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समय से शुरू होगी चार धाम यात्रा, श्रद्धालु कर सकेंगे ऑनलाइन दर्शन

उत्तराखंड में होने वाली चारधाम यात्रा की शुरुआत तय तिथि पर ही होगी, लेकिन श्रद्धालुओं के आगमन पर अभी संशय बना हुआ है. ऐसे में चार धाम यात्रा को लेकर ईटीवी भारत ने गढ़वाल कमिश्नर रविनाथ रमन से खास बातचीत की. वहीं सरकार द्वारा श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था की जा रही है.

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Published : Apr 14, 2020, 5:40 PM IST

देहरादून : उत्तराखंड की लाइफलाइन और विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा 26 अप्रैल को अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही शुरू हो रही है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में गढ़वाल आयुक्त रविनाथ रमन ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि चार धाम यात्रा तय समय पर ही शुरू होगी, लेकिन श्रद्धालुओं को अभी आने की इजाजत नहीं होगी.

आयुक्त रविनाथ रमन ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार से कोई निर्देश नहीं आ जाता, तब तक श्रद्धालुओं को आने की इजाजत नहीं दी जाएगी. उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं के लिए उत्तराखंड सरकार तमाम सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर चार धाम के ऑनलाइन दर्शन करवाएगी. इसके साथ ही रावल को भी ऑनलाइन जोड़ने की तैयारी की जा रही है.श्रद्धालु सुबह-शाम की आरती के अलावा विशेष पूजान और अनुष्ठान का भी ऑनलाइन दर्शन कर सकेंगे.

देखें ईटीवी भारत की रिपोर्ट

लॉकडाउन के चलते चारधाम के कपाट खोलने और व्यवस्थाओं को पूरी करना राज्य सरकार के सामने बड़ी चुनौती है. मंदिरों के कपाट तो मुहूर्त के अनुसार तय तिथियों पर खोल दिए जाएंगे. लेकिन भगवान के दर्शन के लिए भक्त कब उनके धाम पर पहुंचेंगे, अभी तस्वीर पूरी तरह से साफ नहीं है.

26 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खोले जाएंगे. इसके साथ ही 29 अप्रैल को बाबा केदारनाथ और 30 अप्रैल को बदरी विशाल के कपाट पूरे विधि विधान से खोले जाएंगे.

उत्तराखंड के चारधामों में गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट सेमवाल और उनियाल समुदाय के पुजारी खोलते हैं और पूरे विधि विधान से पूजा-पाठ करते हैं. केदारनाथ धाम के कपाट कर्नाटक के लिंगायत समुदाय के पुजारी खोलते हैं. लॉकडाउन के चलते सरकार कर्नाटक और केरल से पुजारियों को एयरलिफ्ट करा सकती है.

पढ़ें-भारत में लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने के फैसले की डब्ल्यूएचओ ने सराहना की

देहरादून : उत्तराखंड की लाइफलाइन और विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा 26 अप्रैल को अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही शुरू हो रही है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में गढ़वाल आयुक्त रविनाथ रमन ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि चार धाम यात्रा तय समय पर ही शुरू होगी, लेकिन श्रद्धालुओं को अभी आने की इजाजत नहीं होगी.

आयुक्त रविनाथ रमन ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार से कोई निर्देश नहीं आ जाता, तब तक श्रद्धालुओं को आने की इजाजत नहीं दी जाएगी. उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं के लिए उत्तराखंड सरकार तमाम सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर चार धाम के ऑनलाइन दर्शन करवाएगी. इसके साथ ही रावल को भी ऑनलाइन जोड़ने की तैयारी की जा रही है.श्रद्धालु सुबह-शाम की आरती के अलावा विशेष पूजान और अनुष्ठान का भी ऑनलाइन दर्शन कर सकेंगे.

देखें ईटीवी भारत की रिपोर्ट

लॉकडाउन के चलते चारधाम के कपाट खोलने और व्यवस्थाओं को पूरी करना राज्य सरकार के सामने बड़ी चुनौती है. मंदिरों के कपाट तो मुहूर्त के अनुसार तय तिथियों पर खोल दिए जाएंगे. लेकिन भगवान के दर्शन के लिए भक्त कब उनके धाम पर पहुंचेंगे, अभी तस्वीर पूरी तरह से साफ नहीं है.

26 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खोले जाएंगे. इसके साथ ही 29 अप्रैल को बाबा केदारनाथ और 30 अप्रैल को बदरी विशाल के कपाट पूरे विधि विधान से खोले जाएंगे.

उत्तराखंड के चारधामों में गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट सेमवाल और उनियाल समुदाय के पुजारी खोलते हैं और पूरे विधि विधान से पूजा-पाठ करते हैं. केदारनाथ धाम के कपाट कर्नाटक के लिंगायत समुदाय के पुजारी खोलते हैं. लॉकडाउन के चलते सरकार कर्नाटक और केरल से पुजारियों को एयरलिफ्ट करा सकती है.

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