नई दिल्ली. दिल्ली में रहने वाले 1000 बुजुर्गों को सरकारी खर्चे पर तीर्थ यात्रा पर भेज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली के श्रवण कुमार बन गए हैं. कुछ ऐसा ही संदेश लिखे पोस्टर व बैनर से शुक्रवार को सफदरजंग रेलवे स्टेशन भरा हुआ था. वहां सरकारी खर्चे पर तीर्थ यात्रा के लिए जा रहे बुजुर्ग काफी खुश थे और जैसा केजरीवाल को अनुमान था, ट्रेन में बैठ कर तीर्थ यात्रा के लिए रवाना होने वाले बुजुर्ग सरकार को आशीर्वाद देते नहीं थक रहे थे.
चुनावी वर्ष में देर से ही सही आम आदमी पार्टी सरकार मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना को लागू करने में सफल रही. शुक्रवार की देर शाम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया तीर्थ यात्रा योजना के तहत पहली ट्रेन को सफदरजंग रेलवे स्टेशन से रवाना किया.
पढ़ें: यमुना की सफाई नहीं हुई, NGT ने DDA से कहा- 50 लाख जमा करें
अभी मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना के लिए 5 रूट तय किए गए हैं. जैसे-जैसे सुझाव आ रहे हैं उसमें नए रूट शामिल करेंगे. अभी दिल्ली का शिक्षा, स्वास्थ्य,बिजली-पानी के क्षेत्र में नाम हो रहा है. अब अध्यात्म के क्षेत्र में भी दिल्ली का नाम होगा. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पहल पर वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त में तीर्थ यात्रा कराने की यह योजना काफी लंबे समय से फाइलों में दौड़ रही थी. तमाम अड़चनें आने के बाद पिछले दिनों इस योजना को साकार रूप देने का काम शुरू हुआ. योजना की शुरुआत अमृतसर, बाघा बॉर्डर, आनंदपुर साहिब से हुई है.
पढ़ें:
बता दें कि मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना के तहत हर साल प्रत्येक विधानसभा से 1100 वरिष्ठ नागरिकों को विभिन्न तीर्थ यात्रा कराई जाएगी. इसका सारा खर्च दिल्ली सरकार उठाएगी. तीर्थ यात्रा पर जाने वाले पहले जत्थे के वरिष्ठ नागरिकों के साथ गत 4 जुलाई को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सचिवालय में संवाद किया था. तब बुजुर्गों ने उन्हें श्रवण कुमार का उपनाम दे दिया. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि आपका यह बेटा कोशिश करेगा कि आपकी जिंदगी में आपको एक तीर्थ यात्रा जरूर करवाऊं.