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पिछले एक साल में जनता बेबस और सरकार बेरहम हुई : कांग्रेस - मोदी सरकार दूसरा कार्यकाल

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ के मौके पर कांग्रेस ने 'बेबस लोग, बेरहम सरकार' का नारा दिया. पार्टी ने कहा कि मोदी सरकार का यह साल देश के लिए 'भारी निराशा, कुप्रबंधन और असीम पीड़ा देने वाला साल' रहा है. पढ़ें पूरी खबर...

Congress briefs media on completion of one year of modi government
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल
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Published : May 30, 2020, 6:40 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के एक साल को देश के लिए 'भारी निराशा, कुप्रबंधन और असीम पीड़ा देने वाला साल' करार देते हुए कहा कि जनता बेबस हो गई और सरकार बेरहम होती चली गई.

पार्टी ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ के मौके पर 'बेबस लोग, बेरहम' सरकार' का नारा दिया है कि और सरकार की अर्थव्यवस्था, रोजगार, कृषि, सुरक्षा और विदेश नीति समेत सभी क्षेत्रों में 'विफलताओं' की एक सूची भी जारी की है.

कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, 'भारी निराशा, आपराधिक कुप्रबंधन एवं असीम पीड़ा का साल, सातवें साल की शुरुआत में भारत एक ऐसे मुकाम पर आकर खड़ा है, जहां देश के नागरिक सरकार द्वारा दिए गए अनगिनत घावों व निष्ठुर असंवेदनशीलता की पीड़ा सहने को मजबूर हैं.'

Congress briefs media on completion of one year of modi government
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला

उन्होंने दावा किया, 'पिछले छह साल में देश में भटकाव की राजनीति एवं झूठे शोरगुल की पराकाष्ठा मोदी सरकार के कामकाज की पहचान बन गई. दुर्भाग्यवश, भटकाव के इस आडंबर ने मोदी सरकार की राजनैतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा तो किया, परंतु देश को भारी सामाजिक व आर्थिक क्षति पहुंचाई.'

वहीं पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने दावा किया कि पिछले एक साल में जनता बेबस हो गई और सरकार बेरहम रही तथा इस सरकार ने देश की जनता के खिलाफ युद्ध छेड़े रखा.

उन्होंने कहा, 'मोदी सरकार हर साल दो करोड़ नौकरी देने के वादे के साथ सत्ता में आई. लेकिन 2017-18 में भारत में पिछले 45 साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर रही. कोविड के बाद भारत की बेरोजगारी दर अप्रत्याशित रूप से बढ़कर 27.11 प्रतिशत हो गई है.'

आर्थिक विकास दर में गिरावट को लेकर उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के कार्यकाल में जीडीपी का मतलब हो गया है - 'ग्रॉसली डिक्लाईनिंग परफॉर्मेंस' यानी 'लगातार गिरता प्रदर्शन.'

उन्होंने कहा, 'कोविड-19 से बहुत पहले ही अर्थव्यवस्था बर्बादी के कगार पर पहुंच चुकी थी. पिछले 21 महीनों में जीडीपी वृद्धि दर में लगातार गिरावट हुई है. वित्तवर्ष 2020 की चौथी तिमाही में जीडीपी 3.1 प्रतिशत है, जो संशोधित हो 2 प्रतिशत तक ही रहने का अनुमान है.'

सुरजेवाला ने दावा किया, 'मोदी सरकार ने छह सालों में बैंकों के 6,66,000 करोड़ रुपये के कर्ज बट्टे खाते में डाल दिए. बैंक जालसाजी के 32,86 मामले हुए जिनमें देश के खजाने को 2,70,513 करोड़ रुपये का चूना लगा.'

उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार में रुपया 'मार्गदर्शक मंडल' पहुंच गया और 60 दिनों से राहत दिए जाने का इंतजार कर रहे देशवासियों, खासतौर से किसानों, मजदूरों, गरीबों, लघु एवं मध्यम उद्योगों के साथ आर्थिक पैकेज के नाम पर छलावा किया गया है.

सुरजेवाला ने दावा किया कि सभी लोकतांत्रिक संस्थानों का योजनाबद्ध तरीके से दमन किया जा रहा है. चुनाव आयोग, कैग, सतर्कता आयोग, सूचना आयोग, लोकपाल अब कमजोर, प्रभावहीन एवं निष्क्रिय हो गए हैं.

