नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक डीएसपी देवेंद्र सिंह की गिरफ्तारी पर एक तरफ जहां राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं वहीं इसपर सियासत भी गरमा गई है. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस मामले को लेकर कई ट्वीट किए, जिसपर शिरोमणि अकाली दल (बादल) दिल्ली इकाई के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका ने प्रतिक्रिया दी है.
लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने तीन ट्वीट किए. उन्होंने लिखा, 'अगर देवेंद्र सिंह, देवेंद्र खान होता तो आरएसएस की ट्रोल रेजिमेंट की प्रतिक्रिया अधिक स्पष्ट और मुखर होती. हमारे देश के शत्रुओं का रंग, पंथ और धर्म जाहे जो हो, उन्हें सजा मिलनी चाहिए.'
हरमीत सिंह कालका ने अधीर रंजन के बयान का प्रतिवाद करते हुए कहा कि कांग्रेस हिन्दू-मुस्लिम से परे नहीं सोच सकती और देश के खिलाफ गतिविधियों में शामिल लोगों को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए.
उन्होंने आगे कहा कि जो भी कोई आतंकियों के साथ हाथ मिलाता है, उसका कोई धर्म नहीं है.
चौधरी ने अन्य ट्वीट में लिखा, अब निश्चित रूप से यह सवाल उठेगा कि पुलवामा की घटना के पीछे असली अपराधी कौन है, इस पर नए सिरे से विचार करने की जरूरत है.
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में पुलिस उपाधीक्षक देवेंद्र सिंह को दो आतंकवादियों के साथ गिरफ्तार किया गया था.
देवेंद्र सिंह को कुलगाम जिले के वानपोह में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी नावेद बाबू और उसके सहयोगी आसिफ के साथ गिरफ्तार किया गया. बाबू पर बीते साल अक्टूबर और नवंबर में दक्षिण कश्मीर में ट्रक ड्राइवरों और मजदूरों सहित 11 गैर-स्थानीय मजदूरों की हत्या में शामिल होने का आरोप है.
सूत्रों ने रिपोर्ट के सटीक अंशों का खुलासा नहीं किया है, लेकिन उल्लेख किया है कि जम्मू-कश्मीर पुलिस का अधिकारी, हिजबुल मुजाहिदीन द्वारा रची गई एक बड़ी साजिश का हिस्सा था.
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पुलिस अधिकारी से संसद हमले के दोषी अफजल गुरु के पत्र के बारे में पूछताछ की जा रही है, जिसमें उसने 2013 में दावा करते हुए लिखा था कि सिंह ने दिल्ली में संसद हमले के एक आरोपी का साथ देने और उसके ठहरने का इंतजाम करने को कहा था.
यह भी पता चला है कि सिंह ने बाबू व उसके सहयोगी की कई मौकों पर मदद की थी. ऐसा सिंह द्वारा आतंकवादी समूह की कई हत्याओं को अंजाम देने के बावजूद किया गया.