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विश्वास प्रस्ताव पर मत विभाजन से पहले बागी विधायकों के इस्तीफे पर निर्णय लें स्पीकर : कांग्रेस

कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर केआर रमेश कुमार से एक अपील की है. इस अपील में उन्होंने कहा कि बागी विधायकों के इस्तीफे पर निर्णय लेने के बाद ही अगला कदम तय करें. जब तक निर्णय नहीं होता तब तक मुख्यमंत्री कुमारस्वामी द्वारा पेश विश्वास प्रस्ताव पर मत विभाजन नहीं कराएं.

सिद्धारमैया
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Published : Jul 22, 2019, 9:35 PM IST

बेंगलुरु: कांग्रेस ने सोमवार को कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष से जोरदार अपील की कि जब तक वह बागी विधायकों द्वारा सौंपे गये त्यागपत्रों पर निर्णय नहीं ले लेते हैं तब तक मुख्यमंत्री कुमारस्वामी द्वारा पेश विश्वास प्रस्ताव पर मत विभाजन नहीं कराएं.

कर्नाटक सरकार के वरिष्ठ मंत्री कृष्णा बायरे गौड़ा ने विश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान कांग्रेस का यह रु ख सामने रखा. उन्होंने कहा कि इस्तीफे के मुद्दे पर अध्यक्ष के निर्णय के बगैर मत-विभाजन कराने से विश्वास प्रस्ताव प्रक्रिया की कोई गरिमा नहीं रहेगी.

विश्वास प्रस्ताव पर बहस के तीसरे दिन भी जारी रहने के दौरान उन्होंने कहा, 'हम असाधारण स्थिति में आ गये हैं. मैं अध्यक्ष से पहले इस्तीफों पर निर्णय लेने का अनुरोध करता हूं. अन्यथा इसका (विश्वास प्रस्ताव का) कोई मतलब नहीं रह जाएगा.'

उन्होंने सवाल किया, 'क्या इस्तीफा स्वेच्छा से दिया गया और असलियत क्या है? क्या वे लोकतंत्र के विरूद्ध नहीं हैं?'

भाजपा को संदेह है कि कांग्रेस जद(एस) सरकार बागी विधायकों को अपने पाले में करने के लिए विश्वास प्रस्ताव पर मत-विभाजन में देरी कर रही है. इन्हीं विधायकों के इस्तीफे की वजह से सरकार गिरने की कगार पर पहुंच गयी है.

जदएस-कांग्रेस सरकार ने राज्यपाल वजूभाई वाला द्वारा विश्वास प्रस्ताव पर मत-विभाजन के लिए तय की दो समय सीमाओं का उल्लंघन किया है. राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को लिखे गये दो पत्रों में कहा था कि प्रथम दृष्टया वह सदन का विश्वास खो चुके हैं.

केंद्र की भाजपा नीत सरकार पर प्रहार करते हुए गौड़ा ने कहा कि देश से राजनीतिक विपक्ष का सफाया करने के लिए 'सुनियोजित तरीके से' प्रयास चल रहा है और भाजपा द्वारा कर्नाटक में अभियान उसी प्रयास का हिस्सा है.

उन्होंने बागी विधायकों से अपने रुख पर पुनर्विचार करने की भी अपील की.

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस विधायक ने भाजपा के एक नेता के साथ टेलीफोन पर बातचीत में पैसा और मंत्रिपद की चर्चा की थी. इस पर भाजपा नेता जगदीश शेट्टार ने आपत्ति की. तब अध्यक्ष के आर रमेश ने भी गौड़ा से आरोप लगाने से पहले सबूत पेश करने को कहा.

बेंगलुरु: कांग्रेस ने सोमवार को कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष से जोरदार अपील की कि जब तक वह बागी विधायकों द्वारा सौंपे गये त्यागपत्रों पर निर्णय नहीं ले लेते हैं तब तक मुख्यमंत्री कुमारस्वामी द्वारा पेश विश्वास प्रस्ताव पर मत विभाजन नहीं कराएं.

कर्नाटक सरकार के वरिष्ठ मंत्री कृष्णा बायरे गौड़ा ने विश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान कांग्रेस का यह रु ख सामने रखा. उन्होंने कहा कि इस्तीफे के मुद्दे पर अध्यक्ष के निर्णय के बगैर मत-विभाजन कराने से विश्वास प्रस्ताव प्रक्रिया की कोई गरिमा नहीं रहेगी.

विश्वास प्रस्ताव पर बहस के तीसरे दिन भी जारी रहने के दौरान उन्होंने कहा, 'हम असाधारण स्थिति में आ गये हैं. मैं अध्यक्ष से पहले इस्तीफों पर निर्णय लेने का अनुरोध करता हूं. अन्यथा इसका (विश्वास प्रस्ताव का) कोई मतलब नहीं रह जाएगा.'

