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भाजपा स्पष्ट करे कि वह 'गांधी भक्त है या सावरकर भक्त' : कांग्रेस

महाराष्ट्र में भाजपा ने अपने चुनावी घोषणापत्र में वीर सावरकर को 'भारत रत्न' दिये जाने की मांग की है. इसके बाद से ही इस मसले पर सियासी बहस छिड़ गई है. शनिवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि भाजपा आजकल सबकुछ सावरकर की आंखों से देखती है. पढ़ें पूरी खबर...

कपिल सिब्बल (फाइल फोटो)
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Published : Oct 19, 2019, 7:51 PM IST

नई दिल्ली : महाराष्ट्र में भाजपा के चुनावी घोषणापत्र में वीर सावरकर को 'भारत रत्न' दिलाने का वादा किया गया है. भाजपा के इस वादे पर हो रहे राजनीतिक घमासान के बीच कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि वह वीर सावरकर का सम्मान करती है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वो 'गांधी के भक्त' हैं या फिर 'सावरकर के भक्त' हैं.

पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने यह भी आरोप लगाया कि मोदी और गृह मंत्री अमित शाह असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए 370 जैसे मुद्दों को उठा रहे हैं.

सिब्बल ने संवाददाताओं से कहा, 'आपको (मोदी) ये भी नहीं मालूम कि संविधान में अनुच्छेद 14, अनुच्छेद 15 और अनुच्छेद 16 हैं और शासन को किस नजरिये से प्रजा को देखना चाहिए. आपको ये नहीं मालूम है क्योंकि आजकल आप हर चीज सावरकर की आंखों से देखते हैं.'

कांग्रेस नेता ने कहा, 'हम सबका सम्मान करते हैं, जिन्होंने भी इस देश की सुरक्षा की, चाहे वो सावरकर हों अथवा कोई और हो, हम सबका सम्मान करते हैं, लेकिन आपको ये बताना पड़ेगा कि आप गांधी जी या सावरकर में से किसके भक्त हैं?'

बता दें कि कुछ दिनों पहले ही पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मुंबई में संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि प्रधानमंत्री रहते हुए इंदिरा गांधी ने सावरकर की याद में डाक टिकट जारी किया था.

पढ़ें : महाराष्ट्र में PM मोदी, कहा - कांग्रेस ने मुंबई हमले के बाद कोई कार्रवाई नहीं की

मनमोहन ने यह भी कहा था, 'हम सावरकर के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि उस विचारधारा के खिलाफ हैं, जिसके पक्ष में वह (सावरकर) खड़े थे.'

भाजपा का यह घोषणापत्र आने के बाद कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा था कि अगर सावरकर को 'भारत रत्न' देने पर विचार होता है तो फिर इस देश को भगवान बचाए.

नई दिल्ली : महाराष्ट्र में भाजपा के चुनावी घोषणापत्र में वीर सावरकर को 'भारत रत्न' दिलाने का वादा किया गया है. भाजपा के इस वादे पर हो रहे राजनीतिक घमासान के बीच कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि वह वीर सावरकर का सम्मान करती है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वो 'गांधी के भक्त' हैं या फिर 'सावरकर के भक्त' हैं.

पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने यह भी आरोप लगाया कि मोदी और गृह मंत्री अमित शाह असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए 370 जैसे मुद्दों को उठा रहे हैं.

सिब्बल ने संवाददाताओं से कहा, 'आपको (मोदी) ये भी नहीं मालूम कि संविधान में अनुच्छेद 14, अनुच्छेद 15 और अनुच्छेद 16 हैं और शासन को किस नजरिये से प्रजा को देखना चाहिए. आपको ये नहीं मालूम है क्योंकि आजकल आप हर चीज सावरकर की आंखों से देखते हैं.'

कांग्रेस नेता ने कहा, 'हम सबका सम्मान करते हैं, जिन्होंने भी इस देश की सुरक्षा की, चाहे वो सावरकर हों अथवा कोई और हो, हम सबका सम्मान करते हैं, लेकिन आपको ये बताना पड़ेगा कि आप गांधी जी या सावरकर में से किसके भक्त हैं?'

बता दें कि कुछ दिनों पहले ही पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मुंबई में संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि प्रधानमंत्री रहते हुए इंदिरा गांधी ने सावरकर की याद में डाक टिकट जारी किया था.

पढ़ें : महाराष्ट्र में PM मोदी, कहा - कांग्रेस ने मुंबई हमले के बाद कोई कार्रवाई नहीं की

मनमोहन ने यह भी कहा था, 'हम सावरकर के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि उस विचारधारा के खिलाफ हैं, जिसके पक्ष में वह (सावरकर) खड़े थे.'

भाजपा का यह घोषणापत्र आने के बाद कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा था कि अगर सावरकर को 'भारत रत्न' देने पर विचार होता है तो फिर इस देश को भगवान बचाए.

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पीटीआई-भाषा संवाददाता 18:21 HRS IST




             
  • सावरकर का सम्मान करते हैं लेकिन भाजपा बताए कि वह 'गांधी भक्त है या सावरकर भक्त ' : कांग्रेस



नयी दिल्ली, 19 अक्टूबर (भाषा) महाराष्ट्र में भाजपा के चुनावी घोषणापत्र में वीर सावरकर को भारत रत्न देने की मांग को लेकर हो रहे राजनीतिक घमासान के बीच कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि वह वीर सावरकर का सम्मान करती है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वो 'गांधी के भक्त' हैं या फिर 'सावरकर के भक्त' हैं।







पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने यह भी आरोप लगाया कि मोदी और गृह मंत्री अमित शाह असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए 370 जैसे मुद्दों को उठा रहे हैं।



उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'आपको (मोदी) ये भी नहीं मालूम कि संविधान में अनुच्छेद14, अनुच्छेद 15 और अनुच्छेद 16 हैं कि शासन को किस नजरिये से प्रजा को देखना चाहिए। आपको ये नहीं मालूम है क्योंकि आजकल आप हर चीज सावरकर की आंखों से देखते हैं।' सिब्बल ने कहा, 'हम सबका सम्मान करते हैं, जिन्होंने भी इस देश की सुरक्षा की, चाहे वो सावरकर हों, चाहे कोई और हो, हम सबका सम्मान करते हैं। लेकिन आपको ये बताना पड़ेगा कि आप गांधी जी के भक्त हैं या सावरकर के भक्त हैं? " कुछ दिनों पहले ही पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मुंबई में संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि प्रधानमंत्री रहते हुए इंदिरा गांधी ने सावरकर की याद में डाक टिकट जारी किया था।



उन्होंने यह भी कहा था कि हम सावरकर के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि उस विचारधारा के खिलाफ हैं, जिसके पक्ष में वह (सावरकर) खड़े थे।



गौरतलब है कि महाराष्ट्र भाजपा ने अपने चुनावी घोषणापत्र में सावरकर को भारत रत्न दिये जाने की मांग की है। इसके बाद से ही इस मसले पर सियासी बहस छिड़ गयी है।



भाजपा का यह घोषणापत्र आने के बाद कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा था कि अगर सावरकर को भारत रत्न देने पर विचार होता है तो फिर इस देश को भगवान बचाए।


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