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भारतीय सेना की चिनार कॉर्प्स ने 74वां इन्फैंट्री डे मनाया

श्रीनगर में चिनार कॉर्प्स ने बादामी बाग स्थित छावनी में 74वां इन्फैंट्री डे मनाया. समारोह में लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू का सम्मान किया गया. साथ ही 1947 में हुए युद्ध में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी गई.

चिनार कॉर्प्स ने 74 वां इन्फैंट्री डे मनाया
चिनार कॉर्प्स ने 74 वां इन्फैंट्री डे मनाया
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Published : Oct 27, 2020, 3:56 PM IST

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में चिनार कॉर्प्स ने बादामी बाग स्थित छावनी में 74वां इन्फैंट्री डे मनाया. इस दौरान भारतीय सेना ने 1947 में जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी आक्रमणकारियों के साथ हुई लड़ाई में सर्वोच्च बलिदान दोने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की.

समारोह की शुरुआत चिनार कॉर्प्स के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू के सम्मान समारोह के साथ हुई.

चिनार कॉर्प्स ने 74 वां इन्फैंट्री डे मनाया

समारोह में शामिल हुए चिनार कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने कहा कि मैं कठिन इलाकों और पहाड़ी इलाकों में तैनात सेना के जवानों को बधाई देता हूं, वह वहां पहुंचे हैं, जहां कोई नहीं पहुंच सकता.

इसके बाद सभी रैंकों के अधिकारियों ने बादामी बाग छावनी में युद्ध स्मारक पर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी.

बता दें, इन्फैंट्री दिवस को स्वतंत्र भारत की पहली सैन्य घटना की याद के रूप में मनाया जाता है. भारतीय सेना ने 27 अक्टूबर, 1947 को कश्मीर घाटी में भारतीय जमीन पर हुए पहले हमले का मुहतोड़ जवाब देते हुए जीत हासिल की थी.

पढ़ें - इन्फेंट्री डे : सीडीएस रावत और सेना प्रमुख नरवणे ने दी शहीदों को श्रद्धांजलि

1947 में आजादी के बाद पाकिस्तान ने कश्मीर पर कब्जा करने की योजना बनाई. इसके लिए पाकिस्तान ने कबायली पठानों को कश्मीर में घुसपैठ के लिए भेजा. कबायलियों की फौज ने 24 अक्टूबर, 1947 को कश्मीर पर धावा बोल दिया.

हमले के बाद महाराज हरि सिंह ने भारत से मदद मांगी और भारतीय सेना की सिख रेजिमेंट की पहली बटालियन से एक पैदल सेना कश्मीर को कबायलियों से मुक्त कराने निकल पड़ी.

गौरतलब है कि, स्वतंत्र भारत के इतिहास में आक्रमण करने वालों के खिलाफ यह पहल सैन्य अभियान था. भारतीय सेना ने कबायलियों के चंगुल से कश्मीर को 27 अक्टूबर, 1947 को मुक्त करा लिया.

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में चिनार कॉर्प्स ने बादामी बाग स्थित छावनी में 74वां इन्फैंट्री डे मनाया. इस दौरान भारतीय सेना ने 1947 में जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी आक्रमणकारियों के साथ हुई लड़ाई में सर्वोच्च बलिदान दोने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की.

समारोह की शुरुआत चिनार कॉर्प्स के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू के सम्मान समारोह के साथ हुई.

चिनार कॉर्प्स ने 74 वां इन्फैंट्री डे मनाया

समारोह में शामिल हुए चिनार कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने कहा कि मैं कठिन इलाकों और पहाड़ी इलाकों में तैनात सेना के जवानों को बधाई देता हूं, वह वहां पहुंचे हैं, जहां कोई नहीं पहुंच सकता.

इसके बाद सभी रैंकों के अधिकारियों ने बादामी बाग छावनी में युद्ध स्मारक पर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी.

बता दें, इन्फैंट्री दिवस को स्वतंत्र भारत की पहली सैन्य घटना की याद के रूप में मनाया जाता है. भारतीय सेना ने 27 अक्टूबर, 1947 को कश्मीर घाटी में भारतीय जमीन पर हुए पहले हमले का मुहतोड़ जवाब देते हुए जीत हासिल की थी.

पढ़ें - इन्फेंट्री डे : सीडीएस रावत और सेना प्रमुख नरवणे ने दी शहीदों को श्रद्धांजलि

1947 में आजादी के बाद पाकिस्तान ने कश्मीर पर कब्जा करने की योजना बनाई. इसके लिए पाकिस्तान ने कबायली पठानों को कश्मीर में घुसपैठ के लिए भेजा. कबायलियों की फौज ने 24 अक्टूबर, 1947 को कश्मीर पर धावा बोल दिया.

हमले के बाद महाराज हरि सिंह ने भारत से मदद मांगी और भारतीय सेना की सिख रेजिमेंट की पहली बटालियन से एक पैदल सेना कश्मीर को कबायलियों से मुक्त कराने निकल पड़ी.

गौरतलब है कि, स्वतंत्र भारत के इतिहास में आक्रमण करने वालों के खिलाफ यह पहल सैन्य अभियान था. भारतीय सेना ने कबायलियों के चंगुल से कश्मीर को 27 अक्टूबर, 1947 को मुक्त करा लिया.

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