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विदेश में रहने वालों की मदद के लिए सरकार के पास कोई नीति नहीं : कांग्रेस

कांग्रेस ने अमेरिका में एच-1बी वीजा के निलंबन मुद्दे पर केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला है. कांग्रेस ने इस भारत सरकार की विदेश नीति की असफलता भी करार दिया है.

कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी
कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी
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Published : Jul 8, 2020, 8:56 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस ने अमेरिका में एच-1बी वीजा निलंबित किए जाने और कुवैत के एक प्रस्तावित कानून को लेकर बुधवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि विदेश में देश का नाम रोशन करने वालों की मदद के लिए इस सरकार के पास कोई नीति नहीं है.

पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने यह दावा भी किया कि दूसरे देशों में बड़े-बड़े आयोजन करने, हाथ मिलाने और गले मिलने की कूटनीति का देश के नागरिकों को कोई फायदा नहीं हो रहा है.

उन्होंने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, 'बड़े -बड़े आयोजनों, हाथ मिलाने, गले मिलने और इवेंट करने का जमीनी सच सबके सामने है. देश इसका जवाब मांग रहा है क्योंकि भारतीयों पर सीधा आघात हो रहा है.'

सिंघवी ने कहा, 'अमेरिका में लिए गए इस एकतरफा निर्णय से लगभग 85,000 एच-1बी वीजाधारक प्रभावित हुए हैं. वीजा निलंबित किए जाने को कई हफ्ते हो भी गए, लेकिन हमारी सरकार कुछ कर नहीं पाई.'

उनके मुताबिक, अमेरिका के इस निर्णय का सबसे ज्यादा नुकसान भारतीय युवाओं को हुआ है क्योंकि हर चार एच-1बी वीजा में से तीन भारतीय को मिलते रहे हैं.

कुवैत में हर देश के नागरिकों की आबादी को 15 फीसदी तक सीमित करने से जुड़े प्रस्तावित कानून का हवाला देते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खाड़ी देशों का कई बार दौरा कर चुके हैं और पुरस्कारों का आदान-प्रदान भी हुआ है, लेकिन कुवैत इस तरह के निर्णय कर रहा है.

उन्होंने कहा, 'कुवैत आर्थिक रूप से हम पर निर्भर है. उसने एक तरह से तय कर दिया कि सीमित संख्या में भारतीय ही रह सकते हैं, बाकी वापस लौट जाएं. इससे लाखों भारतीय नागरिकों के लिए मुश्किल पैदा हो गई है. आखिर सरकार क्या कर रही थी?' सिंघवी ने दावा किया, 'अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की मानहानि हो रही है. सरकार भारत के उन वर्गों पर प्रहार कर रही है जो अपनी काबिलियत से देश का नाम रोशन करते हैं. इन सबके बीच सरकार के पास न हल है, न कोई नीति.'

यह भी पढ़ें- लॉकडाउन में बढ़ी अफीम-गांजे की तस्करी, झारखंड-ओडिशा बने डिलीवरी हब

बेरोजगारी के संदर्भ में कांग्रेस नेता ने कहा, 'रोजगार के आंकड़े सबको पता है. पिछले वित्त वर्ष में 40.4 करोड़ रोजगार थे. इस वर्ष में 37.4 करोड़ रोजगार हैं. कोरोना के बाद अकेले अप्रैल में 12 करोड़ रोजगार का नुकसान हुआ है .'

उन्होंने कहा, 'मई-जून में मनरेगा के कारण रोजगार का आंकड़ा 7 करोड़ बढ़ा है. इनमें से अधिकांश किसान, दिहाड़ी मजदूर आदि हैं. इसी मनरेगा को गालियां दी जा रही थी.'

नई दिल्ली : कांग्रेस ने अमेरिका में एच-1बी वीजा निलंबित किए जाने और कुवैत के एक प्रस्तावित कानून को लेकर बुधवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि विदेश में देश का नाम रोशन करने वालों की मदद के लिए इस सरकार के पास कोई नीति नहीं है.

पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने यह दावा भी किया कि दूसरे देशों में बड़े-बड़े आयोजन करने, हाथ मिलाने और गले मिलने की कूटनीति का देश के नागरिकों को कोई फायदा नहीं हो रहा है.

उन्होंने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, 'बड़े -बड़े आयोजनों, हाथ मिलाने, गले मिलने और इवेंट करने का जमीनी सच सबके सामने है. देश इसका जवाब मांग रहा है क्योंकि भारतीयों पर सीधा आघात हो रहा है.'

सिंघवी ने कहा, 'अमेरिका में लिए गए इस एकतरफा निर्णय से लगभग 85,000 एच-1बी वीजाधारक प्रभावित हुए हैं. वीजा निलंबित किए जाने को कई हफ्ते हो भी गए, लेकिन हमारी सरकार कुछ कर नहीं पाई.'

उनके मुताबिक, अमेरिका के इस निर्णय का सबसे ज्यादा नुकसान भारतीय युवाओं को हुआ है क्योंकि हर चार एच-1बी वीजा में से तीन भारतीय को मिलते रहे हैं.

कुवैत में हर देश के नागरिकों की आबादी को 15 फीसदी तक सीमित करने से जुड़े प्रस्तावित कानून का हवाला देते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खाड़ी देशों का कई बार दौरा कर चुके हैं और पुरस्कारों का आदान-प्रदान भी हुआ है, लेकिन कुवैत इस तरह के निर्णय कर रहा है.

उन्होंने कहा, 'कुवैत आर्थिक रूप से हम पर निर्भर है. उसने एक तरह से तय कर दिया कि सीमित संख्या में भारतीय ही रह सकते हैं, बाकी वापस लौट जाएं. इससे लाखों भारतीय नागरिकों के लिए मुश्किल पैदा हो गई है. आखिर सरकार क्या कर रही थी?' सिंघवी ने दावा किया, 'अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की मानहानि हो रही है. सरकार भारत के उन वर्गों पर प्रहार कर रही है जो अपनी काबिलियत से देश का नाम रोशन करते हैं. इन सबके बीच सरकार के पास न हल है, न कोई नीति.'

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बेरोजगारी के संदर्भ में कांग्रेस नेता ने कहा, 'रोजगार के आंकड़े सबको पता है. पिछले वित्त वर्ष में 40.4 करोड़ रोजगार थे. इस वर्ष में 37.4 करोड़ रोजगार हैं. कोरोना के बाद अकेले अप्रैल में 12 करोड़ रोजगार का नुकसान हुआ है .'

उन्होंने कहा, 'मई-जून में मनरेगा के कारण रोजगार का आंकड़ा 7 करोड़ बढ़ा है. इनमें से अधिकांश किसान, दिहाड़ी मजदूर आदि हैं. इसी मनरेगा को गालियां दी जा रही थी.'

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