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गोवा में महिलाओं की नाइट ड्यूटी: विधेयक पास होने से CM खुश, कहा- नए युग की शुरुआत - महिलाओं से जुड़े विधेयक

गोवा की विधानसभा में महिलाओं को रात में काम करने की अनुमति देने वाला विधेयक पारित हो गया है. इस विधेयक के आने के बाद महिलाएं शाम सात से सुबह छह बजे तक फैक्ट्रीज में काम कर सकेंगी. पढ़ें पूरी खबर...

प्रमोद सावंत फाइल फोटो
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Published : Aug 4, 2019, 9:28 PM IST

Updated : Aug 5, 2019, 12:07 AM IST

पणजीः गोवा विधानसभा में महिलाओं को रात में काम करने की अनुमति देने वाल कानून पारित हुआ है. मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कानून पास होने के बाद इसकी प्रशंसा की.

सावंत ने कहा कि गोवा एक विकासशील राज्य है और हम गोवा में आइटी और इलेक्ट्रानिक उद्योग विकसित करना चाहते है. इसलिए यह कानून हमारे प्रदेश के लिए लाभकारी साबित होगा. उन्होंने आगे कहा कि पूरे देश में महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों में रात में काम करती है.

सावंत ने कहा कि हम एक नय युग की तरफ कदम बढ़ा रहे हैं. इसलिए यह संशोधन आवश्यक था.

प्रमोद सावंत मीडिया को जानकारी देते हुए

इससे पहले फैक्ट्रीज (गोवा संशोधन) अधिनियम 2019, गुरुवार को गोवा विधानसभा में पारित हुआ था.

गोवा राज्य में फैक्ट्री अधिनियम 1948 की धारा 66 में संशोधन किया गया है. यह अधिनियम 1948 के केन्द्रीय अधिनियम 63 के अंतर्गत आता है. इस संशोधन के तहत महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए गोवा सरकार ने यह कदम बढ़ाया है. इस संसोधन से गोवा की महिलाएं शाम सात से सुबह छह बजे तक फैक्ट्री में काम कर सकेंगी.

पढ़ें-पूर्व CM के 'बिगड़े' बोल- गोवा की लड़कियां बहुत ही कोमल होती हैं...

बता दें कि गोवा में इससे पहले अधिनियम 1948 की धारा 66 लागू थी. यह अधिनियम 1948 के केन्द्रीय अधिनियम 63 के अंतर्गत आता है. यह अधिनियम महिलाओं को शाम सात से सुबह छह बजे तक फैक्ट्री में काम करने के लिए प्रतिबंधित करता था.

हालांकि, बीजेपी विधायक अलीना सलदाना ने कहा कि महिलाओं को रात के समय में काम पर नहीं जाना चाहिए और उन्हें सुरक्षा की दृष्टि से घर पर ही रहना चाहिए. बीजेपी विधायक ने आगे कहा कि महिलाएं मां की भूमिका में भी होती हैं और उनकी बहुत सी जिम्मेदारी होती हैं.

इससे पहले कानूनविदों का विचार था कि महिलाएं को रात के समय काम नहीं करना चाहिए. उन्हें सुरक्षा कि दृष्टिकोण से घर में रहना चाहिए.

सलदाना ने कहा कि घर में मां की मौजूदगी बहुत जरुरी होती है, खासकर जब बच्चों को स्कूल जाना होता है. उन्होंने कहा आगे कहा कि एक मां ही बच्चे को स्कूल जाने के लिए तैयार करती है.

पढ़ें-महबूबा का PM पर वार, बोलीं- कहां गई इंसानियत, कश्मीरियत और जम्हूरियत ?

सलदाना से यह पूछे जाने पर कि विधानसभा में बिल की चर्चा के दौरान आपने आपत्ति क्यों नहीं जताई. उन्होंने कहा ऐसा नहीं है. उस वक्त में किसी अन्य विषय पर काम कर रही थी, यही वजह रही कि इस पर ध्यान नहीं दे पायी.

