श्रीनगर : कांग्रेस ने जम्मू कश्मीर में प्रखंड विकास परिषद् (बीडीसी) चुनावों का बहिष्कार करने का फैसला लिया है. बुधवार को कांग्रेस पार्टी ने राज्य प्रशासन के 'उदासीन रवैये' और अपने वरिष्ठ नेताओं को हिरासत में रखे जाने की बात का जिक्र किया.
जम्मू कश्मीर में बीडीसी चुनाव 24 अक्टूबर को होंगे. संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत राज्य को मिले विशेष दर्जे को गत पांच अगस्त को वापस लिये जाने के बाद यहां यह पहला चुनाव होगा.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जी ए मीर ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'कांग्रेस लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत बनाने में विश्वास करती है और कभी भी किसी चुनाव से दूर नहीं भागती है.
हालांकि आज, हम राज्य प्रशासन के उदासीन रवैये और घाटी में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को लगातार हिरासत में रखे जाने के कारण बीडीसी चुनावों का बहिष्कार करने को मजबूर हैं.'
मीर खुद भी जम्मू में नजरबंद थे और उन्हें हाल में ही रिहा किया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य प्रशासन ने जानबूझकर मुख्यधारा की पार्टियों की राह में अड़ंगा लगाया ताकि भाजपा चुनाव जीत सके.
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मीर ने कहा, 'उन्होंने हमारे नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में रखा है और राजनीतिक गतिविधियां होने नहीं दी और इस कवायद में कांग्रेस को जानबूझकर निशाना बनाया गया.'
चुनाव के समय और मौजूदा सुरक्षा हालात को लेकर चिंता जताने के बावजूद कांग्रेस ने नेशनल पैंथर्स पार्टी के साथ पिछले सप्ताह बीडीसी चुनावों में हिस्सा लेने का फैसला किया था.
मीर ने कहा कि कांग्रेस ने चुनाव में भाग लेने का फैसला करने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग से संपर्क करके उसके नेताओं की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करने का अनुरोध किया था.
उन्होंने कहा, 'हमने बीडीसी चुनाव में हिस्सा लेने के लिए उम्मीदवारों को पत्र जारी किए थे ताकि हम लोकतांत्रिक कवायद में योगदान कर सकें और हमारे कुछ उम्मीदवारों ने अपना नामांकन पत्र भी दाखिल किये.'
हालांकि, आज उम्मीदवारों के नामांकन पत्र दाखिल करने का आखिरी दिन है, 'तो हमने चुनाव से दूर रहने का फैसला किया है. इसे राज्य में मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए स्थगित किया जाना चाहिए था क्योंकि सभी विपक्षी राजनीतिक दलों ने ऐसी ही मांग की थी.'
सरकार के दो महीने पहले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त करने के समय से पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत मुख्यधारा के नेताओं को या तो हिरासत में लिया गया है या नजरबंद रखा गया है.
राज्य प्रशासन ने पिछले सप्ताह कहा था कि उचित विश्लेषण के बाद कश्मीर में राजनीतिक दलों के नेताओं को चरणबद्ध तरीके से रिहा किया जाएगा.
इस संबंध में कांग्रेस प्रवक्ता रवींद्र शर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की है.
उन्होंने कहा कि तमाम नेता कश्मीर में हाउस अरेस्ट थे उसके बावजूद भी हमने कहा कि वोटर कम है जितने होने चाहिए उतने नहीं हैं.
यह फैसला सरकार का एकतरफा था इसमें हमसे कुछ भी पूछा नहीं गया. कांग्रेस इकलौती ऐसी पार्टी थी जिसने कहा कि हम इसमें तैयार हैं.
लेकिन हमें उम्मीद थी कि वे हमारे नेताओं को रिहा करेंगे. लेकिन आज भी हमारे किसी बड़े नेता को रिहा नहीं किया गया है और सरकार नहीं चाहती कि कांग्रेस सहयोग करे.
जिस किस्म के हालात हैं हमें मजबूर किया जा रहा है.
जानें बीडीसी चुनाव से जुड़ी कुछ अहम जानकारियां
- जम्मू कश्मीर ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल के चुनाव पहली बार होने जा रहे हैं.
- आज नामांकन पत्र दाखिल करने का अंतिम दिन था.
- बीडीसी चुनाव 24 अक्टूबर को होंगे.