श्रीनगर : वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पूर्व मंत्री सैफुद्दीन सोज ने अपने आवास की दीवार से झांकते हुए मीडिया से बात करने की कोशिश की. हालांकि उन्हें तुरंत पुलिस ने मीडिया से बात करने से रोक दिया. इस बीच उन्होंने मीडिया से कहा कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से झूठ बोला है कि वह आजाद हैं, जबकि आप खुद देख सकते हैं कि मैं आज भी नजर बंद हूं. इस तरह से मेरे बारे में सुप्रीम कोर्ट में झूठ बोला गया.
इस बीच उन्होंने संकेत दिया कि वह इस मामले में अदालत में जाएंगे. उन्होंने कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में झूठ बोलती है कि सैफुद्दीन सोज हिरासत में नहीं है.
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उन्होंने बताया कि जब मैं यहां अपनी रिहाई के बारे में बात करता हूं, तो मुझे बताया जाता है कि सरकार के आदेश हैं और हम कुछ नहीं कर सकते हैं .
उल्लेखनीय हैं कि सैफुद्दीन सोज पिछले साल अगस्त से नजरबंद हैं.
बता दें कि बुधवार को जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया था कि कश्मीरी कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज कभी भी घर में नजरबंद नहीं थे और पिछले साल अगस्त में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद हमेशा स्वतंत्र थे.
न्यायमूर्ति अरिन मिश्रा की अगुआई वाली पीठ सोज की पत्नी द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जो गैरकानूनी नजरबंदी से सोज को राहत देने के लिए शीर्ष अदालत में गई थी. जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने दावों का खंडन कर कहा कि वह कभी भी घर में नजरबंद या किसी संयम के अधीन नहीं थे.
हालांकि वरिष्ठ अधिवक्ता व कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने सरकार के दावों का खंडन किया और कहा कि यह तथ्यों के विपरीत है. न्यायाधीशों ने मामले का निपटारा करने का निर्देश दिया और कहा कि वह इस मामले में आगे प्रवेश नहीं करेंगे.