को हमारे सैनिकों पर एक षड्यंत्रकारी हमले की चीन के बारे में पूर्व सूचना क्यों नहीं थी.

'चीन की मंशा को समझने में गलती केंद्र सरकार और उसके नेतृत्व की घोर विफलता का प्रतीक है? 'वेणुगोपाल ने पूछा. उन्होंने सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा, 'देश को दिल्ली के शासकों की कूटनीतिक चूक की कीमत चुकानी पड़ी है, जिन्होंने सैन्य अधिकारियों और सैनिकों की शहादत से दिन-रात अपने 'मजबूत नेतृत्व' को हराया है.'

यह भी पढ़ें- चीन को चौतरफा घेरने की तैयारी, बीएसएनएल के बाद रेलवे ने भी रद्द किए अनुबंध

बता दें कि भारत और चीन के बीच सीमा तनाव के मामले पर चर्चा करने के लिए पीएम मोदी ने शुक्रवार को एक सर्वदलीय बैठक भी बुलाई है.

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