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शी के नेतृत्व में चीन हो गया आक्रामक : निक्की हेली

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत न‍िक्‍की हेली ने कहा है क‍ि शी ज‍िनपिंग के नेतृत्‍व में चीन का व्‍यवहार और ज्‍यादा आक्रामक हो गया है. उन्होंने कहा कि यह रवैया ज्यादा समय तक नहीं चल सकता.

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Published : Jul 29, 2020, 8:00 PM IST

 निक्की हेली
निक्की हेली

वॉशिंगटन : संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत निक्की हेली ने कहा कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व में चीन का व्यवहार और आक्रामक तथा परेशान करने वाला हो गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि यह रवैया ज्यादा समय तक नहीं चल सकता.

भारतीय-अमेरिकी हेली ने एक साक्षात्कार में कहा कि संयुक्त राष्ट्र में उनके कार्यकाल के दौरान चीन शांत और रणनीतिक था. चीन यह सुनिश्चित करता था कि कुछ निश्चित क्षेत्रों में उसे जगह मिले और अपने कामों को वह गुपचुप तरीके से अंजाम देने की कोशिश करता था.

हेली ने आरोप लगाया कि फिर जैसे ही राष्ट्रपति शी ने खुद को एक तरह से राजा घोषित किया, वह बहुत ही आक्रामक हो गए, परेशान करने लगे. उन्होंने देशों पर दबाव बनाते हुए सीधे-सीधे अपने पक्ष में मतदान करने को कहना शुरू कर दिया. संयुक्त राष्ट्र में पद और नेतृत्व की भूमिकाओं की मांग करते हुए उन्होंने अपना रुख आक्रामक कर लिया और सभी को नीचा दिखाने लगे.

हैली ने कहा कि 'बेल्ट एंड रोड' पहल के साथ चीन ने वास्तव में इन अवसंरचनाओं को खरीदने या बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर छोटे देशों के साथ साझेदारी करने की कोशिश शुरू कर दी.

पढ़ें : अमेरिका का आरोप- चीन दक्षिण चीन सागर पर कर रहा आक्रामक व्यवहार

उन्होंने कहा कि दुनियाभर के अन्य देशों को चीन का रवैया पसंद नहीं आ रहा. अब हम देखते हैं कि उसका रवैया कितना आक्रामक हो गया है, लेकिन यह लंबे समय तक नहीं चलेगा. जब कोई देश अपने लोगों को स्वतंत्रता नहीं देता, वहां यकीनन एक समय ऐसा आता है, जब लोग विद्रोह कर देते हैं. हेली ने 2018 में संयुक्त राष्ट्र में अपने पद से इस्तीफा दिया था.

वॉशिंगटन : संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत निक्की हेली ने कहा कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व में चीन का व्यवहार और आक्रामक तथा परेशान करने वाला हो गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि यह रवैया ज्यादा समय तक नहीं चल सकता.

भारतीय-अमेरिकी हेली ने एक साक्षात्कार में कहा कि संयुक्त राष्ट्र में उनके कार्यकाल के दौरान चीन शांत और रणनीतिक था. चीन यह सुनिश्चित करता था कि कुछ निश्चित क्षेत्रों में उसे जगह मिले और अपने कामों को वह गुपचुप तरीके से अंजाम देने की कोशिश करता था.

हेली ने आरोप लगाया कि फिर जैसे ही राष्ट्रपति शी ने खुद को एक तरह से राजा घोषित किया, वह बहुत ही आक्रामक हो गए, परेशान करने लगे. उन्होंने देशों पर दबाव बनाते हुए सीधे-सीधे अपने पक्ष में मतदान करने को कहना शुरू कर दिया. संयुक्त राष्ट्र में पद और नेतृत्व की भूमिकाओं की मांग करते हुए उन्होंने अपना रुख आक्रामक कर लिया और सभी को नीचा दिखाने लगे.

हैली ने कहा कि 'बेल्ट एंड रोड' पहल के साथ चीन ने वास्तव में इन अवसंरचनाओं को खरीदने या बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर छोटे देशों के साथ साझेदारी करने की कोशिश शुरू कर दी.

पढ़ें : अमेरिका का आरोप- चीन दक्षिण चीन सागर पर कर रहा आक्रामक व्यवहार

उन्होंने कहा कि दुनियाभर के अन्य देशों को चीन का रवैया पसंद नहीं आ रहा. अब हम देखते हैं कि उसका रवैया कितना आक्रामक हो गया है, लेकिन यह लंबे समय तक नहीं चलेगा. जब कोई देश अपने लोगों को स्वतंत्रता नहीं देता, वहां यकीनन एक समय ऐसा आता है, जब लोग विद्रोह कर देते हैं. हेली ने 2018 में संयुक्त राष्ट्र में अपने पद से इस्तीफा दिया था.

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