नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ और युवा नेताओं के बीच एक बार फिर मतभेद दिखाई पड़ा, जब पार्टी के राज्यसभा सांसदों ने पार्टी के भीतर आत्मनिरीक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया. हालांकि कांग्रेस ने इसे नकार दिया है. कांग्रेस ने कहा कि यह सब प्रोपेगेंडा भाजपा फैला रही है और यह सब महज अफवाहें है.
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरुवार को पार्टी के राज्यसभा सदस्यों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक की. बताया जा रहा है कि इस दौरान एक वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पार्टी की कार्यशैली पर सवाल उठाए और आत्मनिरीक्षण करने का आह्वान किया.
बैठक में युवा राज्यसभा सांसद राजीव सातव ने कहा कि आत्मनिरीक्षण की शुरुआत घर से होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हर तरीके से आत्मनिरीक्षण करना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को महज 44 सीटें मिली. इस पर गौर किया जाना चाहिए.
बैठक में कई सदस्यों ने राहुल गांधी को फिर से पार्टी अध्यक्ष बनाए जाने की मांग की.
गौरतलब है कि पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद राहुल ने पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. पार्टी के कई नेताओं ने उनसे इस्तीफा वापस लेने का आग्रह किया था, लेकिन राहुल अपने फैसले पर अडिग रहे थे. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में रिपुन बोरा, पीएल पूनिया, छाया वर्मा तथा कुछ अन्य सदस्यों ने राहुल को फिर से पार्टी की कमान सौंपने की पैरवी की.
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस मामले के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने कहा, 'मैं केवल तथ्यों के बारे में स्पष्ट कर सकता हूं, न कि कल्पना और अफवाहों के बारे में.'
उन्होंने आगे कहा कि भाजपा को कांग्रेस के आंतरिक झगड़े, जो अस्तित्वहीन हैं. उनपर ध्यान केंद्रित करने की बजाय कोरोना महामारी और चीन के खिलाफ लड़ाई पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. पार्टी 2024 में और अधिक मजबूत होगी और सभी आलोचकों को चुप कराएंगे.
एक सवाल के जवाब में पार्टी के प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करती है.
उन्होंने आगे कहा, 'नींव डालने के समारोह सहित लोगों को आमंत्रित करने का अधिकार ट्रस्ट को है.'
इससे पहले कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि क्या 2014 में कांग्रेस की हार के लिए यूपीए जिम्मेदार है, यह उचित सवाल है और इसका जवाब मिलना चाहिए? अगर सभी समान रूप से जिम्मेदार हैं, तो यूपीए को अलग क्यों रखा जा रहा है? 2019 की हार पर भी मंथन होना चाहिए. सरकार से बाहर हुए छह साल हो गए, लेकिन यूपीए पर कोई सवाल नहीं उठाया गया. यूपीए पर भी सवाल उठने चाहिए.