उन्होंने आरोप लगाया कि कोविड-19 की आड़ में संसद को न चलाया जाना एवं सभी संसदीय स्टैंडिंग कमिटियों को काम करने की इजाजत न देना पूरी तरह से निरंकुश एवं गैरजिम्मेदार रवैये को दर्शाता है.

कांग्रेस नेता ने कहा, 'भाजपा के विरोधी विचार रखने वाले सभी राजनीतिक नेताओं, आलोचकों, लेखकों, विचारकों, पत्रकारों का योजनाबद्ध ढंग से उत्पीड़न किया जा रहा है. सीबीआई, ईडी एवं आईटी का दुरुपयोग कर विरोधी विचार रखने वालों पर झूठे व प्रेरित मामलों को दर्ज कराया जाना इस सरकार की प्रवृत्ति बन गई है.'

उन्होंने कहा, 'पिछले छह वर्षों में प्रधानमंत्री ने एक भी संवाददाता सम्मेलन नहीं किया. जनता के प्रति जवाबदेह होने का दिखावा तक नहीं किया गया. इसके उलट दुष्प्रचार और फर्जी आंकड़ों का सहारा लिया गया.'

उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों को उनकी उपज का दाम नहीं मिला और फसल बीमा योजना के नाम पर निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाया गया.

सुरजेवाला ने दावा किया, 'मोदी सरकार के छह सालों में हमारे जवानों की शहादत में लगभग 110 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है. उरी आर्मी ब्रिगेड हेडक्वार्टर, पठानकोट एयर बेस और कई अन्य आतंकी हमले हुए.'

उन्होंने कहा, 'पुलवामा में आरडीएक्स तस्करी कर ले आने का षडयंत्र, आरडीएक्स भरी गाड़ी से आतंकवादियों द्वारा सभी सुरक्षाचक्र तोड़कर जवानों के काफिले पर हमला व इस पूरे मामले में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की भूमिका को लेकर गुत्थी आज तक नहीं सुलझ पाई है.'

उन्होंने दावा किया, 'हमारी सेना के शौर्य का राजनैतिक लाभ लेने के लिए सदैव तत्पर रहने वाली मौजूदा सरकार ने रक्षा बजट में ही कटौती कर दी. साल 2020-21 के बजट में, रक्षा मामलों के लिए केवल जीडीपी का 1.58 प्रतिशत दिया गया है, जो साल 1962 के बाद सबसे कम राशि है.'

उन्होंने कहा, 'चीन की सेनाओं द्वारा लद्दाख में पैनगोंग लेक तथा गल्वान वैली के क्षेत्र में जबरन घुसपैठ करना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चिंताजनक विषय है.'

नई दिल्ली : कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के एक साल को देश के लिए 'भारी निराशा, कुप्रबंधन और असीम पीड़ा देने वाला साल' करार देते हुए कहा कि जनता बेबस हो गई और सरकार बेरहम होती चली गई.

पार्टी ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ के मौके पर 'बेबस लोग, बेरहम' सरकार' का नारा दिया है कि और सरकार की अर्थव्यवस्था, रोजगार, कृषि, सुरक्षा और विदेश नीति समेत सभी क्षेत्रों में 'विफलताओं' की एक सूची भी जारी की है.

कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, 'भारी निराशा, आपराधिक कुप्रबंधन एवं असीम पीड़ा का साल, सातवें साल की शुरुआत में भारत एक ऐसे मुकाम पर आकर खड़ा है, जहां देश के नागरिक सरकार द्वारा दिए गए अनगिनत घावों व निष्ठुर असंवेदनशीलता की पीड़ा सहने को मजबूर हैं.'

Congress briefs media on completion of one year of modi government
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला

उन्होंने दावा किया, 'पिछले छह साल में देश में भटकाव की राजनीति एवं झूठे शोरगुल की पराकाष्ठा मोदी सरकार के कामकाज की पहचान बन गई. दुर्भाग्यवश, भटकाव के इस आडंबर ने मोदी सरकार की राजनैतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा तो किया, परंतु देश को भारी सामाजिक व आर्थिक क्षति पहुंचाई.'

वहीं पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने दावा किया कि पिछले एक साल में जनता बेबस हो गई और सरकार बेरहम रही तथा इस सरकार ने देश की जनता के खिलाफ युद्ध छेड़े रखा.

उन्होंने कहा, 'मोदी सरकार हर साल दो करोड़ नौकरी देने के वादे के साथ सत्ता में आई. लेकिन 2017-18 में भारत में पिछले 45 साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर रही. कोविड के बाद भारत की बेरोजगारी दर अप्रत्याशित रूप से बढ़कर 27.11 प्रतिशत हो गई है.'

