नई दिल्ली : पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने केंद्र सरकार के बजट 2020 पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि भविष्यवाणियों के लिए भाजपा सरकार किस रहस्यमय प्रणाली का उपयोग कर रही है? चिदंबरम ने कहा कि हर वर्ष सरकार का अनुमान गलत हो जाते हैं और हर साल यह और कम हो जाता है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने शनिवार को पेश आम बजट को लेकर दावा किया कि इससे साबित होता है कि केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की उम्मीद छोड़ चुकी है.
उन्होंने यह भी कहा कि इस बजट में रोजगार सृजन को लेकर कुछ नहीं कहा गया है.
चिदंबरम ने संवाददाताओं से कहा, 'मैंने हाल के वर्षों का सबसे लंबा बजट भाषण देखा. यह 160 मिनट तक चला. मुझे समझ नहीं आया कि बजट 2020-21 से क्या सन्देश देने का इरादा था.'
उन्होंने कहा, 'मुझे इस बजट में कोई यादगार विचार या बयान नहीं दिखा'
पूर्व वित्त मंत्री ने दावा किया कि सरकार अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने, निजी निवेश को प्रोत्साहित करने और रोजगार के अवसर पैदा करने की उम्मीद छोड़ चुकी है.
उन्होंने कहा, ' सरकार यह नहीं मान रही है कि अर्थव्यवस्था संकट में है। सरकार सुधार में यकीन नहीं करती.'
चिदंबरम ने सवाल किया, 'क्या वित्त मंत्री ने आर्थिक समीक्षा नहीं पढ़ी? मुझे लगता है कि नहीं पढ़ी.'
जनता ऐसा बजट नहीं चाहती थी और इस बजट के लिए भाजपा को वोट नहीं दिया था.
उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2019 में सरकार ने 12 प्रतिशत जीडीपी की भविष्यवाणी की थी लेकिन वास्तव में वह गिरकर 11.2 प्रतिशत रह गई.
इसके बाद 2020 में 12 प्रतिशत जीडीपी की भविष्यवाणी की. वह गिरकर 7.5 प्रतिशत रह गई और अब जब वित्तीय वर्ष 2021 में 10 प्रतिशत जीडीपी का अनुमान है, तो पता नहीं यह गिरकर कहां जाएगी.
उन्होंने कहा कि पता नहीं वित्तमंत्री किस आधार पर अनुमान लगा रही हैं. वित्तीय वर्ष 2020 में ग्रोस वैल्यू 11.1 प्रतिशत से गिरकर 7.6 प्रतिशत रह गई. कांग्रेस ने कहा कि सभी आर्थिक संकेतक गिर गए हैं और रियल जीडीपी 11 साल के निचले स्तर पर है.