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पैंगोंग त्सो तनाव : रूस में मिल सकते हैं भारत-चीन के रक्षा मंत्री

भारत और चीन के सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख में स्थित पैंगोंग त्सो झील क्षेत्र में जारी तनाव के बीच दोनों देशों के रक्षा मंत्री आपस में वार्ता कर सकते हैं.

भारत और चीन के रक्षा मंत्री की भेंट
भारत और चीन के रक्षा मंत्री की भेंट
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Published : Sep 4, 2020, 6:03 AM IST

Updated : Sep 4, 2020, 11:35 AM IST

नई दिल्ली : भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके चीनी समकक्ष वेई रूस की राजधानी मॉस्को में हैं. दोनों एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे हैं. संभावना जताई जा रही है कि चीनी रक्षा मंत्री राजनाथ से भेंट कर सकते हैं.

दरअसल, राजनाथ और वेई फिलहाल रूस की राजधानी मॉस्को में हैं, लेकिन दोनों के बीच भेंट को लेकर अनिश्चितता बरकरार है. जानकारी के अनुसार चीनी पक्ष ने भारतीय मिशन को दोनों रक्षा मंत्रियों के बीच एक बैठक की अपनी इच्छा से अवगत कराया है.

ऐसा समझा जाता है कि चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंगही ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की अहम बैठक से इतर भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बैठक की इच्छा जताई है. इस संबंध में जानकारी रखने वालों ने यह जानकारी गुरुवार को दी.

हालांकि इसके बारे में अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.

गौरतलब है कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा भारतीय क्षेत्रों में घुसपैठ की हालिया कोशिशों के बाद भारत और चीन के बीच सैन्य वार्ता लगातार चौथे दिन अनिष्कर्षपूर्ण रही. चार घंटे तक चली लंबी बैठक के दौरान चीनी अड़े रहे और उन्होंने पूर्वी लद्दाख से पीछे हटने से इनकार कर दिया. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, 'दोनों देशों के ब्रिगेड कमांडर स्तर के अधिकारियों ने चुशुल में मुलाकात की.'

यह भी पढ़ें: पूर्वी लद्दाख से चीन ने पीछे हटने से किया इनकार, बेनतीजा रही वार्ता

इससे पहले, दिन में भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे चीन के साथ चल रहे सीमा गतिरोध के बीच सुरक्षा बलों की परिचालन (ऑपरेशनल) तैयारियों की समीक्षा करने के लिए लद्दाख पहुंचे. दो दिवसीय दौरे पर जनरल नरवणे सुबह लेह पहुंचे और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत की.

जनरल नरवणे चीनी घुसपैठ प्रयासों को विफल करने के लिए रणनीति पर चर्चा कर रहे हैं. चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों ने भारतीय क्षेत्रों में ताजा घुसपैठ के प्रयास किए हैं. दोनों देशों के सैन्य प्रतिनिधि तनाव को कम करने के लिए बातचीत में लगे हुए हैं.

यह भी पढ़ें: पैंगोंग झील क्षेत्र में तनाव के बीच नरवणे और भदौरिया लद्दाख के दौरे पर

चीन ने पैंगोंग त्सो में यथास्थिति बदलने के प्रयास में भड़काऊ सैन्य हरकतें कीं. चीनी सैनिकों ने 29-30 अगस्त की दरम्यानी रात उकसावे वाली कार्रवाई की थी. मगर भारतीय सैनिकों ने पीएलए की भूमि पर कब्जा करने वाले मंसूबों पर पानी फेर दिया.

नई दिल्ली : भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके चीनी समकक्ष वेई रूस की राजधानी मॉस्को में हैं. दोनों एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे हैं. संभावना जताई जा रही है कि चीनी रक्षा मंत्री राजनाथ से भेंट कर सकते हैं.

दरअसल, राजनाथ और वेई फिलहाल रूस की राजधानी मॉस्को में हैं, लेकिन दोनों के बीच भेंट को लेकर अनिश्चितता बरकरार है. जानकारी के अनुसार चीनी पक्ष ने भारतीय मिशन को दोनों रक्षा मंत्रियों के बीच एक बैठक की अपनी इच्छा से अवगत कराया है.

ऐसा समझा जाता है कि चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंगही ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की अहम बैठक से इतर भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बैठक की इच्छा जताई है. इस संबंध में जानकारी रखने वालों ने यह जानकारी गुरुवार को दी.

हालांकि इसके बारे में अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.

गौरतलब है कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा भारतीय क्षेत्रों में घुसपैठ की हालिया कोशिशों के बाद भारत और चीन के बीच सैन्य वार्ता लगातार चौथे दिन अनिष्कर्षपूर्ण रही. चार घंटे तक चली लंबी बैठक के दौरान चीनी अड़े रहे और उन्होंने पूर्वी लद्दाख से पीछे हटने से इनकार कर दिया. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, 'दोनों देशों के ब्रिगेड कमांडर स्तर के अधिकारियों ने चुशुल में मुलाकात की.'

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इससे पहले, दिन में भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे चीन के साथ चल रहे सीमा गतिरोध के बीच सुरक्षा बलों की परिचालन (ऑपरेशनल) तैयारियों की समीक्षा करने के लिए लद्दाख पहुंचे. दो दिवसीय दौरे पर जनरल नरवणे सुबह लेह पहुंचे और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत की.

जनरल नरवणे चीनी घुसपैठ प्रयासों को विफल करने के लिए रणनीति पर चर्चा कर रहे हैं. चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों ने भारतीय क्षेत्रों में ताजा घुसपैठ के प्रयास किए हैं. दोनों देशों के सैन्य प्रतिनिधि तनाव को कम करने के लिए बातचीत में लगे हुए हैं.

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चीन ने पैंगोंग त्सो में यथास्थिति बदलने के प्रयास में भड़काऊ सैन्य हरकतें कीं. चीनी सैनिकों ने 29-30 अगस्त की दरम्यानी रात उकसावे वाली कार्रवाई की थी. मगर भारतीय सैनिकों ने पीएलए की भूमि पर कब्जा करने वाले मंसूबों पर पानी फेर दिया.

Last Updated : Sep 4, 2020, 11:35 AM IST
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