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नागरिकता संशोधन बिल : लोकसभा से आधी रात को मिली मंजूरी, 311 सांसदों का समर्थन

amit shah etvbharat
लोकसभा में अमित शाह
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Published : Dec 9, 2019, 12:21 PM IST

Updated : Dec 10, 2019, 8:06 AM IST

23:36 December 09

लोकसभा में मतविभाजन के बाद पास हुआ नागरिकता संशोधन बिल

नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा में बहुमत से पारित

नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा में बहुमत से पारित हो गया है. अब इस बिल को राज्यसभा में पास कराना होगा.  बिल के पक्ष में 311 वोट पड़े और विपक्ष में 80 वोट पड़े.
 

23:16 December 09

हम एनआरसी लेकर आएंगे और एक भी घुसपैठिया देश में नहीं बचेगा

शाह का सदन को जवाब

गृहमंत्री ने सदन में कहा--

 हम एनआरसी लेकर आएंगे और एक भी घुसपैठिया देश में नहीं बचेगा.
-हमने कांग्रेस जैसी सांप्रदायिक पार्टी जीवन में नहीं देखी. यह शिवसेना से गठबंधन कर खुद को गैर सांप्रदायिक पार्टी कहती है.
-नेपाल-भारत में मैत्री संधि है और दोनों देशों ने नागरिक एक-दूसरे देश में रहते-व्यापार करते हैं और उन्हें आसानी से नागरिकता दी जाती है.
-इस देश में एनआरसी होकर रहेगी. इसके लिए किसी भूमिका की जरूरत नहीं.
-हमें मुसलमानों से कोई नफरत नहीं. इस बिल का देश के मुसलमानों से कोई मतलब नहीं.

शाह ने कहा कि पूरा अरुणाचल, नागालैंड व मिजोरम इनर लाइन परमिट से प्रोटेक्टेड है. उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं. मणिपुर में इनरलाइन परमिट लागू करेंगे.
नेहरू-लियाकत समझौता काल्पनिक था और फेल रहा. इसलिए यह बिल लाने की जरूरत पड़ी. भारत का संविधान ही हमारा धर्म है.

शाह ने कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के 20 ही धार्मिक स्थल बचे. बांग्लादेश बनने के बाद इंदिरा गांधी और शेख मुजीबुर्रहमान में समझौता हुआ. उनके रहने तक स्थिति ठीक थी. वर्तमान सरकार ठीक काम कर रही है, लेकिन 1975 में मुजीबुर्रहमान की हत्या के बाद अल्पसंख्यों पर बर्बरता हुई. सामूहिक बलात्कार हुए.

उन्होंने कहा कि तालिबानों ने बामियान में सबसे बड़ी बौद्ध प्रतिमा को तोप से उड़ा दिया. अफगानिस्तान में अल्पसंख्यों के लिए कड़े कानून बनाए गए. उन्हें हर शुक्रवार को मस्जिद जाने के लिए बाद्ध किया गया. इन तीनों देशों में मुसलमान अल्पसंख्यक नहीं है. इसलिए उन्हें इसमें शामिल नहीं किया गया है.

जो नर्क की यातना जी रहे हैं, जिनको कोई सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. ये उन सभी पीड़ित लोगों के लिए मोदी सरकार की तरफ से यातना के अंत का बिल है.
 

22:56 December 09

कांग्रेस ने धर्म के आधार पर देश का बंटवारा क्यों किया

शाह का जवाब

अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार में लम्हों में कोई खता नहीं होगा और ना ही सदियों तक किसी को सजा मिलेगी.  यह मोदी सरकार है कोई खता नहीं होगी. 

अमित शाह ने कांग्रेस से सवाल किया कि कांग्रेस बताए की वह धर्म के आधार पर देश का बंटवारा क्यों स्वीकार किया? पीओके भी हमारा है और वहां के नागरिक भी हमारे हैं.  
 कांग्रेस ने जिन्ना की टू नेशन थ्योरी क्यों मानी? 

शाह ने सदन को बताया कि भारत में 1991 में 84 प्रतिशत हिंदू थे, जो 2011 में 79 प्रतिशत बचे. 1051 में मुस्लिम 9 प्रतिशत थे, जो अब 14 प्रतिशत हैं. हमने कोई धार्मिक भेदभाव नहीं किया. 
शाह ने यह भी कहा कि आर्टिकल 14 में कहा गया है कि जिसमें समानता का अधिकार न हो ऐसे कानून न बनाए जाएं. लेकिन यह कानून किसी एक के लिए नहीं, बल्कि प्रताणित अल्पसंख्यकों के लिए यह कानून लाया जा रहा है. इसलिए इसमें आर्टिकल 14 का उल्लंघन नहीं है.

तीन देशों के प्रताड़ित अल्पसंख्यों के लिए ही यह बिल लाया गया है. उन्हें शरणार्थी माना जाएगा, घुसपैठिया नहीं. किसी भी रिफ्यूजी पालिसी की जरूरत नहीं है. इसके लिए हमारे पास पर्याप्त कानून हैं. 
उन्होंने एक शेर अर्ज करते हुए कहा कि लम्हों ने खता की थी, सदियों ने सजा पाई है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. जिन्ना ने जब दोराष्ट्र की बात की तो कांग्रेस पार्टी की सरकार ने धर्म के आधार पर देश का विभाजन क्यों स्वीकार किया.
पीओके हमारा और आज भी उसके लिए विधान सभा में सीटें सुरक्षित हैं.

श्रीलंका से जो शरणाीर्थी आए उन्हें भी नागरिकता दी गई, लेकिन तत्कालीन सरकार ने पूरी समस्या का समाधान नहीं किया. अन्य देशों से आए शरणार्थियों की समस्याओं का समाधान नहीं किया गया.
रोहिंग्या को कभी भी स्वीकार नहीं किया जाएगा. मैं एक बार फिर स्पष्ट करना चाहता हूं.

शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी जी के प्रधानमंत्री रहते हुए किसी को भी डरने की जरूरत नहीं. सबको सुरक्षा और सम्मान दिया जाएगा. क्या बंकिम बाबू और टैगोर की ऐसे बंगाल की कल्पना थी, जहां दुर्गा पूजा के लिए कोर्ट जाना पड़े.

