हैदराबाद : वायुसेना प्रमुख आर.के. एस. भदौरिया ने रक्षा क्षेत्र में भारतीय वायुसेना के महत्वपूर्ण भूमिका निभाना जारी रखने पर बल देते हुए शनिवार को कहा कि मौजूदा दशक में युद्ध की पद्धतियों और स्वरूप में अहम बदलाव नजर आने की संभावना है.
भदौरिया ने कहा कि वायुसेना ने अपनी स्थापना के बाद से चुनौतीपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं. उन्होंने कहा, 'मौजूदा दशक में युद्ध की पद्धतियों और स्वरूप में अहम बदलाव नजर आने की संभावना है.'
वायुसेना प्रमुख ने नजदीक के डुंडीगल स्थित एयरफोर्स एकेडमी में संयुक्त स्नातक परेड के दौरान कहा, 'भारतीय वायुसेना रक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाना जारी रखेगी और आप उन प्रमुख लोगों के समूह में शामिल होंगे, जिनसे यह कर दिखाने को कहा जाएगा.'
उन्होंने भरोसा जताया कि सफलतापूर्वक अपना प्रशिक्षण पूरा करने वाले फ्लाइट कैडेट प्रत्येक कार्य को निपुणता से पूरा करेंगे.
उन्होंने कहा, 'जब हम युद्ध के समूचे परिदृश्य में दुश्मन से लड़ने की तैयारी कर रहे हैं, ऐसे में हमें मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियानों में तथा उभरने वाली किसी अन्य जरूरी भूमिका में भी राष्ट्र की सक्रियता से अवश्य मदद करना चाहिए.'
वायुसेना की फ्लाइंग एवं ग्राउंड ड्यूटी शाखाओं के 127 फ्लाइट कैडेट के प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा होने पर इस परेड का आयोजन किया गया था.
वायु सेना द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई.
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बयान के अनुसार 21 महिला अधिकारी भारतीय वायुसेना में शामिल हुईं. भदौरिया ने परेड का निरीक्षण करने के बाद प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके सभी फ्लाइट कैडेट को प्रेजिडेंट कमीशन प्रदान किया.
वायु सेना अकादमी के कमांडेंट ने प्रशिक्षण में सफल सभी कैडेट को शपथ दिलाई.
विज्ञप्ति के अनुसार शनिवार को नए कमीशन प्राप्त करने वाली अधिकारियों में गाजियाबाद की आरती तोमर भी शामिल हैं, जो इस बैच में फाइटर ब्रांच की एकमात्र महिला अधिकारी हैं.