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सीबीआई कोर्ट का फैसला संविधान की परिपाटी से परे : कांग्रेस

बाबरी विध्वंस मामले में सीबीआई कोर्ट का फैसले पर कांग्रेस ने नाराजगी जाहिर की है. कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने कहा कि बाबरी विध्वंस मामले में सभी 32 दोषियों को बरी करने का सीबीआई कोर्ट का निर्णय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के खिलाफ है. उन्होंने इस फैसले को संविधान की परिपाटी से भी परे बताया.

बाबरी विध्वंस मामले में कांग्रेस
बाबरी विध्वंस मामले में कांग्रेस
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Published : Sep 30, 2020, 2:39 PM IST

Updated : Sep 30, 2020, 3:39 PM IST

नई दिल्ली : 28 साल बाद अयोध्या के विवादित ढांचा विध्वंस मामले में बुधवार को सीबीआई की विशेष अदालत ने सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया है. अदालत के इस निर्णय से कांग्रेस पार्टी नाखुश है. कांग्रेस का कहना है कि बाबरी विध्वंस मामले में सीबीआई कोर्ट का फैसला संविधान की परिपाटी से परे है.

कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि बाबरी विध्वंस मामले में सभी दोषियों को बरी करने का विशेष न्यायालय का निर्णय, सुप्रीम कोर्ट के निर्णय और संविधान की परिपाटी से परे है.

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की फैसले के मुताबिक, बाबरी मस्जिद को गिराया जाना गैरकानूनी और कानून की नजर में अपराध था, लेकिन विशेष अदालत ने सभी को बरी कर दिया. विशेष न्यायालय का यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के फैसले के प्रतिकूल है.

यह भी पढ़ें-सीबीआई की विशेष अदालत ने कहा, घटना पूर्व नियोजित नहीं थी

सुरजेवाला ने कहा कि पूरा देश जानता है कि भाजपा और आरएसएस और उसके नेताओं ने राजनीतिक फायदे के लिए समाज के सांप्रदायिक सौहार्द को तोड़ने का घिनौना षड्यंत्र किया था. उस समय की उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार भी सांप्रदायिक सौहार्द भंग करने की इस साजिश काम में शामिल थी.

बकौल सुरजेवाला, 'उस समय छूठा शपथ पत्र देकर सुप्रीम कोर्ट को भी बरगलाया गया. इन सब पहलुओं, तथ्यों और साक्ष्यों को परखने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद को गिराया जाना गैर-कानूनी ठहराया था.

उन्होंने कहा कि संविधान, सामाजिक सौहार्द व भाईचारे में विश्वास करने वाला हर व्यक्ति उम्मीद व अपेक्षा करता है कि विशेष अदालत के इस तर्क विहीन निर्णय के विरुद्ध प्रांतीय व केंद्रीय सरकारें उच्च अदालत में अपील दायर करेंगी. सुरजेवाला ने कहा कि सरकार से बगैर किसी पक्षपात या पूर्वाग्रह के देश के संविधान और कानून की अनुपालना की अपेक्षा है. यही संविधान और कानूनी की सच्ची परिपाटी है.

नई दिल्ली : 28 साल बाद अयोध्या के विवादित ढांचा विध्वंस मामले में बुधवार को सीबीआई की विशेष अदालत ने सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया है. अदालत के इस निर्णय से कांग्रेस पार्टी नाखुश है. कांग्रेस का कहना है कि बाबरी विध्वंस मामले में सीबीआई कोर्ट का फैसला संविधान की परिपाटी से परे है.

कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि बाबरी विध्वंस मामले में सभी दोषियों को बरी करने का विशेष न्यायालय का निर्णय, सुप्रीम कोर्ट के निर्णय और संविधान की परिपाटी से परे है.

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की फैसले के मुताबिक, बाबरी मस्जिद को गिराया जाना गैरकानूनी और कानून की नजर में अपराध था, लेकिन विशेष अदालत ने सभी को बरी कर दिया. विशेष न्यायालय का यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के फैसले के प्रतिकूल है.

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सुरजेवाला ने कहा कि पूरा देश जानता है कि भाजपा और आरएसएस और उसके नेताओं ने राजनीतिक फायदे के लिए समाज के सांप्रदायिक सौहार्द को तोड़ने का घिनौना षड्यंत्र किया था. उस समय की उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार भी सांप्रदायिक सौहार्द भंग करने की इस साजिश काम में शामिल थी.

बकौल सुरजेवाला, 'उस समय छूठा शपथ पत्र देकर सुप्रीम कोर्ट को भी बरगलाया गया. इन सब पहलुओं, तथ्यों और साक्ष्यों को परखने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद को गिराया जाना गैर-कानूनी ठहराया था.

उन्होंने कहा कि संविधान, सामाजिक सौहार्द व भाईचारे में विश्वास करने वाला हर व्यक्ति उम्मीद व अपेक्षा करता है कि विशेष अदालत के इस तर्क विहीन निर्णय के विरुद्ध प्रांतीय व केंद्रीय सरकारें उच्च अदालत में अपील दायर करेंगी. सुरजेवाला ने कहा कि सरकार से बगैर किसी पक्षपात या पूर्वाग्रह के देश के संविधान और कानून की अनुपालना की अपेक्षा है. यही संविधान और कानूनी की सच्ची परिपाटी है.

Last Updated : Sep 30, 2020, 3:39 PM IST
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