उन्होंने सवाल किया, 'क्या इस्तीफा स्वेच्छा से दिया गया और असलियत क्या है? क्या वे लोकतंत्र के विरूद्ध नहीं हैं?'

भाजपा को संदेह है कि कांग्रेस जद(एस) सरकार बागी विधायकों को अपने पाले में करने के लिए विश्वास प्रस्ताव पर मत-विभाजन में देरी कर रही है. इन्हीं विधायकों के इस्तीफे की वजह से सरकार गिरने की कगार पर पहुंच गयी है.

जदएस-कांग्रेस सरकार ने राज्यपाल वजूभाई वाला द्वारा विश्वास प्रस्ताव पर मत-विभाजन के लिए तय की दो समय सीमाओं का उल्लंघन किया है. राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को लिखे गये दो पत्रों में कहा था कि प्रथम दृष्टया वह सदन का विश्वास खो चुके हैं.

केंद्र की भाजपा नीत सरकार पर प्रहार करते हुए गौड़ा ने कहा कि देश से राजनीतिक विपक्ष का सफाया करने के लिए 'सुनियोजित तरीके से' प्रयास चल रहा है और भाजपा द्वारा कर्नाटक में अभियान उसी प्रयास का हिस्सा है.

उन्होंने बागी विधायकों से अपने रुख पर पुनर्विचार करने की भी अपील की.

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस विधायक ने भाजपा के एक नेता के साथ टेलीफोन पर बातचीत में पैसा और मंत्रिपद की चर्चा की थी. इस पर भाजपा नेता जगदीश शेट्टार ने आपत्ति की. तब अध्यक्ष के आर रमेश ने भी गौड़ा से आरोप लगाने से पहले सबूत पेश करने को कहा.

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PRI GEN NAT
.BENGALU MDS11
KA-CONFIDENCE-CONG
Cong tells Speaker not to put confidence motion to vote till
MLAs resignation issue is decided
         Bengaluru, Jul 22 (PTI) Congress Monday made a strong
plea to the Speaker in the Karnataka Assembly not to put to
vote the confidence motion moved by Chief Minister H D
Kumaraswamy till the chair decides on the resignations to the
House submitted by the rebel lawmakers.
         The Congress' position was stated during the debate on
the confidence motion by senior Minister Krishna Byre Gowda
who said that taking up the voting without the Speaker's
decision on the resignation issue would leave the confidence
motion process without any sanctity.
         "We are in an extraordinary situation... I request the
chair to decide on the resignation first. Or else, it will
(confidence vote) will have no standing," Gowda said, as the
debate on the trust vote dragged on for the third day.
         "Is the resignation voluntary and genuine. Aren't they
against democracy?" he said.
         The BJP is suspecting that the voting is being delayed
by the Congress-JDS government only to buy time to win back
the rebel legislators, whose resignations have pushed it to
the precipice.
         The JDS-Congress government has defied the two
deadlines set by Governor Vajubhai Vala, who has said in his
two missives to the chief minister that he has "prima facie
satisfaction" that he has lost the confidence of the House.
         Mounting an attack on the BJP-led government at the
Centre, Gowda charged that there was a "systematic effort" to
eliminate the "political opposition" in the country and the
operation in Karnataka by BJP was part of such an attempt.
         Alleging that there was an "undeclared emergency" in
the country, Gowda told the BJP, "the blood of democracy is on
your hands."
         He also appealed to the rebel lawmakers to reconsider
their stand.
         Elaborating on the alleged BJP operation to topple the
government, he said Congress MLA B C Patil had in a telephonic
conversation with a BJP leader talked about money and
ministerial position.
         As BJP leader Jagadish Shettar objected to the charge,
Speaker K R Ramesh Kumar asked the member to produce
documentary evidence before making any allegation.
         As many as 16 MLAs -- 13 from the Congress and three
from JDS-- had resigned, while independent MLAs R Shankar and
H Nagesh have withdrawn their support to the coalition
government, pushing the government to the precipice.
         One Congress member Ramalinga Reddy retracted from his
decision to resign, saying he would support the government.
         The ruling combine's strength is 117-- Congress 78,
JD(S) 37, BSP 1, and nominated 1, besides the Speaker.
         With the support of the two independents, the
opposition BJP has 107 MLAs in the 225-member House, including
the nominated MLA and Speaker.
         If the resignations of 15 MLAs (12 from Congress and
three from JDS) are accepted or if they stay away, the ruling
coalition's tally will plummet to 101, reducing the government
to a minority. PTI KSU RA
SS
SS
07221513
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