गृहमंत्री अमित शाह के बयान पर टीएमसी सांसदों ने हंगामा कर दिया. हंगामें की बीच शाह ने कहा कि वोट बैंक के लिए शरणार्थियों को शरण देने वालों को हम सफल नहीं होने देंगे.
अब किसी शरणार्थी को डरने की जरूरत नहीं. राशनकार्ड हो न हो हम सबको नागरिक बनाएंगे. कोई अफवाहों में न आए. पूर्वोत्तर के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम 371 धारा को कभी नहीं छेड़ेंगे.
 

22:40 December 09

अमित शाह का सदन को जवाब

शाह का जवाब

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि देश का विभाजन धर्म के नाम पर हुआ. धर्म के नाम पर देश का बंटवारा नहीं होता तो इस बिल की जरूरत ही नहीं होती.  जिस देश में मुस्लिम अधिक थें वहां पाकिस्तान बना. दिल्ली में नेहरू-लियाकत समझौता हुआ. 
शाह ने बिल पर बहस का जवाब देते हुए कहा, इस बिल से लाखों-करोड़ों शरणार्थियों को यातनापूर्ण जीवन से मुक्ति मिलेगी
'मेरे बिल को प्रस्तुत करने के बाद सभी दलों के 48 सदस्यों ने चर्चा में हिस्सा लिया.'

 गृहमंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान, पाकिस्तान, और बांग्लादेश संवैधैनिक तौर पर इस्लामी देश हैं. 1947 में पाकिस्तान में 23 अल्पसंख्यक थे और 2011 में 3.7 प्रतिशत बचे हैं. बांग्लादेश में 1947 में 22 प्रतिशत थे किंतु 2011 में 7.8 प्रतिशत रह गए. ऐसे में सवाल उठता है कि इन देशों के लाखों अल्प संख्यक कहां गए. उन्हें या तो मार दिया गया या उनका धर्म परिवर्तन करा दिया गया. शाह ने कहा कि नागरिकता बिल में अनुच्छेद 14 का उल्लंघन नहीं हुआ है.

शाह ने सदन में बहस का जवाब देते हुए आगे कहा कि भारत में 1991 में 84 प्रतिशत हिंदू थे, जो 2011 में 79 प्रतिशत बचे. 1051 में मुस्लिम 9 प्रतिशत थे, जो अब 14 प्रतिशत हैं. हमने कोई धार्मिक भेदभाव नहीं किया. 
गृहमंत्री ने कहा कि आर्टिकल 14 में कहा गया है कि जिसमें समानता का अधिकार न हो ऐसे कानून न बनाए जाएं. लेकिन यह कानून किसी एक के लिए नहीं, बल्कि प्रताणित अल्पसंख्यकों के लिए यह कानून लाया जा रहा है. इसलिए इसमें आर्टिकल 14 का उल्लंघन नहीं है.
 

22:20 December 09

विपक्ष को घुसपैठिए और शरणार्थी में फर्क करना होगा: लेखी

भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने नागरिकता संशोधन विधेयक को पड़ोसी देशों में पीड़ा झेलने वाले अल्पसंख्यकों को राहत देने वाला कदम करार देते हुए सोमवार को लोकसभा में कहा कि विपक्ष को घुसपैठिये और शरणार्थी में फर्क करना होगा.

विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए लेखी ने पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के संदर्भ में कहा कि अल्पसंख्यकों पर वहां अत्याचार हुए और उन्हें इस विधेयक से राहत मिलेगी.

उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि लोगों को गुमराह करने की कोशिश हो रही है, जबकि हमें घुसपैठिए और शरणार्थी में फर्क करना होगा.

शिरोमणि अकाली दल के सुखवीर सिंह बादल ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि पाकिस्तान के मुस्लिम समुदाय के उन पंथ के लोगों को भी इसके दायरे में लाना चाहिए जिन्होंने प्रताड़ित किया गया है. इससे अच्छा संदेश जाएगा.

कांग्रेस के गौरव गोगोई ने कहा कि इस विधेयक को एनआरसी से अलग करके नहीं देखा जा सकता. यह एनआरसी में विफलता को ढंकने के लिए लाया गया है.

उन्होंने कहा कि पहले एनआरसी से बाहर रह गए भारतीय नागरिकों को को घुसपैठिया कहने के लिए गृह मंत्री अमित शाह को माफी मांगनी चाहिए.
 

21:06 December 09

बदरुद्दीन अजमल

इस बिल पर असम के धुबरी से सांसद बदरुदद्दीन अजमल ने कहा कि यह बिल असम के सभी लोगों के लिए झगड़ा करवाने वाला और देश को बांटने वाला बिल है इसलिए वह इसका विरोध करते हैं.
उन्होंने कहा कि एनआरसी कि सूची से बाहर के 19 लाख लोगों का किया होगा वह अब तक नहीं पता चल सका.

उन्होंने कहा कि यह अफसोसनाक है कि इस बिल में मुसलमानों को शमिल नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि क्या हमारे पूर्वजों ने इस देश को आजाद करवाने के लिए अपनी कुर्बानियां नहीं दी.
अजमल ने कहा सबसे पहले नवाब सिराजुद्दैला ने अंग्रेजों के खिलाफ तलवार उठाई उसके बाद टीपू सुल्तान ने अंग्रजों से जंग लड़ी. इस देश को हिंदू और मुसलमान दोनों ने आजाद कराया. 
यह बिल धर्म के आधार पर बनाया गया है जो संविधाव के खिलाफ है और असम समझौते के विरुद्ध है.
 

20:22 December 09

ओवैसी ने लोकसभा में नागरिकता विधेयक की प्रति फाड़ी, भाजपा सदस्यों ने संसद का अपमान बताया

फोटो
ओवैसी

ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध करते हुए इस विधेयक की प्रति फाड़ दी . इसका कड़ा विरोध करते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह संसद का अपमान है.
विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए ओवैसी ने आरोप लगाया कि यह सरकार मुसलमानों के ‘राष्ट्रविहीन’ बनाने की साजिश कर रही है.