उन्होंने कहा, 'मैं इस बिल के पारित होने पर नाखुश हूं. मेरा मानना है कि महिलाओं को रात के समय में काम नहीं करना चाहिए.'

पणजीः गोवा विधानसभा में महिलाओं को रात में काम करने की अनुमति देने वाल कानून पारित हुआ है. मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कानून पास होने के बाद इसकी प्रशंसा की.

सावंत ने कहा कि गोवा एक विकासशील राज्य है और हम गोवा में आइटी और इलेक्ट्रानिक उद्योग विकसित करना चाहते है. इसलिए यह कानून हमारे प्रदेश के लिए लाभकारी साबित होगा. उन्होंने आगे कहा कि पूरे देश में महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों में रात में काम करती है.

सावंत ने कहा कि हम एक नय युग की तरफ कदम बढ़ा रहे हैं. इसलिए यह संशोधन आवश्यक था.

प्रमोद सावंत मीडिया को जानकारी देते हुए

इससे पहले फैक्ट्रीज (गोवा संशोधन) अधिनियम 2019, गुरुवार को गोवा विधानसभा में पारित हुआ था.

गोवा राज्य में फैक्ट्री अधिनियम 1948 की धारा 66 में संशोधन किया गया है. यह अधिनियम 1948 के केन्द्रीय अधिनियम 63 के अंतर्गत आता है. इस संशोधन के तहत महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए गोवा सरकार ने यह कदम बढ़ाया है. इस संसोधन से गोवा की महिलाएं शाम सात से सुबह छह बजे तक फैक्ट्री में काम कर सकेंगी.

पढ़ें-पूर्व CM के 'बिगड़े' बोल- गोवा की लड़कियां बहुत ही कोमल होती हैं...

बता दें कि गोवा में इससे पहले अधिनियम 1948 की धारा 66 लागू थी. यह अधिनियम 1948 के केन्द्रीय अधिनियम 63 के अंतर्गत आता है. यह अधिनियम महिलाओं को शाम सात से सुबह छह बजे तक फैक्ट्री में काम करने के लिए प्रतिबंधित करता था.

हालांकि, बीजेपी विधायक अलीना सलदाना ने कहा कि महिलाओं को रात के समय में काम पर नहीं जाना चाहिए और उन्हें सुरक्षा की दृष्टि से घर पर ही रहना चाहिए. बीजेपी विधायक ने आगे कहा कि महिलाएं मां की भूमिका में भी होती हैं और उनकी बहुत सी जिम्मेदारी होती हैं.

इससे पहले कानूनविदों का विचार था कि महिलाएं को रात के समय काम नहीं करना चाहिए. उन्हें सुरक्षा कि दृष्टिकोण से घर में रहना चाहिए.

सलदाना ने कहा कि घर में मां की मौजूदगी बहुत जरुरी होती है, खासकर जब बच्चों को स्कूल जाना होता है. उन्होंने कहा आगे कहा कि एक मां ही बच्चे को स्कूल जाने के लिए तैयार करती है.

पढ़ें-महबूबा का PM पर वार, बोलीं- कहां गई इंसानियत, कश्मीरियत और जम्हूरियत ?

सलदाना से यह पूछे जाने पर कि विधानसभा में बिल की चर्चा के दौरान आपने आपत्ति क्यों नहीं जताई. उन्होंने कहा ऐसा नहीं है. उस वक्त में किसी अन्य विषय पर काम कर रही थी, यही वजह रही कि इस पर ध्यान नहीं दे पायी.

उन्होंने कहा, 'मैं इस बिल के पारित होने पर नाखुश हूं. मेरा मानना है कि महिलाओं को रात के समय में काम नहीं करना चाहिए.'

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Last Updated : Aug 5, 2019, 12:07 AM IST
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