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कांग्रेस सेवादल ने किताब बांट उठाए 'सावरकर की वीरता' पर सवाल

कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन सेवादल ने मध्य प्रदेश के भोपाल में एक शिविर का आयोजन किया है. इसमें आरएसएस और विनायक दामोदर सावरकर पर दो किताबें बांटी गई हैं. किताब में आरएसएस और सावरकर की जानकारी विवादित नजर आ रही है, लेकिन सेवादल ने इसे सही बताया है. जानें विस्तार से...

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आरएसएस और सावरकर पर बांटी विवादित किताब
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Published : Jan 2, 2020, 7:34 PM IST

भोपाल : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कांग्रेस के संगठन सेवादल के कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और सावरकर पर विवादित किताब बांटे जाने की बात सामने आई है. किताब में दामोदर सावरकर के जीवन पर विवादित चरित्र की बात सामने आई है. मामले में कांग्रेस सेवादल का कहना है कि जो भी किताब बांटी गई है, उसमें जो जानकारी दी गई है वह सही है.

दरअसल सावरकर पर किताब बांटी गई है, जिसमें उसका शीर्षक है कि 'वीर सावरकर कितने वीर?' जिसमें सावरकर पर विवादित जानकारी दी गई है. किताब में कई जगह सावरकर और नाथूराम गोडसे पर आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया गया है और दोनों पर अल्पसंख्यकों के मामले में भी आरोप लगाए गए हैं.

कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन सेवादल का बयान

इसे भी पढ़ें- सावरकर पर राहुल गांधी के बयान को लेकर घमासान, पक्ष-विपक्ष के नेता मुखर

इसी तरह आरएसएस पर जो किताब बांटी गई है उसमें भी इसी प्रकार की जानकारी दी गई है. जिसमें आरएसएस प्रमुख से लेकर हर मुद्दे पर निशाना साधा गया है. मामले में कांग्रेस सेवादल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालजी देसाई ने कहा कि किताब में लिखे गए सारे तथ्य इतिहास में दर्ज है.

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विवादित जानकारी

लालजी देसाई ने कहा कि बिना किसी तथ्य के इसका जिक्र नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि आरएसएस की संख्या इसीलिए ज्यादा है क्योंकि दंगा करने वाले हमेशा भीड़ में ही आते हैं और शांति मार्च करने वाले लोग कम होते हैं.

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विवादित जानकारी

भोपाल : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कांग्रेस के संगठन सेवादल के कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और सावरकर पर विवादित किताब बांटे जाने की बात सामने आई है. किताब में दामोदर सावरकर के जीवन पर विवादित चरित्र की बात सामने आई है. मामले में कांग्रेस सेवादल का कहना है कि जो भी किताब बांटी गई है, उसमें जो जानकारी दी गई है वह सही है.

दरअसल सावरकर पर किताब बांटी गई है, जिसमें उसका शीर्षक है कि 'वीर सावरकर कितने वीर?' जिसमें सावरकर पर विवादित जानकारी दी गई है. किताब में कई जगह सावरकर और नाथूराम गोडसे पर आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया गया है और दोनों पर अल्पसंख्यकों के मामले में भी आरोप लगाए गए हैं.

कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन सेवादल का बयान

इसे भी पढ़ें- सावरकर पर राहुल गांधी के बयान को लेकर घमासान, पक्ष-विपक्ष के नेता मुखर

इसी तरह आरएसएस पर जो किताब बांटी गई है उसमें भी इसी प्रकार की जानकारी दी गई है. जिसमें आरएसएस प्रमुख से लेकर हर मुद्दे पर निशाना साधा गया है. मामले में कांग्रेस सेवादल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालजी देसाई ने कहा कि किताब में लिखे गए सारे तथ्य इतिहास में दर्ज है.

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विवादित जानकारी

लालजी देसाई ने कहा कि बिना किसी तथ्य के इसका जिक्र नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि आरएसएस की संख्या इसीलिए ज्यादा है क्योंकि दंगा करने वाले हमेशा भीड़ में ही आते हैं और शांति मार्च करने वाले लोग कम होते हैं.

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विवादित जानकारी
Intro:भोपाल- भोपाल में सेवादल के राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर में आरएसएस को लेकर कुछ विवादित किताबें बांटी गई है, जिसमे सावरकर को लेकर भी एक विवादित किताब बांटी जा रही है। किताब में सावरकर को समलैंगिक, दंगाई और बलात्कार का पक्षधर बताया गया है।
Body:इन किताबों में कुछ विवादित तथ्यों का उल्लेख है, जिसे लेकर के बड़ा विवाद खड़ा हो सकता है
'वीर सावरकर कितने वीर?' नाम की किताब में लिखा गया है कि वे हिंदुओं को अल्पसंख्यक महिलाओं का बलात्कार करने के लिए प्रोत्साहित करते थे।
इतना ही नहीं किताब में यह भी कहा गया है कि 12 साल की उम्र में सावरकर ने मस्जिद पर पत्थर फेंके और उसके शीशे और टाइल्स तोड़ दीं।
लारी कॉलिन्स और डोमिनिक लपियर द्वारा लिखित किताब 'फ्रीडम एट मिडनाइट' का रिफरेन्स देते हुए किताब में यह दावा किया गया है कि गोडसे और सावरकर के बीच समलैंगिक संबंध थे।
" ब्रह्मचर्य धारण करने से पहले नाथूराम गोडसे के एक ही समलैंगिक संबंध का ब्यौरा मिलता है, उनका पार्टनर था उनका राजनैतिक गुरु वीर सावरकर", यह किताब से 14 वें पृष्ठ पर लिखा हुआ।
Etv Bharat के पास किताब की कॉपी मौजूद है।
सेवा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालजी देसाई ने कहा कि किताब में लिखे गए सारे तथ्य इतिहास में दर्ज है और बिना किसी रिफरेंस के इसका जिक्र नहीं किया गया है।
देसाई ने कहा कि आरएसएस की संख्या इसीलिए ज्यादा है क्योंकि दंगा करने वाले हमेशा भीड़ में ही आते हैं।।। और शांति मार्च करने वाले लोग कम होते हैं।
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किताब के विवादित तत्थ्य---

1- सावरकर और गोडसे के बीच समलैंगिक संबंध थे
2- सावरकर ने हिंदुओं को अल्पसंख्यक महिलाओं का बलात्कार करने के लिए प्रोत्साहित किया
3- सावरकर ने 12 साल की उम्र में मस्जिद पर पत्थर फेंके
4- आरएसएस ने स्वतंत्रता संग्राम को कमजोर करने का काम कियाConclusion:बाइट -लाल जी देसाई, सेवादल राष्ट्रीय अध्यक्ष
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