उन्होंने यह दावा भी किया कि यह विधेयक एक बार फिर से देश के बंटवारे का रास्ता तैयार करेगा.

ओवैसी यह आरोप लगाया कि यह विधेयक संविधान की मूल भावना के खिलाफ है.

उन्होंने यह भी कहा कि महात्मा गांधी ने नागरिकता कार्ड को फाड़ा था और मैं आज इस विधेयक को फाड़ता हूं. इसके बाद उन्होंने विधेयक की प्रति फाड़ दी.

इस पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ओवैसी वरिष्ठ सदस्य हैं और उन्होंने जो किया है वो सदन का अपमान है.

भाजपा सदस्य पीपी चौधरी ने कहा कि ओवैसी ने संसद का अपमान किया है.

राकांपा, बसपा, सपा और टीआरएस ने नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध किया, बीजद का समर्थन

नागरिकता संशोधन विधेयक पर सोमवार को लोकसभा में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और तेलंगाना राष्ट्र समिति ने विरोध दर्ज कराते हुए विधेयक पर पुनर्विचार की और इसमें ‘मुस्लिम’ शब्द शामिल करने की मांग की, वहीं बीजू जनता दल ने विधेयक का समर्थन किया. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की सुप्रिया सुले ने कहा कि वह सरकार की मंशा पर सवाल नहीं उठा रहीं, लेकिन धारणाओं को लेकर प्रश्नचिह्न खड़ा होता है. उन्होंने कहा कि मुस्लिमों में असुरक्षा का माहौल बन रहा है. क्या एनआरसी विफल हो गया है, इसलिए सरकार विधेयक लाई है? सरकार को देश के दूसरे सबसे बड़े समुदाय की चिंताओं पर ध्यान देना चाहिए.

सुले ने कहा कि गृह मंत्री ने संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में विधेयक पर सहमति की बात कही जो तथ्यात्मक रूप से गलत है क्योंकि जेपीसी में इस पर कई सदस्यों ने असहमति जताई थी.

उन्होंने सवाल किया कि विधेयक लाने की तत्काल जरूरत क्या आन पड़ी. यदि पूर्वोत्तर को अभी शामिल नहीं किया जा सकता तो सरकार इसे इतनी जल्दबाजी में क्यों लाई.

राकांपा सदस्य ने विधेयक वापस लेकर सरकार से इस पर पुनर्विचार की मांग की और कहा कि यह विधेयक संसद से पारित हो गया तो उच्चतम न्यायालय में नहीं टिकेगा. बीजू जनता दल (बीजद) की शर्मिष्ठा सेठी ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि इस विधेयक को एनआरसी से नहीं जोड़ा जाए, सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए.

उन्होंने इसमें श्रीलंका को भी शामिल करने की मांग की.

बीजद सदस्य ने सुझाव दिया कि इसमें मुस्लिम समुदाय के लोगों को भी शामिल करने पर विचार किया जाए. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के अफजाल अंसारी ने कहा कि यह संशोधन विधेयक संविधान की मूल भावना के विपरीत है इसलिए उनकी पार्टी इसका विरोध कर रही है.

उन्होंने कहा कि जिन तीन देशों की बात हो रही है, उनमें धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ अच्छा बर्ताव नहीं होने की बात ठीक हो सकती है लेकिन यह भी कटु सत्य है कि भारत से पाकिस्तान जाने वाले मुसलमानों के साथ भी वहां के नागरिकों के समान व्यवहार नहीं किया जाता.

अंसारी ने कहा कि सरकार इन देशों में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के खिलाफ उन्हें पनाह देने की दरियादिली दिखा रही है तो थोड़ा और बड़ा दिल करके उसे मुस्लिमों को भी इसमें शामिल करना चाहिए.

तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के नामा नागेश्वर राव ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि धार्मिक आधार पर नागरिकता देना संविधान के मूल सिद्धांत के खिलाफ है. उन्होंने विधेयक में अन्य धर्मों के साथ ‘मुस्लिम’ समुदाय को भी शामिल करने की मांग की.

समाजवादी पार्टी (सपा) के एस टी हसन ने कहा कि यह विधेयक ऐसा लगता है कि एनआरसी की भूमिका निभा रहा है जिससे मुसलमानों में डर का माहौल है. उन्होंने विधेयक का विरोध करते हुए इस पर पुनर्विचार करने की और इसमें मुसलमानों को भी समाहित करने की मांग की.

आईयूएमएल के पी के कुन्हालीकुट्टी और माकपा के एस वेंकटेशन ने भी विधेयक का विरोध किया.

कुन्हालीकुट्टी ने कहा कि आज आजाद भारत के लिए काला दिन है और पहली बार ऐसा भेदभाव वाला विधेयक लाया गया है. इससे सरकार का सांप्रदायिक एजेंडा स्पष्ट हो जाता है. उन्होंने भी कहा कि यह विधेयक उच्चतम न्यायालय में कानूनी पड़ताल में टिक नहीं पाएगा.

19:34 December 09

जदयू, LJP का समर्थन TRS, सपा व बसपा ने जताया विरोध

लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पर बहस के दौरान जनता दल यूनाइटेड और लोक जनशक्ति पार्टी ने इस बिल का समर्थन किया है. वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी, तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने इस बिल का विरोध किया है.  वहीं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने इस बिल का विरोध किया है. 
 

17:22 December 09

शाह ने कहा - सीमाओं की सुरक्षा सरकार का कर्तव्य

लोक सभा में बोलते अमित शाह

अमित शाह ने कहा, 'सीमाओं की सुरक्षा सरकार का कर्तव्य है. मणिपुर में इनर लाइन परमिट लागू होगा. किसी का अधिकार नहीं छीना जा रहा है. हम बदलाव को स्वीकार करते हैं, बदलाव को समाहित करते हैं.' 

