नई दिल्ली: कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के विषय पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद बैठक को लेकर शुक्रवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा. साथ ही आरोप लगाया कि सरकार की यह 'कूटनीतिक और रणनीतिक विफलता' है कि उसने इस मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण होने दिया है.
कांग्रेस नेता सिंघवी ने कहा कि इस समय कांग्रेस सहित सभी लोग सरकार के साथ खड़े हैं लेकिन यह बैठक सरकार की बहुत बड़ी कूटनीतिक नाकामी है, रणनीतिक नाकामी है.
सिंघवी ने दावा किया कि कि 55- 60 साल के बाद पहली बार इस मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने की कोशिश की गई है. उन्होंने कहा, 'हम प्रधानमंत्री से हाथ जोड़कर आग्रह करते हैं कि वह हमारे मित्र देशों के यहां फोन करें और इस बैठक को निरस्त कराएं.'
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कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, 'हमें इस बात की परवाह नहीं कि इस प्रेस वार्ता के 15 मिनट बाद शायद कुछ ताकतें यह कहना शुरु कर दें कि हम राष्ट्र विरोधी हैं, एंटी नेशनल हैं. मैं सरकार, प्रधानमंत्री जी को याद दिलाना चाहता हूं कि आपकी राष्ट्र विरोधी की इस कसौटी पर तो कहीं कल अटल बिहारी वाजपेयी जी को राष्ट्र विरोधी ना कहना शुरु कर दें, क्योंकि वाजपेयी जी ने इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत की बात की थी.'
दोनों सदन में मोदी सरकार द्वारा कश्मीर पुनर्गठन बिल अनुच्छेद 370 पर सरकार के फैसले का विरोध करने वाली कांग्रेस ने मोदी के फैसले को लेकर तंज कसा. उन्होंने कहा, 'हम आह भी भरते हैं तो हो जाते हैं बदनाम, वो कत्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होती.'
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दरअसल कांग्रेस पार्टी की दलील यह थी 370 पर जिस ढंग से मोदी सरकार ने फैसला लिया हम उसका विरोध कर रहे थे और उसके लिए हमें राष्ट्र विरोधी करार दिया गया.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी बस लेकर पाकिस्तान गए. यदि उस समय यह मोदी सरकार होती तो उन्हें भी राष्ट्र विरोधी करार देती. इस सरकार को यह समझ में नहीं आ रहा क्या गलती कर दी! जिसके कारण यह मुद्दा अंतरराष्ट्रीय हो गया.
एक सवाल के जवाब में कि देश के कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद कहते हैं कश्मीर में शांति है और कांग्रेस बिला वजह इसे मुद्दा बना रही है! सिंघवी ने कहा सरकार के मंत्री रोज यह बातें करते हैं. लेकिन सच क्या है यह तभी पता चलेगा जब कश्मीर में मीडिया को सच जानने दिया जाएगा.
सिंघवी ने कहा देश की सुरक्षा के मामले सरकार की नई नीति में कोई बदलाव भी है तो हम उसके साथ हैं, मगर सरकार को बताना चाहिए कि वह क्या बदलाव ला रही है.
दरअसल, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा हटाने के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार को बैठक करने जा रही है. पाकिस्तान ने इस मुद्दे को लेकर विश्व निकाय को पत्र लिखा था जिसके बाद यह बैठक हो रही है. पाकिस्तान के करीबी सहयोगी चीन ने परिषद में बंद कमरे में विचार-विमर्श करने के लिए कहा था.
उधर, जम्मू-कश्मीर में अगले कुछ दिनों में पाबंदियां कम करने से जुड़े राज्य के मुख्य सचिव के बयान पर सिंघवी ने कहा कि इसमें कुछ नया नहीं है क्योंकि यही बात पहले भी कई लोग दोहरा चुके हैं.
(एक्सट्रा इनपुट- पीटीआई)