नई दिल्ली : भारत सरकार (GOI) ने एयर इंडिया (AI) के रणनीतिक विनिवेश के लिए 'सैद्धांतिक रूप से' मंजूरी दे दी है. इस विनिवेश में एयर इंडिया का प्रबंधन नियंत्रण और 100 फीसदी इक्विटी शेयर पूंजी का हस्तांतरण किया जाएगा. सरकार इस फैसले पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि जब सरकारों के पास पैसा नहीं होता है तो वह यही करती हैं.
कपिल सिब्बल ने कहा कि भारत सरकार के पास पैसा नहीं है. मनरेगा के तहत विकास दर पांच फीसदी से कम है और लाखों रुपये बकाया हैं. इसलिए वह सभी मूल्यवान सरकारी संपत्तियां बेच देंगे. एयर इंडिया अब किसी अमीर व्यक्ति के हाथों में जाएगी और यह स्थिति सरकार की नकामियों की वजह से हुई है.
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बता दें कि एयर इंडिया घाटे में चल रही है और इसके पर 18,000 करोड़ रुपये का कर्ज है. इसमें विमानों की खरीद का कर्ज भी शामिल हैं. एअर इंडिया पर महज 18,000 करोड़ रुपये का कर्ज है.
सूत्रों के मुताबिक जब इसके लिए बोली आमंत्रित की जाएगी, तो उस समय खातों में 18,000 करोड़ का कर्ज ही दिखाया जाएगा.
सूत्रों के हवाले से पता चला है कि एअर इंडिया के लिए संभावित बिडर्स में टाटा समूह, हिंदुजा, इंडिगो, स्पाइसजेट और कई निजी इक्विटी कंपनियां शामिल हैं. हालांकि माना जा रहा है कि एयर इंडिया की नीलामी में शामिल होने के लिए कई विदेशी कंपनियां भारतीय कंपनियों से साझेदारी कर सकती हैं.