गृहमंत्री ने कहा कि मणिपुर के लोग काफी समय से इसकी मांग कर रहे थे. त्रिपुरा में भी यह कानून लागू नहीं होगा. असम के लोगों की भाषा और संस्कृति को बचाने का काम सरकार ने किया. असम के छह समुदायों को अनुसूचित जाति में शामिल किया जाएगा.
 

16:54 December 09

लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर बहस

लोक सभा में बोलते अमित शाह

अमित शाह ने कहा, 'मैं सदन को यकीन दिलाता हूं कि कि इससे लोगों को न्याय ही मिलेगा. यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है. नागरिकता बिल के पीछे कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है. हम नागरिकता बिल को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव नहीं रहे हैं. यह हमारे घोषणा पत्र का हिस्सा है.'

नागरिकता संशोधन बिल पर बहस के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि पहले भी दूसरे देशों से आए लोगों को नागरिकता दी जाती रही है. बांग्लादेश संघर्ष, युगांडा और श्रीलंका आदि से आए शरणार्थियों को भी पहले नागरिकता दी गई.

उन्होंने कहा, 'यह संभव हो सका, तभी मनमोहन सिंह और लालकृष्ण आडवाणी जी देश के शीर्ष नेता बन सके. इस विधेयक में हमारे तीन पड़ोसी देशों से आने वाले प्रताड़ित हिन्दू, सिख, पारसी, ईसाई, बैद्ध शरणाथिर्यों को नागरिकता देने का प्रावधान है.'

शाह बोले, 'हम सब पंतों और धर्मों को स्वीकार करते हैं. सरकार का कर्तवय देश की सीमाओं की सुरक्षा करना है. 1957 में भारत आए सभी शरणार्थियों को भारत ने स्वीकारा.'

गृह मंत्री ने कहा, टपूर्वोत्तर में लोगों के मन में भय फैलाने का प्रयास हो रहा. हमारी सरकार ने पूर्वोत्तर के नागरिकों के हितों का पूरा ध्यान रखा है. मणिपुर इनरलाइन परमिट लागू होगा. इससे मणिपुर घाटी के लोगों की समस्याओं का भी समाधान होगा. हम इसके लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हैं. पूरे पूर्वोत्तर के लोगों की शंकाओं का समाधान इस बिल में है. किसी को उकसावे में आने की जरूरत नहीं है.'

शाह ने यह भी कहा कि धार्मिक रूप से प्रताड़ित लोगों को नियमों के अनुसार नगारिकता दी जाएगी. जिस तारिख से भारत आए, उस दिन से दी जाएगी नागरिकता. साथ ही अवैध प्रवासियों को नागरिकता मिलने के बाद नहीं होगी कारवाई.

14:49 December 09

लोकसभा में सांसदों की चिंता पर अमित शाह का बिंदुवार जवाब

लोकसभा में सांसदों की चिंता पर अमित शाह का बिंदुवार जवाब

14:00 December 09

लोकसभा में 293 सांसदों के समर्थन के साथ पेश किया गया नागरिकता संशोधन विधेयक

बिल को पेश करने पर मतदान

लोकसभा में विधेयक पेश कर चर्चा कराने के पक्ष में 293 वोट, जबकि इसके खिलाफ 82 वोट पड़े.

लोकसभा में मौजूद 375 सांसदों ने मतदान में भाग लिया. वर्तमान में 17वीं लोकसभा सांसदों की कुल सीटें 543 है.

13:23 December 09

TMC ने बताया विभाजनकारी और असंवैधानिक विधेयक

तृणमूल कांग्रेस (TMC) के लोकसभा सांसद सौगत रॉय कहा कि यह विधेयक विभाजनकारी और असंवैधानिक है.

उन्होंने इसे संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करने वाला बताया.

सौगत रॉय ने कहा, यह कानून डॉ. आम्बेडकर सहित हमारे संस्थापक और पूर्वजों की हर चीज के खिलाफ है.

13:22 December 09

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बताया गणतंत्र पर हमला

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बताया गणतंत्र पर हमला

12:57 December 09

लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर ओवैसी ने चिंता जाहिर की

नागरिकता विधेयक पर ओवैसी का पक्ष

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मुस्लिम भी इसी देश का भाग हैं. अमित शाह ने आश्वस्त किया है कि ये बिल अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं है.

12:54 December 09

नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 को कांग्रेस ने बताया- पीछे ले जाने वाला (regressive) बिल

लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर चर्चा

12:06 December 09

लोकसभा में अमित शाह ने पेश किया बिल

लोकसभा में अमित शाह ने पेश किया बिल

बिल पेश करने के बाद अमित शाह ने कहा है कि बिल पर विपक्षी दलों को बोलने का पूरा मौका दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि वे हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार हैं.

12:03 December 09

नागरिकता बिल पेश करने संसद पहुंचे अमित शाह

amit shah citizenship
नागरिकता बिल पेश करने संसद पहुंचे अमित शाह

11:41 December 09

नागरिकता बिल Live

citizenship
नागरिकता कानून का संक्षिप्त विवरण

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल  (CAB- Citizenship Amendment Bill) पेश कर दिया है. इस बिल पर चर्चा के बाद सदन में वोटिंग कराई जाएगी.

इस विधेयक के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के शिकार गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है.

क्या है नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019
इस विधेयक में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यक समुदायों (हिन्दू, बौद्ध, जैन, पारसी ईसाई, सिख) से संबंध रखने वाले लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रस्ताव है.

नागरिकता प्रदान करने के लिए नागरिकता अधिनियम 1955 में संशोधन आवश्यक है.

ये भी पढ़ें: असम में CAB का पुरजोर विरोध, जगह-जगह हो रहे प्रदर्शन

विपक्षी पार्टियां क्यों कर रहीं हैं विरोध
विधेयक में मुसलमानों को शामिल नहीं किया गया है. यह संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता के अधिकार) का उल्लंघन है. भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है. यहां पर धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता है.

हिन्दू वोटरों को अपने पक्ष में करने की कोशिश की जा रही है.

पूर्वोत्तर के राज्यों में क्यों हो रहा है विरोध
बांग्लादेश से मुसलमान और हिन्दू दोनों ही समुदाय के लोगों ने शरण ली है. अवैध रूप से रह रहे हिन्दुओं को भी वापस भेजा जाए.

