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राम मंदिर पर फैसले के बाद अब उत्तराखंड में माता सीता का भव्य मंदिर बनाने की घोषणा

उत्तराखंड के पैडी सितोंस्यू क्षेत्र को धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित किया जाएगा. त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि देवल गांव में स्थित लक्ष्मण मंदिर, फलस्वाड़ी में सीता माता का मंदिर, महर्षि बाल्मीकि और देवप्रयाग में स्थित विधाकोटी नामक स्थानों को सीता सर्किट के रूप में जोड़ा जाएगा. जानें क्या कुछ कहा रावत ने...

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Published : Nov 12, 2019, 12:11 AM IST

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह

पौड़ीः उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पौड़ी शरदोत्सव 2019 का शुभारंभ किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि सितोंस्यू क्षेत्र को धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित किया जाएगा. जिसके लिए 2 करोड़ रुपये की घोषणा भी की जा चुकी है. साथ ही कहा कि फलस्वाड़ी गांव में भव्य सीता माता मंदिर का निर्माण किया जाएगा. क्षेत्र में धार्मिक महत्व को देखते हुए इसे सीता सर्किट का नाम दिया गया है.

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि लोगों को क्षेत्र के धार्मिक महत्व की जानकारी काफी कम है. जिसे देखते हुए क्षेत्र का विकास कर इसका प्रचार-प्रसार किया जाएगा. पूरे देश से लोग सीता सर्किट देखने पहुंचेंगे. उन्होंने कहा कि सितोंस्यू क्षेत्र का धार्मिक महत्व होने के बाद भी उसका प्रचार-प्रसार नहीं हो पाया है. ऐसे में इसका विकास किया जाएगा.

पौड़ी शरदोत्सव 2019 का शुभारंभ करते मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत

सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि मां सीता ने जिस पावन धरती पर भू समाधि ली थी. इस पवित्र स्थान को धार्मिक पर्यटन के साथ जोड़े जाने की शुरुआत की जा चुकी है और जब एक सर्किट के रूप में बनकर तैयार हो जाएगा. तब इसका पूरे देश में प्रचार-प्रसार किया जाएगा. इसकी मान्यता को देखते हुए पूरे देश से हिंदू धर्म के लोग यहां दर्शन करने पहुंचेंगे.

ये भी पढ़ेंः महाराष्ट्र में NCP को मिला सरकार बनाने का मौका, कल तक का समय

वहीं, देवल गांव में स्थित लक्ष्मण मंदिर, फलस्वाडी में सीता माता का मंदिर, महर्षि बाल्मीकि और देवप्रयाग स्थित विधाकोटी को एक सर्किट के रूप में जोड़ा जाएगा. इसके लिए लोगों से अनुरोध किया जा रहा है कि सभी लोग हर घर, हर गांव से अपने घर की मिट्टी, शिलापट्ट और 11 रुपये का सहयोग कर इस भव्य मंदिर का निर्माण करें. जिससे आने वाली पीढ़ी को भी इसके धार्मिक महत्व की जानकारी मिल सके.

पौड़ीः उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पौड़ी शरदोत्सव 2019 का शुभारंभ किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि सितोंस्यू क्षेत्र को धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित किया जाएगा. जिसके लिए 2 करोड़ रुपये की घोषणा भी की जा चुकी है. साथ ही कहा कि फलस्वाड़ी गांव में भव्य सीता माता मंदिर का निर्माण किया जाएगा. क्षेत्र में धार्मिक महत्व को देखते हुए इसे सीता सर्किट का नाम दिया गया है.

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि लोगों को क्षेत्र के धार्मिक महत्व की जानकारी काफी कम है. जिसे देखते हुए क्षेत्र का विकास कर इसका प्रचार-प्रसार किया जाएगा. पूरे देश से लोग सीता सर्किट देखने पहुंचेंगे. उन्होंने कहा कि सितोंस्यू क्षेत्र का धार्मिक महत्व होने के बाद भी उसका प्रचार-प्रसार नहीं हो पाया है. ऐसे में इसका विकास किया जाएगा.

