बेंगलुरु: कर्नाटक में कांग्रेस के लिए नई मुसीबत खड़ी करते हुए कुछ वरिष्ठ नेताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया एवं प्रदेश पार्टी अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव की कामकाज की मनमर्जी से काम करने की शैली पर सवाल उठाया है.
आलोचना से बेपरवाह राव ने कहा कि जबतक पार्टी हट जाने के लिए नहीं कहती है, तबतक वह अपने पद पर बने रहेंगे. राव ने संवाददातओं से कहा, 'कुछ लोग राजनीतिक रूप से झूठे अभियान में लगे हैं, मैं उसपर ध्यान नहीं देता हूं.
जबतक आलाकमान मुझे पद पर बने रहने के लिए कहता है, मैं अपने पद बना रहूंगा यदि आलाकमान मुझे पद से हटने के लिए कहता है तो मैं अपना पद छोड़ दूंगा.
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उन्होंने कहा, ' बस कुछ लोगों ने कह दिया. इसका मतलब यह नहीं कि मैं इस्तीफा दे दूंगा. किसी ने इसकी मांग भी नहीं की है. मैं पार्टी के हित में काम करूंगा.
जब कांग्रेस कर्नाटक के 15 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव के वास्ते उम्मीदवारों की अपनी सूची तय करने में जुटी है तब बृहस्पतिवार को एक बैठक में कुछ वरिष्ठ नेताओं के बीच मतभेद उभरने के साथ ही उसमें विभाजन नजर आ रही है.
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कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल की अगुवाई में प्रदेश कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक में कुछ वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने प्रदेश नेतृत्व की मनमर्जी से काम करने की शैली और चुनावों में पार्टी की हार को लेकर जवाबदेही नहीं तय करने को लेकर नाखुशी प्रकट की थी.
पार्टी नेताओं के अनुसार बैठक में राव एवं पार्टी विधायक दल के नेता सिद्धरमैया बी के हरिप्रसाद एवं के एच मुनयप्पा के निशाने पर थे. हरिप्रसाद एवं मुनियप्पा ने उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया के दौरान नहीं संपर्क किये जाने एवं नाम करीब करीब तय हो जाने के बाद बुलाये जाने पर एतराज दर्ज कराया.
वहीं कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं की आलोचनाओं का सामना कर रहे प्रदेश पार्टी अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव ने शुक्रवार को कहा कि जब तक पार्टी उन्हें इस्तीफा देने के लिए नहीं कहती, वह पद पर बने रहेंगे.
राव ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'कुछ लोग राजनीतिक रूप से झूठे अभियान में लगे हैं, मैं उस पर ध्यान नहीं देता हूं. जब तक आलाकमान मुझे पद पर बने रहने के लिए कहता है, मैं अपने पद बना रहूंगा.
यदि आलाकमान मुझे पद से हटने के लिए कहता है तो मैं अपना पद छोड़ दूंगा.
उन्होंने कहा, 'बस कुछ लोगों ने कह दिया तो इसका मतलब यह नहीं कि मैं इस्तीफा दे दूंगा. किसी ने इसकी मांग भी नहीं की है. मैं पार्टी के हित में काम करूंगा.
ऐसे में जब कांग्रेस कर्नाटक की 15 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के वास्ते उम्मीदवारों की अपनी सूची तय करने में जुटी है तब बृहस्पतिवार को एक बैठक में कुछ वरिष्ठ नेताओं के बीच मतभेद उभरने के साथ ही उसमें विभाजन नजर आ रहा है.
कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल की अगुवाई में प्रदेश कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक में कुछ वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने प्रदेश नेतृत्व की मनमर्जी से काम करने की शैली और चुनावों में पार्टी की हार को लेकर जवाबदेही नहीं तय करने को लेकर नाखुशी प्रकट की थी.
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पार्टी नेताओं के अनुसार बैठक में राव एवं पार्टी विधायक दल के नेता सिद्धरमैया, बी के हरिप्रसाद और के एच मुनयप्पा के निशाने पर थे। हरिप्रसाद एवं मुनियप्पा ने उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रियाके दौरान नहीं संपर्क किये जाने एवं नाम करीब करीब तय हो जाने के बाद बुलाये जाने पर आपत्ति दर्ज करायी.
उनसे जब उन खबरों के बारे में पूछा गया कि राज्य से कांग्रेस के कुछ राज्यसभा सदस्य सीएलपी नेता और पीसीसी अध्यक्षों समेत नेतृत्व में बदलाव को लेकर आलाकमान को लिख रहे है, तो राव ने कहा कि उन्हें इस तरह की कोई जानकारी नहीं है और उन्होंने इसे काल्पनिक बताया.
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लोकसभा चुनावों में कांग्रेस उम्मीदवारों की हार के लिए पार्टी के भीतर कथित तौर पर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के लिए आलोचना का सामना कर रहे राव ने कहा, 'कुछ लोगों ने कार्रवाई नहीं होने की बात कही है. सबूत के बिना हम कार्रवाई नहीं कर सकते, सिर्फ इसलिए कि कोई एक कह रहा है.
उन्होंने कहा, हमने तथ्यान्वेषी समिति गठित की है जो दो अक्टूबर को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी और इसके आधार पर जांच के बाद कार्रवाई की जायेगी.