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सौरव गांगुली ने संभाला BCCI अध्यक्ष के रूप में कार्यभार

सौरव गांगुली ने बीसीसीआई अध्यक्ष के रूप में आज अपना कार्यभार संभाल लिया है. गांगुली बीसीसीआई के 39 वें अध्यक्ष बन चुके हैं. गांगुली ऐसे दूसरे क्रिकेटर हैं, जो बीसीसीआई के अध्यक्ष बने. पढ़ें पूरी खबर...

सौरव गांगुली बीसीसीआई अध्यक्ष
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Published : Oct 23, 2019, 10:35 AM IST

Updated : Oct 23, 2019, 12:17 PM IST

मुंबई: भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक सौरव गांगुली 23 अक्टूबर को सालाना आम बैठक में बीसीसीआई के 39वें अध्यक्ष बन चुके हैं, इससे सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति का 33 महीने से चला आ रहा शासन खत्म हो जाएगा.

गौरतलब है कि बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड) अध्यक्ष पद के लिए गांगुली का नामांकन सर्वसम्मति से हुआ, जबकि गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय सचिव होंगे. वहीं उत्तराखंड के महिम वर्मा नए उपाध्यक्ष होंगे.

ये होगी गांगुली की टीम
बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर के छोटे भाई अरूण धूमल कोषाध्यक्ष होंगे, जबकि केरल के जएश जॉर्ज संयुक्त सचिव होंगे. गांगुली का कार्यकाल 9 महीने का ही होगा और उन्हें जुलाई में पद छोड़ना होगा, क्योंकि नए संविधान के प्रावधानों के तहत छह साल के कार्यकाल के बाद ‘विश्राम की अवधि अनिवार्य है.

अनुभव का इस्तेमाल करेंगे गांगुली
सौरव गांगुली बंगाल क्रिकेट संघ के सचिव और बाद में अध्यक्ष पद के अपने अनुभव का पूरा इस्तेमाल करेंगे. उन्होंने कुछ लक्ष्य तय कर रखे हैं जिनमें प्रशासन को ढर्रे पर लाना और प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों के वेतन में बढोतरी शामिल है.

गांगुली के सामने ये होंगी चुनौतियां
'हितों के टकराव' के नियमों के बीच गांगुली के सामने चुनौती क्रिकेट सलाहकार समिति और राष्ट्रीय चयन समिति में अच्छे क्रिकेटरों को लाने की भी होगी.

पढ़ेंःगांगुली की 'दादागिरी' से क्या BCCI का रुतबा वापिस आएगा ?

उन्होंने पिछले सप्ताह कहा था, 'मेरे लिए यह कुछ अच्छा करने का सुनहरा मौका है, 10 महीने की अवधि छोटी है. यह भी देखना होगा कि गांगुली बीसीसीआई के पुराने धुरंधरों एन श्रीनिवासन और निरंजन शाह से कैसे निपटते हैं, जिनके बच्चे अब बीसीसीआई का अंग हैं.'

श्रीनिवासन के विश्वस्त आईपीएल चेयरमैन बृजेश पटेल से भी उनके संबंध कैसे रहते हैं, यह देखना भी रोचक है. क्रिकेट नीतियों के अलावा महेंद्र सिंह धोनी के भविष्य, दिन रात के टेस्ट क्रिकेट और स्थायी टेस्ट केंद्रों पर भी उनका रूख देखना होगा.

सीओए प्रमुख विनोद राय ने कहा कि एजीएम के दौरान पूरी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘पहले पिछले तीन साल के खातों को मंजूरी दी जाएगी. उसके बाद निर्वाचन अधिकारी चुनाव के नतीजे का ऐलान करेंगे क्योंकि सभी निर्विरोध चुने गए हैं. हम सौरव से बात करके कल का शेड्यूल तय करेंगे.

मुंबई: भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक सौरव गांगुली 23 अक्टूबर को सालाना आम बैठक में बीसीसीआई के 39वें अध्यक्ष बन चुके हैं, इससे सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति का 33 महीने से चला आ रहा शासन खत्म हो जाएगा.

गौरतलब है कि बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड) अध्यक्ष पद के लिए गांगुली का नामांकन सर्वसम्मति से हुआ, जबकि गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय सचिव होंगे. वहीं उत्तराखंड के महिम वर्मा नए उपाध्यक्ष होंगे.

ये होगी गांगुली की टीम
बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर के छोटे भाई अरूण धूमल कोषाध्यक्ष होंगे, जबकि केरल के जएश जॉर्ज संयुक्त सचिव होंगे. गांगुली का कार्यकाल 9 महीने का ही होगा और उन्हें जुलाई में पद छोड़ना होगा, क्योंकि नए संविधान के प्रावधानों के तहत छह साल के कार्यकाल के बाद ‘विश्राम की अवधि अनिवार्य है.