पौड़ी शरदोत्सव 2019 का शुभारंभ करते मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत

सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि मां सीता ने जिस पावन धरती पर भू समाधि ली थी. इस पवित्र स्थान को धार्मिक पर्यटन के साथ जोड़े जाने की शुरुआत की जा चुकी है और जब एक सर्किट के रूप में बनकर तैयार हो जाएगा. तब इसका पूरे देश में प्रचार-प्रसार किया जाएगा. इसकी मान्यता को देखते हुए पूरे देश से हिंदू धर्म के लोग यहां दर्शन करने पहुंचेंगे.

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वहीं, देवल गांव में स्थित लक्ष्मण मंदिर, फलस्वाडी में सीता माता का मंदिर, महर्षि बाल्मीकि और देवप्रयाग स्थित विधाकोटी को एक सर्किट के रूप में जोड़ा जाएगा. इसके लिए लोगों से अनुरोध किया जा रहा है कि सभी लोग हर घर, हर गांव से अपने घर की मिट्टी, शिलापट्ट और 11 रुपये का सहयोग कर इस भव्य मंदिर का निर्माण करें. जिससे आने वाली पीढ़ी को भी इसके धार्मिक महत्व की जानकारी मिल सके.

Intro:जनपद पौड़ी के सितोंस्यू क्षेत्र  को धर्मिक पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री की ओर से प्रयास किये जा रहे है जिसके लिए 2 करोड़ रुपये की घोषणा भी की जा चुकी है। क्षेत्र में धार्मिक महत्वता को देखते हुए इसको सीता सर्किट का नाम दिया गया है। ग्राम देवल का लक्ष्मण जी का मंदिर, फलस्वाडी में मां सीता का मंदिर और महर्षि बाल्मीकि मंदिर वहीं देवप्रयाग में स्थित विदाकोटी नामक स्थान को एक सर्किट के रूप में जोड़ा जाएगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने आज पौड़ी पहुंचकर बताया कि इस क्षेत्र के धार्मिक महत्व की जानकारी बहुत कम लोगों को है और इस क्षेत्र का विकास कर इसका प्रचार प्रसार किया जाएगा । धार्मिक महत्व को देखते हुए पूरे देश से हिंदू यहां पर इस सर्किट को देखने पहुंचेंगे जिस तरह से लोग चारों धामों में दर्शन करने पहुंचते हैं उसी तरह यहां भी लोग धार्मिक महत्व को देखकर पहुंचेंगे।


Body:प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सितोंस्यू क्षेत्र का धार्मिक महत्व होने के बाद भी उसका प्रचार-प्रसार नहीं हो पाया है जिस तरह से चारों धर्मों का महत्व है उसका प्रचार प्रसार पूरे देश में है जिससे पूरे देश से लोग यहां दर्शन करने पहुंचते हैं उन्होंने बताया कि मां सीता ने जिस पावन धरती पर भू समाधि ली थी इस पवित्र स्थान को धार्मिक पर्यटन के साथ जोड़े जाने की शुरुआत की जा चुकी है और जब एक सर्किट के रूप में बनकर तैयार हो जाएगा तब इसका पूरे देश में प्रचार प्रसार किया जाएगा और हिंदू धर्म के अनुसार इसकी मान्यता को देखते हुए पूरे देश से हिंदू यहां दर्शन करने पहुंचेंगे।


Conclusion:देवल गांव में स्थित लक्ष्मण जी के मंदिर और फलस्वाडी में स्थित मां सीता के मंदिर महर्षि बाल्मीकि और देवप्रयाग में स्थित विधाकोटी नामक स्थानों को एक सर्किट के रूप में जोड़ा जाएगा जिस तरह से रामेश्वरम में स्थित राम सेतु पुल के निर्माण में गिलहरी ने भी अपना योगदान दिया था और सभी से अनुरोध कर रहे हैं कि सभी लोग हर घर हर गांव से अपने घर की मिट्टी शिलापट्ट और 11 रुपये का सहयोग कर इस भव्य मंदिर का निर्माण करें ताकि हमारे आने वाली पीढ़ी को भी इन धार्मिक महत्व के बारे में जानकारी मिल सके।
बाईट-त्रिवेंद्र सिंह रावत(मुख्यमंत्री उत्तराखंड)
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