नई दिल्ली : कांग्रेस ने देश में कोरोना वायरस के मामले बढ़ने पर चिंता व्यक्त करते हुए सरकार पर आरोप लगाया कि उसने लॉकडाउन की अवधि में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत नहीं कर 'समय की बर्बादी' की है.
कांग्रेस के प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने डिजिटल संवाददाता सम्मेलन में सवाल किया सरकार 22 जून तक सिर्फ 1,340 वेंटिलेटर क्यों खरीद सकी जबकि 31 मार्च को 50 हजार वेंटिलेटरों का ऑर्डर दिया गया था.
उन्होंने कहा कि असल खरीद भाजपा प्रमुख जे पी नड्डा के दावे के विपरीत है, जिसमें उन्होंने कहा था कि देश में जून के अंत तक 60,000 वेंटिलेटर होंगे.
वल्लभ ने यह भी आरोप लगाया कि वेंटिलेटरों के लिए ऑर्डर देने में 'भ्रम की स्थिति रही तथा देरी की गई', 'वित्तीय अव्यवस्था' हुई, पीएम केयर्स कोष के पैसे को खर्च करने में पारदर्शिता की कमी रही और 'घटिया' वेंटिलेटरों की आपूर्ति हुई.
गौरतलब है कि भारत में रविवार को एक दिन में सबसे ज्यादा 24,850 कोरोना वायरस के मामले आए और 613 लोगों की मौत हुई है. इसके बाद कुल मामले 6,73,165 हो गए, जबकि मृतकों का आंकड़ा 19,268 हो गया.
जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय के मुताबिक, भारत कोरोना वायरस से दुनिया में चौथा सबसे अधिक प्रभावित देश है. इससे पहले अमेरिका, ब्राजील और रूस हैं. मृतकों की संख्या के मामले में भारत का स्थान आठवां है.
यह भी पढ़ें-पीएम केयर्स फंड में मिली दान राशि पर राहुल गांधी ने सवाल खड़े किए
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, 'देश में जिस तरह से कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं, यह चिंताजनक है. मैं प्रार्थना करता हूं कि (बीमारी का) चरम जल्दी आए और देश को वायरस से छुटकारा मिले.'
उन्होंने कहा, ' लॉकडाउन एक पॉज (ठहराव) बटन था और इसका इस्तेमाल स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए किया जाना चाहिए था. लेकिन सरकार ने समय बर्बाद किया और वेंटिलेटर की खरीद में कुप्रबंधन में संलिप्त रही.'
गौरव ने कहा, 'सरकार के मुताबिक, 22 जून तक सिर्फ 1340 वेंटिलेटर मिले, जबकि भाजपा के प्रमुख ने एक डिजिटल रैली में दावा किया था कि जून के अंत तक देश में 60,000 वेंटिलेटर होंगे. ढाई महीने से ज्यादा वक्त में थोड़े से वेंटिलेटर क्यों खरीदे गए. इसके लिए कौन जिम्मेदार है?'
कांग्रेस ने नेता ने यह भी कहा कि पीएम केयर्स कोष से 50,000 वेंटिलेटर खरीदने के लिए दो हजार करोड़ रुपये आवंटित हुए और हर वेंटिलेटर की कीमत करीब चार लाख रुपये थी, जबकि एक कंपनी सरकार को डेढ़ लाख रुपये में वेंटिलेटर की आपूर्ति कर रही है.
उन्होंने कहा, 'क्या पीएम केयर्स से 50,000 वेंटिलेटर का ऑर्डर दिया गया है, जिसमें सरकार द्वारा पहले दिया गया 40,000 वेंटिलेटर का ऑर्डर भी शामिल है. पीएम केयर्स का पैसा कहां गया और वेंटिलेटर प्राप्त करने में क्यों असामान्य देरी हुई. क्या पीएम केयर्स ने सरकारी खरीद में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए खुली निविदा को चुना था? पीएम केयर्स कोष का पैसा भी सरकारी धन है.'
पढ़ें : चीनी घुसपैठ पर 'राजधर्म' का पालन करें प्रधानमंत्री : कांग्रेस
सरकार द्वारा कुछ निजी कंपनियों से घटिया सामान और वेंटिलेटर खरीदने का आरोप लगाते हुए वल्लभ ने सवाल किया, 'सरकार घटिया सामग्री लाकर कर देश के लोगों के स्वास्थ्य के साथ क्यों समझौता कर रही है?'
उन्होंने कहा कि अपने स्वास्थ्य के लिए संघर्ष कर रहे लोगों के हित के लिए सरकार को कांग्रेस के सवालों के जवाब देने चाहिए.
वल्लभ ने कहा कि सरकार न तो चीन के साथ सीमा टकराव के सवालों पर जवाब दे रही है और न ही कोरोना वायरस महामारी के तथ्यों को लेकर सामने आ रही है.
उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को देश के लोगों के स्वास्थ्य के हित में हमारे सवालों के जबाव देने चाहिए.'