अनुभव का इस्तेमाल करेंगे गांगुली
सौरव गांगुली बंगाल क्रिकेट संघ के सचिव और बाद में अध्यक्ष पद के अपने अनुभव का पूरा इस्तेमाल करेंगे. उन्होंने कुछ लक्ष्य तय कर रखे हैं जिनमें प्रशासन को ढर्रे पर लाना और प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों के वेतन में बढोतरी शामिल है.

गांगुली के सामने ये होंगी चुनौतियां
'हितों के टकराव' के नियमों के बीच गांगुली के सामने चुनौती क्रिकेट सलाहकार समिति और राष्ट्रीय चयन समिति में अच्छे क्रिकेटरों को लाने की भी होगी.

पढ़ेंःगांगुली की 'दादागिरी' से क्या BCCI का रुतबा वापिस आएगा ?

उन्होंने पिछले सप्ताह कहा था, 'मेरे लिए यह कुछ अच्छा करने का सुनहरा मौका है, 10 महीने की अवधि छोटी है. यह भी देखना होगा कि गांगुली बीसीसीआई के पुराने धुरंधरों एन श्रीनिवासन और निरंजन शाह से कैसे निपटते हैं, जिनके बच्चे अब बीसीसीआई का अंग हैं.'

श्रीनिवासन के विश्वस्त आईपीएल चेयरमैन बृजेश पटेल से भी उनके संबंध कैसे रहते हैं, यह देखना भी रोचक है. क्रिकेट नीतियों के अलावा महेंद्र सिंह धोनी के भविष्य, दिन रात के टेस्ट क्रिकेट और स्थायी टेस्ट केंद्रों पर भी उनका रूख देखना होगा.

सीओए प्रमुख विनोद राय ने कहा कि एजीएम के दौरान पूरी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘पहले पिछले तीन साल के खातों को मंजूरी दी जाएगी. उसके बाद निर्वाचन अधिकारी चुनाव के नतीजे का ऐलान करेंगे क्योंकि सभी निर्विरोध चुने गए हैं. हम सौरव से बात करके कल का शेड्यूल तय करेंगे.

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मुंबई: भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक सौरव गांगुली 23 अक्टूबर को सालाना आम बैठक में बीसीसीआई के 39वें अध्यक्ष बनेंगे, जिससे सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति का 33 महीने से चला आ रहा शासन खत्म हो जाएगा.



बीसीसीआई अध्यक्ष पद के लिए गांगुली का नामांकन सर्वसम्मति से हुआ है जबकि गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय सचिव होंगे. उत्तराखंड के महिम वर्मा नए उपाध्यक्ष होंगे.



ये होगी गांगुली की टीम



बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर के छोटे भाई अरूण धूमल कोषाध्यक्ष होंगे जबकि केरल के जएश जॉर्ज संयुक्त सचिव होंगे. गांगुली का कार्यकाल 9 महीने का ही होगा और उन्हें जुलाई में पद छोड़ना होगा, क्योंकि नए संविधान के प्रावधानों के तहत छह साल के कार्यकाल के बाद ‘विश्राम की अवधि अनिवार्य है.



अनुभव का इस्तेमाल करेंगे गांगुली



सौरव गांगुली बंगाल क्रिकेट संघ के सचिव और बाद में अध्यक्ष पद के अपने अनुभव का पूरा इस्तेमाल करेंगे. उन्होंने कुछ लक्ष्य तय कर रखे हैं जिनमें प्रशासन को ढर्रे पर लाना और प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों के वेतन में बढोतरी शामिल है.



गांगुली के सामने ये होंगी चुनौतियां



'हितों के टकराव' के नियमों के बीच गांगुली के सामने चुनौती क्रिकेट सलाहकार समिति और राष्ट्रीय चयन समिति में अच्छे क्रिकेटरों को लाने की भी होगी.



उन्होंने पिछले सप्ताह कहा था, ''मेरे लिए यह कुछ अच्छा करने का सुनहरा मौका है, 10 महीने की अवधि छोटी है.  यह भी देखना होगा कि गांगुली बीसीसीआई के पुराने धुरंधरों एन श्रीनिवासन और निरंजन शाह से कैसे निपटते हैं, जिनके बच्चे अब बीसीसीआई का अंग हैं."



श्रीनिवासन के विश्वस्त आईपीएल चेयरमैन बृजेश पटेल से भी उनके संबंध कैसे रहते हैं, यह देखना भी रोचक है. क्रिकेट नीतियों के अलावा महेंद्र सिंह धोनी के भविष्य, दिन रात के टेस्ट क्रिकेट और स्थायी टेस्ट केंद्रों पर भी उनका रूख देखना होगा.



सीओए प्रमुख विनोद राय ने कहा कि एजीएम के दौरान पूरी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘पहले पिछले तीन साल के खातों को मंजूरी दी जाएगी. उसके बाद निर्वाचन अधिकारी चुनाव के नतीजे का ऐलान करेंगे क्योंकि सभी निर्विरोध चुने गए हैं. हम सौरव से बात करके कल का शेड्यूल तय करेंगे.




Conclusion:
Last Updated : Oct 23, 2019, 12:17 PM IST
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