नई दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ हुए प्रदर्शनों के दौरान प्रदर्शनकारियों पर राज्य सरकार द्वारा किए गए कथित 'अत्याचारों' के खिलाफ सोमवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का रुख किया और निर्णायक कार्रवाई की मांग की.
राहुल एवं प्रियंका के नेतृत्व में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने आयोग के समक्ष 31 पृष्ठों का एक प्रतिवेदन सौंपा तथा सबूत के तौर पर कुछ वीडियो सौंपे.
बैठक के बाद राहुल ने ट्वीट कर कहा, 'कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने उत्तर प्रदेश के नागरिकों के खिलाफ राज्य सरकार के अत्याचारों के सबूत मानवाधिकार आयोग को सौंपा. राज्य सरकार ने अपने ही लोगों के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है. मानवाधिकार आयोग को आइडिया ऑफ इंडिया और नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए निर्णायक ढंग से कार्रवाई करनी चाहिए.'
प्रियंका ने कहा, 'आज राहुल गांधी जी के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में उप्र पुलिस द्वारा जनता, महिलाओं और बच्चों के ऊपर की गई बर्बरता और गैरसंवैधानिक कृत्यों की निष्पक्ष जांच की मांग की और अपनी शिकायत दर्ज कराई.'
उन्होंने कहा, 'बीएचयू के छात्रों को करियर बर्बाद करने की धमकी, आम लोगों पर ज्यादतियां, हत्याओं के मामलों में निष्पक्ष जांच के जरिए न्याय मिलना जरूरी है.'
आयोग के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात के बाद पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा कि आयोग ने सबूतों पर विचार करने और आगे कदम उठाने का आश्वासन दिया है.
कांग्रेस की ओर से आयोग को जो प्रतिविदेन सौंपा गया है उसमें आरोप लगाया है कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार अपने ही नागरिकों के साथ अपराधियों की तरह व्यवहार करती है.
विशेष लेख : दिल्ली में आप का पलड़ा दिख रहा भारी
राहुल और प्रियंका के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी, मोहसिना किदवई, सलमान खुर्शीद, जितिन प्रसाद, राजीव शुक्ला और उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू भी मौजूद थे.