23:36 December 09

लोकसभा में मतविभाजन के बाद पास हुआ नागरिकता संशोधन बिल

नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा में बहुमत से पारित

नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा में बहुमत से पारित हो गया है. अब इस बिल को राज्यसभा में पास कराना होगा.  बिल के पक्ष में 311 वोट पड़े और विपक्ष में 80 वोट पड़े.
 

23:16 December 09

हम एनआरसी लेकर आएंगे और एक भी घुसपैठिया देश में नहीं बचेगा

शाह का सदन को जवाब

गृहमंत्री ने सदन में कहा--

 हम एनआरसी लेकर आएंगे और एक भी घुसपैठिया देश में नहीं बचेगा.
-हमने कांग्रेस जैसी सांप्रदायिक पार्टी जीवन में नहीं देखी. यह शिवसेना से गठबंधन कर खुद को गैर सांप्रदायिक पार्टी कहती है.
-नेपाल-भारत में मैत्री संधि है और दोनों देशों ने नागरिक एक-दूसरे देश में रहते-व्यापार करते हैं और उन्हें आसानी से नागरिकता दी जाती है.
-इस देश में एनआरसी होकर रहेगी. इसके लिए किसी भूमिका की जरूरत नहीं.
-हमें मुसलमानों से कोई नफरत नहीं. इस बिल का देश के मुसलमानों से कोई मतलब नहीं.

शाह ने कहा कि पूरा अरुणाचल, नागालैंड व मिजोरम इनर लाइन परमिट से प्रोटेक्टेड है. उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं. मणिपुर में इनरलाइन परमिट लागू करेंगे.
नेहरू-लियाकत समझौता काल्पनिक था और फेल रहा. इसलिए यह बिल लाने की जरूरत पड़ी. भारत का संविधान ही हमारा धर्म है.

शाह ने कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के 20 ही धार्मिक स्थल बचे. बांग्लादेश बनने के बाद इंदिरा गांधी और शेख मुजीबुर्रहमान में समझौता हुआ. उनके रहने तक स्थिति ठीक थी. वर्तमान सरकार ठीक काम कर रही है, लेकिन 1975 में मुजीबुर्रहमान की हत्या के बाद अल्पसंख्यों पर बर्बरता हुई. सामूहिक बलात्कार हुए.

उन्होंने कहा कि तालिबानों ने बामियान में सबसे बड़ी बौद्ध प्रतिमा को तोप से उड़ा दिया. अफगानिस्तान में अल्पसंख्यों के लिए कड़े कानून बनाए गए. उन्हें हर शुक्रवार को मस्जिद जाने के लिए बाद्ध किया गया. इन तीनों देशों में मुसलमान अल्पसंख्यक नहीं है. इसलिए उन्हें इसमें शामिल नहीं किया गया है.

जो नर्क की यातना जी रहे हैं, जिनको कोई सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. ये उन सभी पीड़ित लोगों के लिए मोदी सरकार की तरफ से यातना के अंत का बिल है.
 

22:56 December 09

कांग्रेस ने धर्म के आधार पर देश का बंटवारा क्यों किया

शाह का जवाब

अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार में लम्हों में कोई खता नहीं होगा और ना ही सदियों तक किसी को सजा मिलेगी.  यह मोदी सरकार है कोई खता नहीं होगी. 

अमित शाह ने कांग्रेस से सवाल किया कि कांग्रेस बताए की वह धर्म के आधार पर देश का बंटवारा क्यों स्वीकार किया? पीओके भी हमारा है और वहां के नागरिक भी हमारे हैं.  
 कांग्रेस ने जिन्ना की टू नेशन थ्योरी क्यों मानी? 

शाह ने सदन को बताया कि भारत में 1991 में 84 प्रतिशत हिंदू थे, जो 2011 में 79 प्रतिशत बचे. 1051 में मुस्लिम 9 प्रतिशत थे, जो अब 14 प्रतिशत हैं. हमने कोई धार्मिक भेदभाव नहीं किया. 
शाह ने यह भी कहा कि आर्टिकल 14 में कहा गया है कि जिसमें समानता का अधिकार न हो ऐसे कानून न बनाए जाएं. लेकिन यह कानून किसी एक के लिए नहीं, बल्कि प्रताणित अल्पसंख्यकों के लिए यह कानून लाया जा रहा है. इसलिए इसमें आर्टिकल 14 का उल्लंघन नहीं है.

तीन देशों के प्रताड़ित अल्पसंख्यों के लिए ही यह बिल लाया गया है. उन्हें शरणार्थी माना जाएगा, घुसपैठिया नहीं. किसी भी रिफ्यूजी पालिसी की जरूरत नहीं है. इसके लिए हमारे पास पर्याप्त कानून हैं. 
उन्होंने एक शेर अर्ज करते हुए कहा कि लम्हों ने खता की थी, सदियों ने सजा पाई है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. जिन्ना ने जब दोराष्ट्र की बात की तो कांग्रेस पार्टी की सरकार ने धर्म के आधार पर देश का विभाजन क्यों स्वीकार किया.
पीओके हमारा और आज भी उसके लिए विधान सभा में सीटें सुरक्षित हैं.

श्रीलंका से जो शरणाीर्थी आए उन्हें भी नागरिकता दी गई, लेकिन तत्कालीन सरकार ने पूरी समस्या का समाधान नहीं किया. अन्य देशों से आए शरणार्थियों की समस्याओं का समाधान नहीं किया गया.
रोहिंग्या को कभी भी स्वीकार नहीं किया जाएगा. मैं एक बार फिर स्पष्ट करना चाहता हूं.

शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी जी के प्रधानमंत्री रहते हुए किसी को भी डरने की जरूरत नहीं. सबको सुरक्षा और सम्मान दिया जाएगा. क्या बंकिम बाबू और टैगोर की ऐसे बंगाल की कल्पना थी, जहां दुर्गा पूजा के लिए कोर्ट जाना पड़े.

