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कोरोना संकट : पर्यटन क्षेत्र को ₹5 लाख करोड़ के नुकसान का अनुमान

कोरोना वायरस महामारी ने भारत में पर्यटन और यात्रा क्षेत्र की कमर तोड़ कर रख दी है. भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और आतिथ्य परामर्श कंपनी होटेलिवाटे की रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना संकट से क्षेत्र को पांच लाख करोड़ रुपये यानी 65.57 अरब डॉलर के नुकसान का अनुमान है.

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Published : Sep 10, 2020, 11:31 AM IST

नई दिल्ली : कोरोना संकट के कारण घरेलू पर्यटन और यात्रा क्षेत्र में पांच लाख करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया गया है. भारतीय उद्योग परिसंघ और आतिथ्य परामर्श कंपनी होटेलिवाटे की रिपोर्ट के मुताबिक, सिर्फ संगठित पर्यटन क्षेत्र को ही 25 अरब डॉलर का नुकसान होने की संभावना है.

रिपोर्ट के अनुसार, 'भारतीय पर्यटन क्षेत्र के सामने यह सबसे बड़े संकटों में से एक है. इसने सभी श्रेणियों घरेलू, अंतरदेशीय और अंतरराष्ट्रीय के पर्यटन को प्रभावित किया है. लक्जरी, साहसिक, विरासत, क्रूज, कॉरपोरेट इत्यादि सभी तरह के पर्यटन पर असर पड़ा है.'

पहले अक्टूबर तक ही लॉकडाउन और उससे बाजार में आई नरमी के असर रहने का अनुमान था. लेकिन अब आंकड़े कुछ और दर्शाते हैं. मौजूदा रुख के हिसाब से अगले साल की शुरुआत तक होटलों में लगभग 30 प्रतिशत ही कमरे भरना शुरू होंगे. इससे होटलों की आय में 80 से 85 प्रतिशत तक कमी आएगी.

रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस महामारी ने भारतीय यात्रा और पर्यटन उद्योग की कमर तोड़ दी है. इसका असर पूरी आपूर्ति श्रृंखला पर पड़ा है. इससे उद्योग को करीब पांच लाख करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है. इसमें अकेले संगठित पर्यटन उद्योग को ही 25 अरब डॉलर के नुकसान की संभावना है.

यह भी पढ़ें- कोविड-19 के चलते दबाव में पर्यटन क्षेत्र, सरकार से तत्काल मदद की जरूरत

अध्ययन के मुताबिक जनवरी 2020 में सबसे व्यस्त समय में होटलों में भी 80 प्रतिशत कमरे भरे थे. फरवरी में यह घटकर 70 प्रतिशत, मार्च में 45 प्रतिशत और अप्रैल में सात प्रतिशत पर आ गया. मई, जून, जुलाई और अगस्त में यह क्रमश: 10 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 15 प्रतिशत और 22 प्रतिशत रहा.

रिपोर्ट में सितंबर में 25 प्रतिशत, अक्टूबर में 28 प्रतिशत, नवंबर में 30 प्रतिशत और दिसंबर में 35 प्रतिशत कमरे भरने का अनुमान लगाया गया है.

नई दिल्ली : कोरोना संकट के कारण घरेलू पर्यटन और यात्रा क्षेत्र में पांच लाख करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया गया है. भारतीय उद्योग परिसंघ और आतिथ्य परामर्श कंपनी होटेलिवाटे की रिपोर्ट के मुताबिक, सिर्फ संगठित पर्यटन क्षेत्र को ही 25 अरब डॉलर का नुकसान होने की संभावना है.

रिपोर्ट के अनुसार, 'भारतीय पर्यटन क्षेत्र के सामने यह सबसे बड़े संकटों में से एक है. इसने सभी श्रेणियों घरेलू, अंतरदेशीय और अंतरराष्ट्रीय के पर्यटन को प्रभावित किया है. लक्जरी, साहसिक, विरासत, क्रूज, कॉरपोरेट इत्यादि सभी तरह के पर्यटन पर असर पड़ा है.'

पहले अक्टूबर तक ही लॉकडाउन और उससे बाजार में आई नरमी के असर रहने का अनुमान था. लेकिन अब आंकड़े कुछ और दर्शाते हैं. मौजूदा रुख के हिसाब से अगले साल की शुरुआत तक होटलों में लगभग 30 प्रतिशत ही कमरे भरना शुरू होंगे. इससे होटलों की आय में 80 से 85 प्रतिशत तक कमी आएगी.

रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस महामारी ने भारतीय यात्रा और पर्यटन उद्योग की कमर तोड़ दी है. इसका असर पूरी आपूर्ति श्रृंखला पर पड़ा है. इससे उद्योग को करीब पांच लाख करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है. इसमें अकेले संगठित पर्यटन उद्योग को ही 25 अरब डॉलर के नुकसान की संभावना है.

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अध्ययन के मुताबिक जनवरी 2020 में सबसे व्यस्त समय में होटलों में भी 80 प्रतिशत कमरे भरे थे. फरवरी में यह घटकर 70 प्रतिशत, मार्च में 45 प्रतिशत और अप्रैल में सात प्रतिशत पर आ गया. मई, जून, जुलाई और अगस्त में यह क्रमश: 10 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 15 प्रतिशत और 22 प्रतिशत रहा.

रिपोर्ट में सितंबर में 25 प्रतिशत, अक्टूबर में 28 प्रतिशत, नवंबर में 30 प्रतिशत और दिसंबर में 35 प्रतिशत कमरे भरने का अनुमान लगाया गया है.

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