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भारतीय सीमा क्षेत्र में चीन के निर्माण की खबर आधारहीन : रक्षा प्रवक्ता - यह चीनी क्षेत्र के अंदर है

रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल हर्षवर्धन पांडेय ने ईटीवी भारत से बात की. उन्होंने कहा कि जिस समाचार को प्रसारित किया गया था, वह पूरी तरह निराधार था और यह सच नहीं है. पांडेय ने कहा कि वे मानचित्रों में भारतीय क्षेत्र के अंदर दिखते हैं, क्योंकि हम अपने मानचित्रों में उन क्षेत्रों का दावा करते हैं.

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Published : Jan 19, 2021, 7:15 PM IST

तेजपुर : रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल हर्षवर्धन पांडेय ने ईटीवी भारत से बात की. उन्होंने कहा कि जिस समाचार को प्रसारित किया गया था, वह पूरी तरह निराधार था और यह सच नहीं है. एक गांव का निर्माण जो सत्य है, लेकिन भारतीय क्षेत्र के अंदर नहीं है. यह चीनी क्षेत्र के अंदर है. लेफ्टिनेंट कर्नल हर्षवर्धन पांडे ने एक विशेष साक्षात्कार में ईटीवी भारत को बताया कि 1959 से उन गांवों पर चीन का कब्जा है.

भारतीय सीमा क्षेत्र में चीन के निर्माण की खबर आधारहीन है

यह भी पढ़ें-राजीव गांधी की सरकार ने पीएलए को खदेड़ने की नहीं दी थी अनुमति : तापिर गाओ

बताया कि यह भारतीय मानचित्र में है, लेकिन पीओके की तरह भारतीय द्वारा कब्जा नहीं किया गया है. उन गांवों को 'शियाओकांग विलेज' के रूप में जाना जाता है. जो 'बॉर्डर पर शासन करके राष्ट्र' की चीनी रणनीति के तहत बनाए गए हैं. चीनी पक्ष में एलएसी के पार कई ऐसे गांव हैं. वे मानचित्रों में भारतीय क्षेत्र के अंदर दिखते हैं, क्योंकि हम अपने मानचित्रों में उन क्षेत्रों का दावा करते हैं. जैसे हम पीओके का दावा करते हैं. लेकिन उन क्षेत्रों में 1959 से चीन का नियंत्रण है.

तेजपुर : रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल हर्षवर्धन पांडेय ने ईटीवी भारत से बात की. उन्होंने कहा कि जिस समाचार को प्रसारित किया गया था, वह पूरी तरह निराधार था और यह सच नहीं है. एक गांव का निर्माण जो सत्य है, लेकिन भारतीय क्षेत्र के अंदर नहीं है. यह चीनी क्षेत्र के अंदर है. लेफ्टिनेंट कर्नल हर्षवर्धन पांडे ने एक विशेष साक्षात्कार में ईटीवी भारत को बताया कि 1959 से उन गांवों पर चीन का कब्जा है.

भारतीय सीमा क्षेत्र में चीन के निर्माण की खबर आधारहीन है

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बताया कि यह भारतीय मानचित्र में है, लेकिन पीओके की तरह भारतीय द्वारा कब्जा नहीं किया गया है. उन गांवों को 'शियाओकांग विलेज' के रूप में जाना जाता है. जो 'बॉर्डर पर शासन करके राष्ट्र' की चीनी रणनीति के तहत बनाए गए हैं. चीनी पक्ष में एलएसी के पार कई ऐसे गांव हैं. वे मानचित्रों में भारतीय क्षेत्र के अंदर दिखते हैं, क्योंकि हम अपने मानचित्रों में उन क्षेत्रों का दावा करते हैं. जैसे हम पीओके का दावा करते हैं. लेकिन उन क्षेत्रों में 1959 से चीन का नियंत्रण है.

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