गृहमंत्री अमित शाह के बयान पर टीएमसी सांसदों ने हंगामा कर दिया. हंगामें की बीच शाह ने कहा कि वोट बैंक के लिए शरणार्थियों को शरण देने वालों को हम सफल नहीं होने देंगे.
अब किसी शरणार्थी को डरने की जरूरत नहीं. राशनकार्ड हो न हो हम सबको नागरिक बनाएंगे. कोई अफवाहों में न आए. पूर्वोत्तर के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम 371 धारा को कभी नहीं छेड़ेंगे.
 

22:40 December 09

अमित शाह का सदन को जवाब

शाह का जवाब

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि देश का विभाजन धर्म के नाम पर हुआ. धर्म के नाम पर देश का बंटवारा नहीं होता तो इस बिल की जरूरत ही नहीं होती.  जिस देश में मुस्लिम अधिक थें वहां पाकिस्तान बना. दिल्ली में नेहरू-लियाकत समझौता हुआ. 
शाह ने बिल पर बहस का जवाब देते हुए कहा, इस बिल से लाखों-करोड़ों शरणार्थियों को यातनापूर्ण जीवन से मुक्ति मिलेगी
'मेरे बिल को प्रस्तुत करने के बाद सभी दलों के 48 सदस्यों ने चर्चा में हिस्सा लिया.'

 गृहमंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान, पाकिस्तान, और बांग्लादेश संवैधैनिक तौर पर इस्लामी देश हैं. 1947 में पाकिस्तान में 23 अल्पसंख्यक थे और 2011 में 3.7 प्रतिशत बचे हैं. बांग्लादेश में 1947 में 22 प्रतिशत थे किंतु 2011 में 7.8 प्रतिशत रह गए. ऐसे में सवाल उठता है कि इन देशों के लाखों अल्प संख्यक कहां गए. उन्हें या तो मार दिया गया या उनका धर्म परिवर्तन करा दिया गया. शाह ने कहा कि नागरिकता बिल में अनुच्छेद 14 का उल्लंघन नहीं हुआ है.

शाह ने सदन में बहस का जवाब देते हुए आगे कहा कि भारत में 1991 में 84 प्रतिशत हिंदू थे, जो 2011 में 79 प्रतिशत बचे. 1051 में मुस्लिम 9 प्रतिशत थे, जो अब 14 प्रतिशत हैं. हमने कोई धार्मिक भेदभाव नहीं किया. 
गृहमंत्री ने कहा कि आर्टिकल 14 में कहा गया है कि जिसमें समानता का अधिकार न हो ऐसे कानून न बनाए जाएं. लेकिन यह कानून किसी एक के लिए नहीं, बल्कि प्रताणित अल्पसंख्यकों के लिए यह कानून लाया जा रहा है. इसलिए इसमें आर्टिकल 14 का उल्लंघन नहीं है.
 

22:20 December 09

विपक्ष को घुसपैठिए और शरणार्थी में फर्क करना होगा: लेखी

भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने नागरिकता संशोधन विधेयक को पड़ोसी देशों में पीड़ा झेलने वाले अल्पसंख्यकों को राहत देने वाला कदम करार देते हुए सोमवार को लोकसभा में कहा कि विपक्ष को घुसपैठिये और शरणार्थी में फर्क करना होगा.

विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए लेखी ने पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के संदर्भ में कहा कि अल्पसंख्यकों पर वहां अत्याचार हुए और उन्हें इस विधेयक से राहत मिलेगी.

उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि लोगों को गुमराह करने की कोशिश हो रही है, जबकि हमें घुसपैठिए और शरणार्थी में फर्क करना होगा.

शिरोमणि अकाली दल के सुखवीर सिंह बादल ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि पाकिस्तान के मुस्लिम समुदाय के उन पंथ के लोगों को भी इसके दायरे में लाना चाहिए जिन्होंने प्रताड़ित किया गया है. इससे अच्छा संदेश जाएगा.

कांग्रेस के गौरव गोगोई ने कहा कि इस विधेयक को एनआरसी से अलग करके नहीं देखा जा सकता. यह एनआरसी में विफलता को ढंकने के लिए लाया गया है.

उन्होंने कहा कि पहले एनआरसी से बाहर रह गए भारतीय नागरिकों को को घुसपैठिया कहने के लिए गृह मंत्री अमित शाह को माफी मांगनी चाहिए.
 

21:06 December 09

बदरुद्दीन अजमल

इस बिल पर असम के धुबरी से सांसद बदरुदद्दीन अजमल ने कहा कि यह बिल असम के सभी लोगों के लिए झगड़ा करवाने वाला और देश को बांटने वाला बिल है इसलिए वह इसका विरोध करते हैं.
उन्होंने कहा कि एनआरसी कि सूची से बाहर के 19 लाख लोगों का किया होगा वह अब तक नहीं पता चल सका.

उन्होंने कहा कि यह अफसोसनाक है कि इस बिल में मुसलमानों को शमिल नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि क्या हमारे पूर्वजों ने इस देश को आजाद करवाने के लिए अपनी कुर्बानियां नहीं दी.
अजमल ने कहा सबसे पहले नवाब सिराजुद्दैला ने अंग्रेजों के खिलाफ तलवार उठाई उसके बाद टीपू सुल्तान ने अंग्रजों से जंग लड़ी. इस देश को हिंदू और मुसलमान दोनों ने आजाद कराया. 
यह बिल धर्म के आधार पर बनाया गया है जो संविधाव के खिलाफ है और असम समझौते के विरुद्ध है.
 

20:22 December 09

ओवैसी ने लोकसभा में नागरिकता विधेयक की प्रति फाड़ी, भाजपा सदस्यों ने संसद का अपमान बताया

फोटो
ओवैसी

ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध करते हुए इस विधेयक की प्रति फाड़ दी . इसका कड़ा विरोध करते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह संसद का अपमान है.
विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए ओवैसी ने आरोप लगाया कि यह सरकार मुसलमानों के ‘राष्ट्रविहीन’ बनाने की साजिश कर रही है.

