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कांग्रेस की मांग- ट्रक ड्राइवर, एमएसएमईएस श्रमिकों को मिले तीन माह का अग्रिम वेतन - ट्रक ड्राइवर देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि सरकार को एमएसएमईएस के मजदूर और ट्रक ड्राइवरों को तीन माह तक के वेतन एडवांस में देना चाहिए. इससे लोगों के दैनिक जीवन पर प्रभाव नहीं पड़ेगा. पढ़ें पूरी खबर...

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ
कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ
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Published : Mar 30, 2020, 6:02 PM IST

नई दिल्ली : देशभर में कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए लॉकडाउन लागू है. इससे संपूर्ण भारत में प्रवासी मजदूरों को पलायन जारी है. कांग्रेस ने प्रवासी मजदूरों का हवाला देते हुए कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमईएस) के मजदूरों, ट्रक ड्राइवरों को तीन माह का वेतन पहले दिया जाना चाहिए, जिससे लोगों के दैनिक जीवन पर प्रभाव न पड़ सके.

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने मीडिया से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की. उन्होंने मांग की कि एमएसएमईएस के मजदूरों के वेतन का 70 फीसद हिस्सा केंद्र सरकार अगले तीन महीने तक वहन करे.

गौरव वल्लभ ने बताया कि भारत में लगभग 4.25 करोड़ एमएसएमईएस हैं, जिनका सकल घरेलू उत्पाद में योगदान 29 प्रतिशत है. उन्होंने कहा, 'मेरे अनुमान से एमएसएमईएस का 10 प्रतिशत टर्नओवर डेढ़ लाख करोड़ रुपये है और इस क्षेत्र में 45 करोड़ लोग कार्यरत हैं. इससे 2200 रुपये प्रति व्यक्ति मिलेंगे.

उन्होंने कहा कि ट्रक ड्राइवर देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं. केंद्र सरकार को इन लोगों का समर्थन करना चाहिए और इन्हे तीन महीने का वेतन एडवांस में प्रदान करने के लिए ट्रांसपोर्टरों को कहना चाहिए.

कांग्रेस नेता ने कहा कि देश में लगभग 30 लाख ट्रक ड्राइवर हैं, इसका मतलब है कि इन्हें वेतन देने पर 25 हजार करोड़ का बोझ उठाना पड़ेगा. इन्हें वेतन देने पर आपूर्ति भी सुचारु रूप से होती रहेगी.

पढ़ें : कांग्रेस का कार्यकर्ताओं को निर्देश- जरूरतमंदों को मुहैया कराएं खाद्य व जरूरी समान

इसके साथ ही, कांग्रेस ने सरकार से किसी भी कंपनी या किसी भी सेक्टर में छह महीने तक नो रिटेंशन का हवाला देते हुए एक कानून लाने का आग्रह किया.

इससे पहले रविवार को कांग्रेस महासचिव वेणुगोपाल ने कहा था कि सरकार ने बिना तैयारी के ही देश में लॉकडाउन लागू कर दिया.

नई दिल्ली : देशभर में कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए लॉकडाउन लागू है. इससे संपूर्ण भारत में प्रवासी मजदूरों को पलायन जारी है. कांग्रेस ने प्रवासी मजदूरों का हवाला देते हुए कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमईएस) के मजदूरों, ट्रक ड्राइवरों को तीन माह का वेतन पहले दिया जाना चाहिए, जिससे लोगों के दैनिक जीवन पर प्रभाव न पड़ सके.

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने मीडिया से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की. उन्होंने मांग की कि एमएसएमईएस के मजदूरों के वेतन का 70 फीसद हिस्सा केंद्र सरकार अगले तीन महीने तक वहन करे.

गौरव वल्लभ ने बताया कि भारत में लगभग 4.25 करोड़ एमएसएमईएस हैं, जिनका सकल घरेलू उत्पाद में योगदान 29 प्रतिशत है. उन्होंने कहा, 'मेरे अनुमान से एमएसएमईएस का 10 प्रतिशत टर्नओवर डेढ़ लाख करोड़ रुपये है और इस क्षेत्र में 45 करोड़ लोग कार्यरत हैं. इससे 2200 रुपये प्रति व्यक्ति मिलेंगे.

उन्होंने कहा कि ट्रक ड्राइवर देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं. केंद्र सरकार को इन लोगों का समर्थन करना चाहिए और इन्हे तीन महीने का वेतन एडवांस में प्रदान करने के लिए ट्रांसपोर्टरों को कहना चाहिए.

कांग्रेस नेता ने कहा कि देश में लगभग 30 लाख ट्रक ड्राइवर हैं, इसका मतलब है कि इन्हें वेतन देने पर 25 हजार करोड़ का बोझ उठाना पड़ेगा. इन्हें वेतन देने पर आपूर्ति भी सुचारु रूप से होती रहेगी.

पढ़ें : कांग्रेस का कार्यकर्ताओं को निर्देश- जरूरतमंदों को मुहैया कराएं खाद्य व जरूरी समान

इसके साथ ही, कांग्रेस ने सरकार से किसी भी कंपनी या किसी भी सेक्टर में छह महीने तक नो रिटेंशन का हवाला देते हुए एक कानून लाने का आग्रह किया.

इससे पहले रविवार को कांग्रेस महासचिव वेणुगोपाल ने कहा था कि सरकार ने बिना तैयारी के ही देश में लॉकडाउन लागू कर दिया.

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