नई दिल्ली: मध्य प्रदेश की राजनीति में नया मोड़ आ गया है. राज्य में भाजपा की सरकार बननी तय है. सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार आज शाम पांच बजे तक कांग्रेस सरकार फ्लोर टेस्ट कराना था, हालांकि कमलनाथ ने उससे पहले ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. कांग्रेस ने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह सब उन्हीं की वजह से हुआ है.
कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने कहा कि जब 2018 में राज्य में चुनाव हो रहे थे तो सिंधिया हमारे मुख्य नेता थे. उस दौरान हम सब एक साथ रहते थे और कहते थे कि इस 15 वर्ष की सरकार को हटाओ और नई व्यवस्था को लाओ. वह नई व्यवस्था कांग्रेस थी. इस नई व्यवस्था में क्या कमी आ गई. जबकि इस सरकार ने 15 महीनों में किसानों के ऋण माफ किए गए. युवकों के लिए रोजगार के सृजन किए जा रहे थे.
उन्होंने कहा कि भाजपा के 15 वर्ष की विफलताओं को ठीक करने के लिए कांग्रेस को पांच वर्ष मिले थे, लेकिन 15 महीने में ही खरीद-फरोख्त के माध्यम से प्रदेश से कांग्रेस सरकार को हटा दिया गया है. कांग्रेस के 22 विधायकों को बेंगलुरु भेज दिया जाता है और वे वहां सात सितारा होटल में रहते हैं. उनकी सुरक्षा पुलिस द्वारा की जाती है. भाजपा उन्हें प्राइवेट प्लेन से ले जाती है. वहां पर कांग्रेस नेता अपने ही विधायकों से नहीं मिल पाते हैं. उन्हें बंधक बनाया गया है, उनके इस्तीफे को भाजपा नेता ने लाकर सौंपा और फिर भी वह मंजूर हो गया है.
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जब उनसे पूछा गया कि क्या कांग्रेस में अंदरूनी कलह है तो विवेक तन्खा ने कहा कि सभी पार्टियों के अंदर कलह होती है. भाजपा में भी है, लेकिन भाजपा उन 22 विधायकों को कैद ना करती तो ऐसा संभव था कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार ही बनी रहती.