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शरद पवार पर FIR से कांग्रेस परेशान, उठाए सवाल

महाराष्ट्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मराठवाड़ा के चुनाव प्रभारी राजीव सातव ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. सातव के अनुसार कि पिछले 5 साल में यह साफ दिख रहा है कि जिस किसी ने भी मोदी सरकार के खिलाफ आवाज उठाई, ईडी के द्वारा सरकार ने उसे परेशान करना शुरू कर दिया. राजीव सातव ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की है. जानें विस्तार से...

महाराष्ट्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मराठवाड़ा के चुनाव प्रभारी राजीव सातव
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Published : Sep 25, 2019, 7:38 PM IST

Updated : Oct 2, 2019, 12:19 AM IST

नई दिल्ली: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राष्ट्रवादी नेशनल पार्टी (एनसीपी) सुप्रीमो शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार पर ईडी ने प्राथमिकी दर्ज की है. कांग्रेस ने ईडी की कार्रवाई को बदले की राजनीति करार दिया है.

महाराष्ट्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मराठवाड़ा के चुनाव प्रभारी राजीव सातव दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी संग मुलाकात के बाद ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

राजीव सातव के अनुसार पिछले दिनों देश के पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम के साथ, उसके बाद कांग्रेस के कर्नाटक से वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार को सरकार ने ईडी के माध्यम से परेशान करने का सिलसिला जारी रखा. सरकार यहीं नहीं रुकी, जब राज ठाकरे ने सरकार के खिलाफ बयान दिया तो मोदी सरकार ने उन्हें भी ईडी से डराने का प्लान जारी रखा.

बकौल सातव, 'अब देश के कद्दावर नेता शरद पवार के खिलाफ ईडी की कार्रवाई बदले के भाव से मोदी सरकार के द्वारा की गई कार्रवाई है जनता इसका जवाब देगी. कांग्रेस और एनसीपी के साथ महाराष्ट्र में गठबंधन को लेकर होने वाले अंतिम फैसले को लेकर सोनिया गांधी से चर्चा करने 10 जनपथ पहुंचे थे.'

वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और मराठवाड़ा के चुनाव प्रभारी राजीव सातव से विशेष बातचीत...

राजीव सातव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी खुद कहते हैं कि जब वे दिल्ली आए तो शरद पवार ने उन्हें बड़ी मदद की. लेकिन अब उन्हीं पवार के साथ ऐसा व्यवहार क्या यह अटल बिहारी वाजपेयी की ही भाजपा है, जो बदले के भाव से कार्रवाई कर रही है.

इसे भी पढ़ें- शरद पवार ED के समक्ष 27 सितंबर को पेश होंगे

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने बताया कि शरद पवार के ऊपर ईडी के द्वारा, जो कार्रवाई की जा रही है वह बैंकों से जुड़ा मामला है. शरद पवार का इससे कोई लेना-देना नहीं है. यह सिर्फ और सिर्फ राजनीतिक दुश्मनी के लिए बदले के भाव से लिया गया कार्रवाई है. महाराष्ट्र में चुनाव है और जनता इसका जवाब मोदी सरकार को जरूर देगी.

इसे भी पढ़ें- शरद पवार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस, NCP का ई़डी दफ्तर के बाहर प्रदर्शन

गौैरतलब है कि ईडी ने शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार तथा अन्य लोगों के खिलाफ महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (एमएससीबी) घोटाले के संबंध में धनशोधन का मुकदमा दर्ज किया है.

केंद्रीय एजेंसी ने धनशोधन निरोधक अधिनियम के तहत एक मुकदमा दर्ज किया है, जो मुंबई पुलिस की एक एफआईआर पर आधारित है, जिसमें बैंक के पूर्व अध्यक्ष, महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार और सहकारी बैंक के 70 अन्य पदाधिकारियों के नाम हैं.

नई दिल्ली: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राष्ट्रवादी नेशनल पार्टी (एनसीपी) सुप्रीमो शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार पर ईडी ने प्राथमिकी दर्ज की है. कांग्रेस ने ईडी की कार्रवाई को बदले की राजनीति करार दिया है.

महाराष्ट्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मराठवाड़ा के चुनाव प्रभारी राजीव सातव दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी संग मुलाकात के बाद ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

राजीव सातव के अनुसार पिछले दिनों देश के पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम के साथ, उसके बाद कांग्रेस के कर्नाटक से वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार को सरकार ने ईडी के माध्यम से परेशान करने का सिलसिला जारी रखा. सरकार यहीं नहीं रुकी, जब राज ठाकरे ने सरकार के खिलाफ बयान दिया तो मोदी सरकार ने उन्हें भी ईडी से डराने का प्लान जारी रखा.

बकौल सातव, 'अब देश के कद्दावर नेता शरद पवार के खिलाफ ईडी की कार्रवाई बदले के भाव से मोदी सरकार के द्वारा की गई कार्रवाई है जनता इसका जवाब देगी. कांग्रेस और एनसीपी के साथ महाराष्ट्र में गठबंधन को लेकर होने वाले अंतिम फैसले को लेकर सोनिया गांधी से चर्चा करने 10 जनपथ पहुंचे थे.'

वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और मराठवाड़ा के चुनाव प्रभारी राजीव सातव से विशेष बातचीत...

राजीव सातव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी खुद कहते हैं कि जब वे दिल्ली आए तो शरद पवार ने उन्हें बड़ी मदद की. लेकिन अब उन्हीं पवार के साथ ऐसा व्यवहार क्या यह अटल बिहारी वाजपेयी की ही भाजपा है, जो बदले के भाव से कार्रवाई कर रही है.

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वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने बताया कि शरद पवार के ऊपर ईडी के द्वारा, जो कार्रवाई की जा रही है वह बैंकों से जुड़ा मामला है. शरद पवार का इससे कोई लेना-देना नहीं है. यह सिर्फ और सिर्फ राजनीतिक दुश्मनी के लिए बदले के भाव से लिया गया कार्रवाई है. महाराष्ट्र में चुनाव है और जनता इसका जवाब मोदी सरकार को जरूर देगी.

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गौैरतलब है कि ईडी ने शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार तथा अन्य लोगों के खिलाफ महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (एमएससीबी) घोटाले के संबंध में धनशोधन का मुकदमा दर्ज किया है.

केंद्रीय एजेंसी ने धनशोधन निरोधक अधिनियम के तहत एक मुकदमा दर्ज किया है, जो मुंबई पुलिस की एक एफआईआर पर आधारित है, जिसमें बैंक के पूर्व अध्यक्ष, महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार और सहकारी बैंक के 70 अन्य पदाधिकारियों के नाम हैं.

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Last Updated : Oct 2, 2019, 12:19 AM IST
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