आर्थिक विकास दर में गिरावट को लेकर उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के कार्यकाल में जीडीपी का मतलब हो गया है - 'ग्रॉसली डिक्लाईनिंग परफॉर्मेंस' यानी 'लगातार गिरता प्रदर्शन.'

उन्होंने कहा, 'कोविड-19 से बहुत पहले ही अर्थव्यवस्था बर्बादी के कगार पर पहुंच चुकी थी. पिछले 21 महीनों में जीडीपी वृद्धि दर में लगातार गिरावट हुई है. वित्तवर्ष 2020 की चौथी तिमाही में जीडीपी 3.1 प्रतिशत है, जो संशोधित हो 2 प्रतिशत तक ही रहने का अनुमान है.'

सुरजेवाला ने दावा किया, 'मोदी सरकार ने छह सालों में बैंकों के 6,66,000 करोड़ रुपये के कर्ज बट्टे खाते में डाल दिए. बैंक जालसाजी के 32,86 मामले हुए जिनमें देश के खजाने को 2,70,513 करोड़ रुपये का चूना लगा.'

उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार में रुपया 'मार्गदर्शक मंडल' पहुंच गया और 60 दिनों से राहत दिए जाने का इंतजार कर रहे देशवासियों, खासतौर से किसानों, मजदूरों, गरीबों, लघु एवं मध्यम उद्योगों के साथ आर्थिक पैकेज के नाम पर छलावा किया गया है.

सुरजेवाला ने दावा किया कि सभी लोकतांत्रिक संस्थानों का योजनाबद्ध तरीके से दमन किया जा रहा है. चुनाव आयोग, कैग, सतर्कता आयोग, सूचना आयोग, लोकपाल अब कमजोर, प्रभावहीन एवं निष्क्रिय हो गए हैं.

उन्होंने आरोप लगाया कि कोविड-19 की आड़ में संसद को न चलाया जाना एवं सभी संसदीय स्टैंडिंग कमिटियों को काम करने की इजाजत न देना पूरी तरह से निरंकुश एवं गैरजिम्मेदार रवैये को दर्शाता है.

कांग्रेस नेता ने कहा, 'भाजपा के विरोधी विचार रखने वाले सभी राजनीतिक नेताओं, आलोचकों, लेखकों, विचारकों, पत्रकारों का योजनाबद्ध ढंग से उत्पीड़न किया जा रहा है. सीबीआई, ईडी एवं आईटी का दुरुपयोग कर विरोधी विचार रखने वालों पर झूठे व प्रेरित मामलों को दर्ज कराया जाना इस सरकार की प्रवृत्ति बन गई है.'

उन्होंने कहा, 'पिछले छह वर्षों में प्रधानमंत्री ने एक भी संवाददाता सम्मेलन नहीं किया. जनता के प्रति जवाबदेह होने का दिखावा तक नहीं किया गया. इसके उलट दुष्प्रचार और फर्जी आंकड़ों का सहारा लिया गया.'

उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों को उनकी उपज का दाम नहीं मिला और फसल बीमा योजना के नाम पर निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाया गया.

सुरजेवाला ने दावा किया, 'मोदी सरकार के छह सालों में हमारे जवानों की शहादत में लगभग 110 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है. उरी आर्मी ब्रिगेड हेडक्वार्टर, पठानकोट एयर बेस और कई अन्य आतंकी हमले हुए.'

उन्होंने कहा, 'पुलवामा में आरडीएक्स तस्करी कर ले आने का षडयंत्र, आरडीएक्स भरी गाड़ी से आतंकवादियों द्वारा सभी सुरक्षाचक्र तोड़कर जवानों के काफिले पर हमला व इस पूरे मामले में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की भूमिका को लेकर गुत्थी आज तक नहीं सुलझ पाई है.'

उन्होंने दावा किया, 'हमारी सेना के शौर्य का राजनैतिक लाभ लेने के लिए सदैव तत्पर रहने वाली मौजूदा सरकार ने रक्षा बजट में ही कटौती कर दी. साल 2020-21 के बजट में, रक्षा मामलों के लिए केवल जीडीपी का 1.58 प्रतिशत दिया गया है, जो साल 1962 के बाद सबसे कम राशि है.'

उन्होंने कहा, 'चीन की सेनाओं द्वारा लद्दाख में पैनगोंग लेक तथा गल्वान वैली के क्षेत्र में जबरन घुसपैठ करना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चिंताजनक विषय है.'

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