उन्होंने यह दावा भी किया कि यह विधेयक एक बार फिर से देश के बंटवारे का रास्ता तैयार करेगा.

ओवैसी यह आरोप लगाया कि यह विधेयक संविधान की मूल भावना के खिलाफ है.

उन्होंने यह भी कहा कि महात्मा गांधी ने नागरिकता कार्ड को फाड़ा था और मैं आज इस विधेयक को फाड़ता हूं. इसके बाद उन्होंने विधेयक की प्रति फाड़ दी.

इस पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ओवैसी वरिष्ठ सदस्य हैं और उन्होंने जो किया है वो सदन का अपमान है.

भाजपा सदस्य पीपी चौधरी ने कहा कि ओवैसी ने संसद का अपमान किया है.

राकांपा, बसपा, सपा और टीआरएस ने नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध किया, बीजद का समर्थन

नागरिकता संशोधन विधेयक पर सोमवार को लोकसभा में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और तेलंगाना राष्ट्र समिति ने विरोध दर्ज कराते हुए विधेयक पर पुनर्विचार की और इसमें ‘मुस्लिम’ शब्द शामिल करने की मांग की, वहीं बीजू जनता दल ने विधेयक का समर्थन किया. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की सुप्रिया सुले ने कहा कि वह सरकार की मंशा पर सवाल नहीं उठा रहीं, लेकिन धारणाओं को लेकर प्रश्नचिह्न खड़ा होता है. उन्होंने कहा कि मुस्लिमों में असुरक्षा का माहौल बन रहा है. क्या एनआरसी विफल हो गया है, इसलिए सरकार विधेयक लाई है? सरकार को देश के दूसरे सबसे बड़े समुदाय की चिंताओं पर ध्यान देना चाहिए.

सुले ने कहा कि गृह मंत्री ने संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में विधेयक पर सहमति की बात कही जो तथ्यात्मक रूप से गलत है क्योंकि जेपीसी में इस पर कई सदस्यों ने असहमति जताई थी.

उन्होंने सवाल किया कि विधेयक लाने की तत्काल जरूरत क्या आन पड़ी. यदि पूर्वोत्तर को अभी शामिल नहीं किया जा सकता तो सरकार इसे इतनी जल्दबाजी में क्यों लाई.

राकांपा सदस्य ने विधेयक वापस लेकर सरकार से इस पर पुनर्विचार की मांग की और कहा कि यह विधेयक संसद से पारित हो गया तो उच्चतम न्यायालय में नहीं टिकेगा. बीजू जनता दल (बीजद) की शर्मिष्ठा सेठी ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि इस विधेयक को एनआरसी से नहीं जोड़ा जाए, सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए.

उन्होंने इसमें श्रीलंका को भी शामिल करने की मांग की.

बीजद सदस्य ने सुझाव दिया कि इसमें मुस्लिम समुदाय के लोगों को भी शामिल करने पर विचार किया जाए. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के अफजाल अंसारी ने कहा कि यह संशोधन विधेयक संविधान की मूल भावना के विपरीत है इसलिए उनकी पार्टी इसका विरोध कर रही है.

उन्होंने कहा कि जिन तीन देशों की बात हो रही है, उनमें धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ अच्छा बर्ताव नहीं होने की बात ठीक हो सकती है लेकिन यह भी कटु सत्य है कि भारत से पाकिस्तान जाने वाले मुसलमानों के साथ भी वहां के नागरिकों के समान व्यवहार नहीं किया जाता.

अंसारी ने कहा कि सरकार इन देशों में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के खिलाफ उन्हें पनाह देने की दरियादिली दिखा रही है तो थोड़ा और बड़ा दिल करके उसे मुस्लिमों को भी इसमें शामिल करना चाहिए.

तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के नामा नागेश्वर राव ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि धार्मिक आधार पर नागरिकता देना संविधान के मूल सिद्धांत के खिलाफ है. उन्होंने विधेयक में अन्य धर्मों के साथ ‘मुस्लिम’ समुदाय को भी शामिल करने की मांग की.

समाजवादी पार्टी (सपा) के एस टी हसन ने कहा कि यह विधेयक ऐसा लगता है कि एनआरसी की भूमिका निभा रहा है जिससे मुसलमानों में डर का माहौल है. उन्होंने विधेयक का विरोध करते हुए इस पर पुनर्विचार करने की और इसमें मुसलमानों को भी समाहित करने की मांग की.

आईयूएमएल के पी के कुन्हालीकुट्टी और माकपा के एस वेंकटेशन ने भी विधेयक का विरोध किया.

कुन्हालीकुट्टी ने कहा कि आज आजाद भारत के लिए काला दिन है और पहली बार ऐसा भेदभाव वाला विधेयक लाया गया है. इससे सरकार का सांप्रदायिक एजेंडा स्पष्ट हो जाता है. उन्होंने भी कहा कि यह विधेयक उच्चतम न्यायालय में कानूनी पड़ताल में टिक नहीं पाएगा.

19:34 December 09

जदयू, LJP का समर्थन TRS, सपा व बसपा ने जताया विरोध

लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पर बहस के दौरान जनता दल यूनाइटेड और लोक जनशक्ति पार्टी ने इस बिल का समर्थन किया है. वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी, तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने इस बिल का विरोध किया है.  वहीं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने इस बिल का विरोध किया है. 
 

17:22 December 09

शाह ने कहा - सीमाओं की सुरक्षा सरकार का कर्तव्य

लोक सभा में बोलते अमित शाह

अमित शाह ने कहा, 'सीमाओं की सुरक्षा सरकार का कर्तव्य है. मणिपुर में इनर लाइन परमिट लागू होगा. किसी का अधिकार नहीं छीना जा रहा है. हम बदलाव को स्वीकार करते हैं, बदलाव को समाहित करते हैं.' 

गृहमंत्री ने कहा कि मणिपुर के लोग काफी समय से इसकी मांग कर रहे थे. त्रिपुरा में भी यह कानून लागू नहीं होगा. असम के लोगों की भाषा और संस्कृति को बचाने का काम सरकार ने किया. असम के छह समुदायों को अनुसूचित जाति में शामिल किया जाएगा.
 

