नई दिल्ली : कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में राज्यों की मदद के लिए कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार से अधिक वित्तीय सहायता की मांग कर रही है. इस बीच राजस्थान और छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्रियों ने केंद्र सरकार पर राज्यों को उनका गुड्स एंड सर्विसिज टैक्स (जीएसटी) बकाया नहीं चुकाने का आरोप लगाया है.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मीडिया से बातचीत के दौरान राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा ने कहा कि कांग्रेस शासित राज्य सरकारों के साथ-साथ भाजपा शासित राज्यों को भी कोरोना के कारण वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है. गौरतलब है, पीएम मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इन मुद्दों को उठाया था.
रघु शर्मा ने पीएम मोदी पर सीएम अशोक गहलोत के जीएसटी बकाया चुकाने की मांग को नजरअंदाज करने का भी आरोप लगाया.
डॉ शर्मा ने यह भी बताया कि जल्द ही राजस्थान भी पत्रकारों का कोरोना परीक्षण शुरू करने जा रहा है. उन्होंने कहा कि दिल्ली और महाराष्ट्र में काफी पत्रकार कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. इस कारण हमने पत्रकारों का परीक्षण करने का निर्णय लिया है.
वहीं छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने कहा कि इस समय केंद्र सरकार को दोषी ठहराना गलत होगा. लेकिन यह भी स्वीकार करना होगा कि रणनीतिक रूप से कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई की योजना बनाने में केंद्र से चूक हुई है.
डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ पर हो रहे हमलों की संख्या में वृद्धि पर सिंह देव ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार 'डॉक्टर्स प्रोटेक्शन बिल 2013' के पुनर्मूल्यांकन और मजबूती के लिए योजना बना रही है.
बीते दिनों तेलंगाना के एक गांव से छत्तीसगढ़ के बीजापुर 150 किलोमीटर पैदल चलकर जाने के दौरान एक 12 वर्षीय लड़की की मृत्यु हो गई थी. इस पर सिंह देव ने कहा कि प्रवासी मजदूरों के लिए केंद्र सरकार को कोई ठोस कदम उठाने चाहिए.
दूसरी ओर रघु शर्मा ने भी मांग की है कि केंद्र सरकार को प्रवासी श्रमिकों को अपने घर वापस जाने का एक मौका देना चाहिए. इस बात का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता कि तालाबंदी कब तक खत्म होगी.
सिंह देव ने कहा कि कोरोना की देश में वर्तमान परीक्षण की गति धीमी है. परीक्षण प्रयोगशालाओं की अपर्याप्त संख्या परीक्षण की दर धीमा कर रहा है. विशेषज्ञों की मानें तो ज्यादा से ज्यादा परीक्षण और क्वारेंटाइन ही इस वायरस के प्रसार को रोकने का एक मात्र उपाय है.
दोनों राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों ने केंद्र सरकार से परीक्षण किट और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों सहित आवश्यक चिकित्सा उपकरणों को मानक दरों पर प्रदान करने की मांग की है.