16:54 December 09

लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर बहस

लोक सभा में बोलते अमित शाह

अमित शाह ने कहा, 'मैं सदन को यकीन दिलाता हूं कि कि इससे लोगों को न्याय ही मिलेगा. यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है. नागरिकता बिल के पीछे कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है. हम नागरिकता बिल को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव नहीं रहे हैं. यह हमारे घोषणा पत्र का हिस्सा है.'

नागरिकता संशोधन बिल पर बहस के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि पहले भी दूसरे देशों से आए लोगों को नागरिकता दी जाती रही है. बांग्लादेश संघर्ष, युगांडा और श्रीलंका आदि से आए शरणार्थियों को भी पहले नागरिकता दी गई.

उन्होंने कहा, 'यह संभव हो सका, तभी मनमोहन सिंह और लालकृष्ण आडवाणी जी देश के शीर्ष नेता बन सके. इस विधेयक में हमारे तीन पड़ोसी देशों से आने वाले प्रताड़ित हिन्दू, सिख, पारसी, ईसाई, बैद्ध शरणाथिर्यों को नागरिकता देने का प्रावधान है.'

शाह बोले, 'हम सब पंतों और धर्मों को स्वीकार करते हैं. सरकार का कर्तवय देश की सीमाओं की सुरक्षा करना है. 1957 में भारत आए सभी शरणार्थियों को भारत ने स्वीकारा.'

गृह मंत्री ने कहा, टपूर्वोत्तर में लोगों के मन में भय फैलाने का प्रयास हो रहा. हमारी सरकार ने पूर्वोत्तर के नागरिकों के हितों का पूरा ध्यान रखा है. मणिपुर इनरलाइन परमिट लागू होगा. इससे मणिपुर घाटी के लोगों की समस्याओं का भी समाधान होगा. हम इसके लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हैं. पूरे पूर्वोत्तर के लोगों की शंकाओं का समाधान इस बिल में है. किसी को उकसावे में आने की जरूरत नहीं है.'

शाह ने यह भी कहा कि धार्मिक रूप से प्रताड़ित लोगों को नियमों के अनुसार नगारिकता दी जाएगी. जिस तारिख से भारत आए, उस दिन से दी जाएगी नागरिकता. साथ ही अवैध प्रवासियों को नागरिकता मिलने के बाद नहीं होगी कारवाई.

14:49 December 09

लोकसभा में सांसदों की चिंता पर अमित शाह का बिंदुवार जवाब

लोकसभा में सांसदों की चिंता पर अमित शाह का बिंदुवार जवाब

14:00 December 09

लोकसभा में 293 सांसदों के समर्थन के साथ पेश किया गया नागरिकता संशोधन विधेयक

बिल को पेश करने पर मतदान

लोकसभा में विधेयक पेश कर चर्चा कराने के पक्ष में 293 वोट, जबकि इसके खिलाफ 82 वोट पड़े.

लोकसभा में मौजूद 375 सांसदों ने मतदान में भाग लिया. वर्तमान में 17वीं लोकसभा सांसदों की कुल सीटें 543 है.

13:23 December 09

TMC ने बताया विभाजनकारी और असंवैधानिक विधेयक

तृणमूल कांग्रेस (TMC) के लोकसभा सांसद सौगत रॉय कहा कि यह विधेयक विभाजनकारी और असंवैधानिक है.

उन्होंने इसे संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करने वाला बताया.

सौगत रॉय ने कहा, यह कानून डॉ. आम्बेडकर सहित हमारे संस्थापक और पूर्वजों की हर चीज के खिलाफ है.

13:22 December 09

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बताया गणतंत्र पर हमला

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बताया गणतंत्र पर हमला

12:57 December 09

लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर ओवैसी ने चिंता जाहिर की

नागरिकता विधेयक पर ओवैसी का पक्ष

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मुस्लिम भी इसी देश का भाग हैं. अमित शाह ने आश्वस्त किया है कि ये बिल अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं है.

12:54 December 09

नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 को कांग्रेस ने बताया- पीछे ले जाने वाला (regressive) बिल

लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर चर्चा

12:06 December 09

लोकसभा में अमित शाह ने पेश किया बिल

लोकसभा में अमित शाह ने पेश किया बिल

बिल पेश करने के बाद अमित शाह ने कहा है कि बिल पर विपक्षी दलों को बोलने का पूरा मौका दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि वे हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार हैं.

12:03 December 09

नागरिकता बिल पेश करने संसद पहुंचे अमित शाह

amit shah citizenship
नागरिकता बिल पेश करने संसद पहुंचे अमित शाह

11:41 December 09

नागरिकता बिल Live

citizenship
नागरिकता कानून का संक्षिप्त विवरण

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल  (CAB- Citizenship Amendment Bill) पेश कर दिया है. इस बिल पर चर्चा के बाद सदन में वोटिंग कराई जाएगी.

इस विधेयक के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के शिकार गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है.

क्या है नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019
इस विधेयक में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यक समुदायों (हिन्दू, बौद्ध, जैन, पारसी ईसाई, सिख) से संबंध रखने वाले लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रस्ताव है.

नागरिकता प्रदान करने के लिए नागरिकता अधिनियम 1955 में संशोधन आवश्यक है.

ये भी पढ़ें: असम में CAB का पुरजोर विरोध, जगह-जगह हो रहे प्रदर्शन

विपक्षी पार्टियां क्यों कर रहीं हैं विरोध
विधेयक में मुसलमानों को शामिल नहीं किया गया है. यह संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता के अधिकार) का उल्लंघन है. भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है. यहां पर धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता है.

हिन्दू वोटरों को अपने पक्ष में करने की कोशिश की जा रही है.

पूर्वोत्तर के राज्यों में क्यों हो रहा है विरोध
बांग्लादेश से मुसलमान और हिन्दू दोनों ही समुदाय के लोगों ने शरण ली है. अवैध रूप से रह रहे हिन्दुओं को भी वापस भेजा जाए.

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Last Updated : Dec 10, 2019, 8:06 AM IST
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